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सामुदायिक अभिनंदन समारोह में, भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्‍द का संबोधन

Paramaribo : 20.06.2018

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1. सूरीनाम आकर मुझे प्रसन्नता हुई है। मैं, भारत की ओर से, आपके सुंदर देश की पहली-पहली राजकीय यात्रा करने पर सम्मानित अनुभव कर रहा हूं। दक्षिण अमेरिका की मेरी यात्रा की शुरुआत सूरीनाम से होना कोई संयोग नहीं है। हमारे विशेष संबंधों की गर्मजोशी और घनिष्ठता ने मुझे सबसे पहले और सबसे अधिक आपकी ओर आकर्षित किया है।

2. उष्णकटिबंधीय देशों का स्‍वर्ग कहे जाने वाले ‘बीटिंग हार्ट ऑफ़ द अमेज़न’ अर्थात् सूरीनाम में अपने आगमन के बाद से आपके द्वारा व्यक्त प्रेम और भावात्‍मकता के लिए मैं आप का धन्यवाद करता हूं।

3. देवियो और सज्जनो, राष्ट्र का निर्माण पराक्रमी पुरुषों और महिलाओं के द्वारा होता है। परंतु सूरीनाम के निर्माता ज्‍यादा मजबूत मिट्टी के कड़े संकल्प और फौलादी हिम्‍मत वाले लोग थे। ये विचार अनायास ही उपजे नहीं हैं बल्कि ये मेरे सहज भाव हैं जो मेरे मन में उस समय आए जब आज सुबह मैं पवित्र मामा स्रानन तथा बाबा और माई स्मारक गया था। जेनी तेतारी की कथा और आपके ‘फालन हीरोज’ के त्याग ने मुझे स्वतंत्रता के लिए अर्थात् उत्पीड़न, पराधीनता और गुलामी से मुक्ति के हमारे संघर्ष का स्‍मरण करवा दिया।

4. और जो विभूति हमें यहां तक लेकर आई वह हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी थे। वह केवल हमारी ही नहीं बल्कि समूची मानवता की धरोहर हैं। हम सम्मानित महसूस करते हैं कि आपने अपने परिवेश में उनकी विरासत को संरक्षित रखा है। सूरीनाम की अपनी यात्रा की शुरुआत में मुझे उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का अवसर मिला। इस वर्ष के अंत में हम सूरीनाम सहित विश्व भर में उनके 150वीं जयंती समारोह आरंभ करेंगे। हम उनके जीवन और उनकी विरासत को पुनर्जीवित करने में आपके सहयोग के आकांक्षी हैं।

5. देवियो और सज्जनो, आपके खूबसूरत देश में मेरे आगमन के बाद से ही मैं आपकी जैव-विविधता से बढ़कर आप के जन-सामान्‍य की विविधता, आपके समृद्ध इतिहास और संस्कृति से अभिभूत हुआ हूं। आप के यहां अनेक नस्‍लों के लोग हैं परंतु आप ‘एक राष्ट्र’ हैं।

6. क्रियोली, जावानी, चीनी, हिंदुस्तानी, मरून और अमेर-इंडियन-इन सभी ने मिलकर आपके सतरंगी माहौल को सुंदर बनाया है। मामा स्रानन ने अपने सभी बच्चों को एक जैसी देखभाल और सम्मान देते हुए प्यार से अपनी बाहों में थामा हुआ है। आपकी राष्ट्रीय भावना की अनुगूंज महात्मा गांधी के इस कथन में बिल्‍कुल ठीक सुनाई देती है, ‘मैं नहीं चाहता कि मेरा घर दीवारों से घिरा हो और खिड़कियां बंद हो। मैं चाहता हूं कि सभी देशों की संस्कृति मेरे घर में जितनी हो सके उतनी स्वच्छंदता से प्रवेश करे परंतु मैं नहीं चाहता कि मेरे कदम डगमगा जाएं’।

7. हिंदुस्तानी समुदाय सूरीनाम के सामाजिक ताने-बाने का एक रंग-बिरंगा हिस्सा है। वे यहां बड़ी संख्या में हैं। वे कोलकाता से पारामारिबो तक की अपने पूर्वजों की कष्‍टप्रद यात्रा के किस्सों को अपने दिल में बसा कर रखे हुए हैं। बाबा और माई के पदचिह्नों में वे अपने अतीत, अपने गौरव और अपने इतिहास का अनुसरण करते हैं। करोड़ों भारतीय भी इनसे प्रेरणा ग्रहण करते हैं। कोलकाता में, पारामारिबो की अनुकृति के रूप में बाबा और माई का स्मारक हमारे सहज संबंधों का प्रमाण है।

8. मुझे खुशी है कि हिंदुस्तानी समुदाय सूरीनाम के समाज में भली-भांति घुल-मिल गया है,फिर भी, इस समुदाय ने अपनी परंपराओं और संस्कृति को संरक्षित और जीवन्‍त रखा है। भारत का संगीत हो, कला हो या भाषा हो, उसे यहां गौरवपूर्ण स्‍थान हासिल है। और सर्वोत्तम भारतीय सिनेमा का आनंद सभी उठाते हैं।

9. कल हम भारतीय सांस्‍कृतिक केन्‍द्र की आधारशिला रखेंगे। यह भारतीय संगीत और संस्कृति के उन्नयन के लिए समर्पित होगा। मुझे आशा है कि अन्य समुदाय भी इसकी यात्रा और सफलता में शामिल होंगे।

10. देवियो और सज्जनो, मुझे खुशी है कि आप इस देश में भारतीयों के आगमन की 145वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। परंतु जो बात मुझे सबसे ज्यादा प्रेरणाजनक लग रही है वह यह है कि सूरीनामी समाज का प्रत्येक सदस्य इन समारोह में भाग ले रहा है। और आप न केवल अपने समुदायों के साथ सौहार्द से रह रहे हैं बल्कि प्रकृति के साथ भी समरसता के साथ रह रहे हैं। मुझे बताया गया है कि आप विश्व के सबसे हरित देश हैं। आपके सघन वनों और नदी घाटियों में सदियों पुरानी प्रज्ञा और पारंपरिक ज्ञान विद्यमान है। हमें इनको वापस अपने आधुनिक जीवन में शामिल करना चाहिए। मुझे खुशी है कि आप सूरीनाम में राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस मनाते हैं। आज हमारे बीच पारंपरिक चिकित्सा और औषधीय पौधों के क्षेत्र में सहयोग के लिए सहमति हुई है। मुझे उम्मीद है कि हम मिलकर सूरीनाम और भारत की सर्वोत्तम क्षमताओं को एकजुट कर सकेंगे।

11. देवियो और सज्जनो, एक जैसे राजनीतिक प्रगति-पथ वाले दो विकासशील देशों के रूप में हमने इकट्ठे विकास किया है। आज सुबह हम अपनी साझेदारी को बढ़ाने और उसे तेज करने के लिए सहमत हुए हैं। हम सूरीनाम की प्रगति और विकास के लिए अपनी विशेषज्ञता को साझा करने के प्रति वचनबद्ध हैं। हम इसी भावना के साथ सौर ऊर्जा परियोजनाओं के विकास में आपकी सहायता करने के लिए तत्पर हैं। हमें उम्मीद है कि अंतरराष्‍ट्रीय सौर गठबंधन के अंतर्गत हमारी साझेदारी के दमकते हुए उदाहरण के तौर पर शीघ्र ही ये साझेदारियां दिन और रात जगमगाएंगी।

12. राष्ट्रपति महोदय, भारत के पास बयान करने के लिए बहुत सारी सुनहरी गाथाएं हैं। हमारी अर्थव्‍यवस्‍था, विश्व में सबसे तेजी से बढ़ती हुई प्रमुख अर्थव्यवस्था है। भारत की तस्वीर तेजी से बदल रही है। स्मार्ट सिटी से लेकर डिजिटल राजमार्ग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लेकर बिग डेटा, स्वच्छ ऊर्जा पद्धतियों से लेकर विद्युतचलित-आवागमन के रूप में, भारत में बहुत कुछ घटित हो रहा है। आइए, हमारे युवाओं, हमारे विश्वविद्यालयों और हमारे अनुसंधान समुदायों के बीच सहयोग के नए नेटवर्क का निर्माण करें। प्रौद्योगिकी और नवान्वेषण में जलवायु परिवर्तन, सतत कृषि और हमारे वनों के प्रबंधन के समाधान मुहैया कराने की अपार शक्ति मौजूद है। आइए, अपनी जनता की प्रगति और समृद्धि के लिए मिल कर कार्य करें।

13. भारत सतत, सुरक्षित और स्वस्थ विश्‍व का विकल्प प्रदान करने में अग्रता हासिल कर रहा है। हमारे प्रयासों से संयुक्त राष्ट्र ने सर्वसम्मति से प्रत्येक वर्ष अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का संकल्‍प अपनाया है। कल 21जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस है। मुझे खुशी है कि राष्ट्रपति बुतरस इस समारोह में मेरे साथ शामिल होंगे।2015 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा इस विशेष दिन की घोषणा के बाद से ऐसा पहली बार होगा जब दो राष्ट्राध्यक्ष मिलकर योग दिवस मनाएंगे। वास्तव में, यह एक ऐतिहासिक घटना होगी। योग एक प्राचीन परंपरा है जो शारीरिक और आध्यात्मिक आरोग्य को बढ़ावा देता है। यह आपके तन और मन, आपके विचार और कर्म के बीच संतुलन पैदा करता है। आइए, हमारी इस यात्रा में शामिल हों, यह एक ऐसी यात्रा है जो आपकी ही नहीं संपूर्ण मानवता की यात्रा है। मैं, कल पारामारिबो में योग दिवस आयोजनों में आपकी भागीदारी की प्रतीक्षा रहेगी।


14. राष्ट्रपति महोदय, देवियो और सज्जनो, मुझे आपकी भाषायी विविधता पर आश्चर्य होता है। हम भारतीय इसकी अत्‍यंत सराहना करते हैं क्योंकि हमारे यहां भी सैकड़ों भाषाएं और बोलियां पाई जाती हैं। मुझे बताया गया है कि डच और स्रानन-टोंगो के अलावा, आप 20अलग-अलग भाषाएं बोलते हैं। मुझे इनमें से कुछ भाषाओं को जानने का प्रयत्‍न करना चाहिए। इस देश में हिंदी का संरक्षण कर रहे हिंदुस्तानियों के सम्मान में, मैं हिंदी में कुछ वाक्य बोलना चाहूंगा :-

भाइयो और बहनो, आप सब से मिलकर मुझे सचमुच बहुत खुशी हो रही है। यह बड़े ही सम्मान की बात है कि आपने यहां हिन्दी को जीवित रखा है। मैं गर्व से कह सकता हूं कि इस नाते आप सब सूरीनाम में भारत की भाषा और संस्कृति को यहां के विभिन्न समुदायों के बीच फैलाने का काम बखूबी कर रहे हैं। इस प्रकार आपने अपने पूर्वजों की स्मृति को भी जीवित बनाए रखा है। इस के लिए आप सब बधाई के पात्र हैं। मैं आप सबसे आग्रह करता हूं कि इस कार्य को इसी तरह जारी रखिए। मैं कामना करता हूं कि यह उत्साहपूर्ण वातावरण सदैव कायम रहे।

15. और अब स्रानन-टोंगो में कुछ शब्द बोलता हूं :ब्रादा आंगा सीसा में टैग उनु ग्रान तांगी, में विंस उन वान स्‍वीट नेति गो मोरो फारा।

धन्यवाद।