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सूरीनाम के राष्ट्रपति श्री डिजायर डिलेनो बुतरस द्वारा आयोजित राजभोज में भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्‍द का संबोधन

सूरीनाम : 20.06.2018

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1. आपके स्वागतपूर्ण मधुर शब्‍दों और आपके हार्दिक आतिथेय के लिए मैं आप का धन्यवाद करता हूं। सूरीनाम की यात्रा करने वाला भारत का प्रथम राष्ट्रपति होने पर मैं सम्मान का अनुभव कर रहा हूं। आज,वास्तव में हमारे द्विपक्षीय संबंधों के लिए एक विशेष और ऐतिहासिक दिन है।

2. हमारे सहज रिश्‍तों और घनिष्ठ परस्‍पर जनसंपर्क ने हमें आपस में मिलाया है। सूरीनाम की,आपकी हरी-भरी दृश्‍यावली की और आपकी गर्मजोशी तथा प्रेम के किस्से भारत में खूब सुनाए जाते हैं। यहां अपने आगमन के बाद से मैंने जो देखा और अनुभव किया, वह हमारी उम्मीदों से कहीं ज्यादा है। मैं कहना चाहूंगा कि आपने मेरी यात्रा को सचमुच खास बना दिया है।

3. राष्ट्रपति महोदय,इस सुबह हमारी बातचीत में हमने अपनी मैत्री को घनिष्ठ और प्रगाढ़ बनाने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की है। आपकी संसद के विशिष्ट सत्र को संबोधित करना और आपके राष्ट्रीय स्मारकों के प्रति अपना गहरी श्रद्धा प्रकट करना मेरे लिए एक विशिष्‍ट सम्मान की बात रही है।

महामहिम,

4. हमारे बीच बहुत सी चीजें एक जैसी हैं। दोनों देश बहुपंथीय और बहुसांस्कृतिक हैं; हम दोनों अपनी-अपनी प्राचीन परंपराओं से गहराई के साथ जुड़े हुए हैं। हमारे युगों पुराने मूल्य हमें ऐसा संबल प्रदान करते हैंजिसने तेजी से बदलती हुई दुनिया के अवसरों और चुनौतियों के बीच हमारी यात्रा में हमें जड़ों से जुड़ा हुआ और सुस्थिर रखा हुआ है।

5. राष्ट्रपति महोदय,आपका देश ‘नूतन विश्व’का अंग है। सुदूर हिस्सों से आए हुए लोग और विचार यहां आपस में मिल गए हैं। जिन्होंने भी इन तटों पर कदम रखा, वे आपके होकर रह गए। इस संदर्भ में, मैं इस एकात्‍मकता के लिए आपकी जनता के प्रति गहरा सम्मान प्रकट करता हूं। मैं, सूरीनाम में भारतीयों के आगमन की 145वीं वर्षगांठ समारोह के बीच आपके मनमोहक देश में कदम रखना सचमुच अपना सम्‍मान समझता हूं। हमारे साझे इतिहास का यह महान अध्याय हम दोनों के लिए शक्ति का स्रोत बना रहेगा।

महामहिम,

6. हमारे दोनों देशों के बीच सुदृढ़ संबंध हैं। विकास साझेदारी, सांस्कृतिक सहयोग और परस्‍पर घनिष्ठ जन-संपर्क नेइसमें अनेक उपलब्धियां जोड़ दी हैं। बहुत सी दूसरी उपलब्धियां अभी हासिल की जानी हैं।

7. मैं हमारे व्यापार और निवेश रिश्‍तों में बढ़ोतरी की बड़ी संभावना देख रहा हूं। कृषि, पर्यटन, वानिकी, खनन, ऊर्जा और स्वास्थ्य ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें हमें और संभावनाओं की तलाश करनी है।

8. मुझे खुशी है कि हमने आज सौर ऊर्जा के क्षेत्र में नई शुरुआत की है। हमारे दोनों देश पर्यावरण की सुरक्षा के प्रति गहराई से प्रतिबद्ध हैं,इसलिए चाहे अमेजन के घने वर्षा वनहों या पवित्र गंगा नदी हो, हमें अपने आने वाले कल को बचाने के लिए तथा अपनी भावी पीढ़ियों को उनका बाजिब हक दिलाने के लिए मिल कर कार्य करना होगा।

9. मैं, अंतरराष्‍ट्रीय सौर गठबंधन के समर्थन के लिए सूरीनाम का आभारी हूं। जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने के हमारे साझे प्रयास में आपकी उपस्थिति हमारे और विश्व समुदाय केलिए शक्ति का एक स्रोत है।

महामहिम,

10. जब हम अपने साझे भविष्य पर बातचीत कर रहे हैं तब हमें अपने युवाओं पर भी ध्यान देना चाहिए। वे मिलकर बहुत से कार्य कर सकते हैं। वे साइबर स्पेस में या आयुर्वेद और योग के लाभों को समझने में परस्‍पर सहयोग कर सकते हैं। कल विश्व भर में अंतरराष्‍ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। राष्ट्रपति महोदय, मुझे खुशी है कि योग को समर्पित इस विशेष दिन को मनाने के लिए आप मेरे साथ शामिल होंगे। योग का उद्भव अवश्‍य ही भारत से हुआ है परंतु आज यहहमारी साझी वैश्विक विरासत का हिस्सा है। खुशी की बात है कि ऐसा पहली बार होगा कि दो राष्ट्राध्यक्ष मिलकर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाएंगे। मैं,आप सभी को,स्वस्थ बने रहने और अपने अंतर्मन की शांति के हमारे प्रयास में हमारे साथ शामिल होने के लिए आमंत्रित करता हूं।

महामहिम,

11. हमने मित्रों के रूप में सहयात्रा शुरू करने के बाद एक लंबा सफर तय किया है।आज हम भविष्य की एक महत्वाकांक्षी रूपरेखा पर सहमत हुए हैं। आइए, सूरीनाम और भारत के बीच के संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए कार्य करें। आइए, मैत्री के लिए संगठित हो जाएं।‘फूरवारत् इन व्रेंदशाप’।


12. इसी आशावादी विचार के साथ,महामहिमगण, देवियो और सज्जनो,आइए हम सब मिलकर:

- सूरीनाम के राष्ट्रपति और प्रथम महिला के स्वास्थ्य और खुशहाली की;

- सूरीनाम के लोगों की निरंतर प्रगति और समृद्धि की;

- तथा सूरीनाम गणराज्य और भारत गणराज्य के बीचनिरंतर और चिरस्थायी मैत्री की कामना करें।

धन्यवाद!