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सऊदी अरब साम्राज्य के युवराज, उप-राष्ट्रपति और रक्षा मंत्री, महामहिम मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुलअज़ीज़ अल सऊद के सम्मान में आयोजित राजभोज पर भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द का अभिभाषण

राष्ट्रपति भवन : 20.02.2019

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• महामहिम, युवराज मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुल-अज़ीज़ अल सऊद,

• विशिष्ट अतिथिगण,

• देवियो और सज्जनो,

1. महामहिम युवराज, मैं आपका और आपके विशिष्ट प्रतिनिधिमंडल का भारत में हार्दिक स्वागत करता हूं।

2. दोनों मुक़द्दस मस्जिदों के निग़रान, महामहिम किंग अब्दुल्ला की 2006 में और महामहिम किंग सलमान की 2014 में नई दिल्ली की ऐतिहासिक यात्रा की शानदार यादें हमारे दिलों में अभी भी ताज़ा हैं।

3. 2016 में हमारे प्रधानमंत्री ने सऊदी अरब की यात्रा की थी और उससे हमारी रणनीतिक साझेदारी को और विस्तार मिला।

4. महामहिम, हमारे दोनों देशों के बीच जो समृद्ध ऐतिहासिक संबंध रहे हैं, वे साझा सभ्यतागत जुड़ावों पर आधारित हैं। इन्‍हीं घनिष्ठ सम्बन्धों के परिणामस्‍वरूप हमारे बीच आर्थिक लेन-देन और हमारे लोगों के बीच परस्‍पर संबंधों में गर्मजोशी दिखाई दे रही है। भारत को जना-द्रीयाह 2018 में ‘विशिष्ट अतिथि’ के रूप में आमंत्रित करने के लिए हम आपके आभारी हैं।

5. एक दूसरे के साथ हमारे संबंध बहुत व्‍यापक रहे हैं। भारत के किस्से और कहानियां अरब के समुद्र तटों तक और आपके माध्यम से विश्व के अन्य हिस्सों तक पहुंचीं। कला और विज्ञान के अनेक अलग-अलग क्षेत्रों में दुनिया, अरबी प्रतिभा की कायल रही है। कर्मठ और जिज्ञासु अरबी विद्वानों ने भारत की अनेक रचनाओं का अनुवाद अरबी भाषा में किया। उन्‍होंने विश्‍व-प्रसिद्ध ‘‘पंचतंत्र’’ का अरबी अनुवाद ‘‘कलिला वा डिमना’’ के रूप में किया। इसी प्रकार, अरबी के ‘मौसिम’ से बना ‘मानसून’ शब्द हमारे लोगों के लिए अपने अरबी दोस्तों से, उनकी विद्वत्‍ता और भाईचारे का उपहार लेकर आया। ‘अजाइब-अल-हिन्द’ नामक पुस्तक में हमारे व्यापारियों और सौदागरों, दार्शनिकों तथा भिक्षुओं के बारे में अनेक संस्‍मरण दिए गए हैं। इनमें उनके बीच की एकजुटता और संपर्कों-संबंधों की दास्तांनें बयां हैं। हमारे लोगों के बीच के ऐतिहासिक संबंधों-सहकारों ने आधुनिक दुनिया के निर्माण में महत्‍वपूर्ण योगदान दिया है।

6. हमारे सदियों पुराने गहरे संबंधों के आधार पर, विविध पृष्ठभूमि के हमारे लोग, अपने-अपने लोकाचार और जीवन-मूल्यों को पोषित करते हुए, शांति और सौहार्द के साथ रहते आ रहे हैं। अपनी साझा सांस्कृतिक मान्यताओं, आर्थिक तालमेल तथा दुनिया में अमन-चैन की जुस्तजू को देखते हुए हम स्वाभाविक सहयोगी हैं। महामहिम, आपने अपने देश में, विशेष रूप से युवाओं और महिलाओं के हक़ में सामाजिक बदलाव और तरक्की के लिए काफ़ी प्रयास किये हैं, जिसकी हम गहरी सराहना करते हैं।

7. भारत, अपनी ऊर्जा सुरक्षा के लिए सऊदी अरब को भरोसेमंद साझेदार मानता है। हम अपने रणनीतिक पैट्रोलियम भंडार के निर्माण में आपकी सहभागिता का स्वागत करते हैं। विश्व की सबसे बड़ी उभरती हुई ग्रीन फील्ड ऑयल रिफाइनरी में अरामको की साझेदारी से भी हमें बहुत खुशी हुई है। और इंटरनेशनल सोलर अलायंस से जुड़ने पर हम आपका धन्यवाद करते हैं।

8. महामहिम, हम सऊदी अरब को इस क्षेत्र में और इसके परे भी, स्थायित्व लाने वाला घटक मानते हैं। अर्थव्यवस्था के विविधीकरण की दिशा में आपके दूरदर्शी नेतृत्व की हम सराहना करते हैं। हम आपके ‘विज़न 2030’ कार्यक्रम का स्वागत करते हैं। मैं आपको यकीन दिलाता हूं कि भारत, सऊदी अरब के विकास और तरक्की के लिए एक मजबूत और विश्वसनीय साझेदार बनना चाहता है। सऊदी अरब में काम कर रही हमारी कंपनियों ने, ख़ासकर प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में, जो कि भारत की ताक़त है, काफ़ी निवेश किया है और रोजगार पैदा किए हैं। हमारी विकास गाथा में, हमारे ‘मेक इन इंडिया’, ‘स्किल इंडिया’, ‘डिजिटल इंडिया’, स्टार्ट-अप इंडिया ’कार्यक्रमों में और हमारी उन्नत अवसंरचनात्मक परियोजनाओं में अपनी भागीदारी बढ़ाने की आपकी प्रतिबद्धता का हम स्‍वागत करते हैं।

9. महामहिम, आज आतंकवाद मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा है। पुलवामा में हुए बर्बरतापूर्ण आतंकवादी हमले की आपके द्वारा की गई कड़ी निन्दा और भारत के लोगों के समर्थन में खड़े होने के लिए हम आपका आभार व्‍यक्‍त करते हैं। भारत और सऊदी अरब को, और सही मायनों में, पूरे वैश्विक समुदाय को, इन शैतानी ताकतों का समूल नाश करने के लिए एकजुट हो जाना चाहिए। ऐसे कृत्यों के लिए जो भी लोग जिम्मेदार हैं, उनके लिए हमारे शांति प्रिय समाज में कोई स्थान नहीं है और उनके साथ कठोरता से एवं निर्णायक ढंग से निपटने की आवश्यकता है।

10. महामहिम, हमारे दोनों मैत्रीपूर्ण देशों के लोगों के बीच जुड़ाव सदियों पुराने हैं। सऊदी अरब ने बड़ी संख्‍या में प्रवासी भारतीयों को खुले दिल से अपनाया है और उन्हें तरक्की के लिए प्रोत्साहित किया है। अपने कठिन परिश्रम, पेशेवर दृष्टिकोण और शांति एवं प्रगति में प्रतिबद्धता के माध्यम से उन्होंने आपके विकास और समृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। हमें विश्‍वास है कि सऊदी अरब सरकार उनकी खुशहाली और भलाई सुनिश्चित करने के लिए अपना समर्थन बनाए रखेगी।

11. महामहिम, मैं एक बार फिर आपका हार्दिक स्वागत करता हूं। मुझे यकीन है कि आपकी यात्रा से हमारे बीच बेहतरीन द्विपक्षीय संबंधों की नई इबारत लिखी जाएगी।

शुकरन ! धन्यवाद।