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भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर के 64वें दीक्षांत समारोह में भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द का संबोधन

खड़गपुर : 20.07.2018

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1. मुझे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर के 64वें दीक्षांत समारोह में आकर अत्यंत प्रसन्नता हुई है। यह एक अग्रणी संस्‍थान है। यह संस्‍थान हमारे देश के प्रारंभिक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में से एक है और एक तरह से स्वतंत्रता के बाद तकनीकी और इंजीनियरिंग शिक्षा की शुरुआत इन्‍हीं संस्‍थानों से हुई।

2. दीक्षांत समारोह किसी भी शिक्षा संस्थान के लिए एक वि‍शिष्‍ट अवसर होता है। आज के दिन, स्नातक बन रहे लगभग 2500 विद्यार्थियों को उनकी वर्षों की मेहनत का फल मिला है। मैं उनके प्रोफेसरों और शिक्षकों तथा उनके परिजनों के प्रयास और त्याग का भी उल्लेख करना चाहूंगा। मैं आप सभी को बधाई देता हूं और प्रौद्योगिकी द्वारा परिभाषित, संचालित और विकसित दुनिया में कदम रखने पर अपनी शुभकामनाएं देता हूं। मुझे कोई संदेह नहीं है कि आप पेशेवर और व्यक्तिगत रूप से अपनी शिक्षा और मानव जनों के प्रति सहानुभूति के जरिए इस दुनिया को एक बेहतर स्थान बनाने में योगदान देंगे।

3. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर की शुरुआत एक समिति की संस्‍थापना से हुई; यह समिति सरकार द्वारा स्वतंत्रता के तुरंत बाद तकनीकी शिक्षा का जायजा लेने के लिए गठित की गई थी। नोबेल पुरस्‍कार विजेता ब्रिटिश विद्वान डॉ. ए.वी. हिल ने समिति की अध्यक्षता की थी। डॉ. हिल ने संयुक्त राज्य अमेरिका के एमआईटी की तर्ज पर एक संस्थान की स्थापना की सिफारिश की। इस संस्थान की परिकल्‍पना के लिए दुनिया के विशेषज्ञों की मदद लेना उचित ही था। गुज़रे वर्षों में, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर और वास्तव में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान नेटवर्क और समुदाय विश्व के लिए एक महत्वपूर्ण गवाक्ष बन गया है।

4. यह स्थिति, हमारे देश और हमारी सभ्यता की प्रकृति के अनुरूप ही है। इंजीनियरी से लेकर अर्थशास्त्र तक और चिकित्सा से लेकर प्रबंधन तक अनेक क्षेत्रों में विचार, विशेषज्ञता और ज्ञान के आदान-प्रदान ने हमारे नीतिगत विकल्पों और हमारे देश के विकास में योगदान दिया है। हमें इस पर गर्व करते रहना चाहिए।

5. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर परिवार भारत और विश्व के लिए एक मूल्यवान संसाधन है। स्नातक बन रहे विद्यार्थियों को शीघ्र ही महसूस होगा कि जहां भी आप जाएंगे, पीढ़ी दर पीढ़ी विख्यात पूर्व-विद्यार्थियों की उपलब्धियों से निर्मित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर का ब्रांड नाम और प्रतिष्ठा आपके साथ रहेगी। अब आप प्रौद्योगिकी और संपत्ति अर्जन तथा सबसे बढ़कर मानव जीवन को समृद्ध बनाने वाले अंतरमहाद्वीपीय प्रतिभा पुंज का हिस्‍सा हैं। आपके संस्थान ने अंतरराष्ट्रीय ग्रीष्म शीतकालीन कार्यक्रम की शुरुआत करके भारत के वैश्विक अकादमिक संपर्कों को मजबूत बनाने की दिशा में एक प्रमुख कदम उठाया है। बाद में मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने ग्लोबल इनिशिएटिव ऑफ एकेडमिक नेटवर्क ‘ज्ञान’ के रूप में इसका विस्तार किया।

6. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान परिवार का सबसे बड़ा सदस्य है। इसमें बड़ी संख्या में शैक्षिक इकाइयों, विद्यार्थी और संकाय सदस्‍यों की संख्‍या सर्वाधिक हैं। इसने ही सबसे पहले विशुद्ध विज्ञान और इंजीनियरिंग से आगे बढ़कर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान प्रणाली के दायरे को विविध और वृहद् बनाया है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर ने ही पहली बार एक बिजनेस स्कूल, एक विधि स्कूल और एक मेडिकल स्कूल की स्थापना की थी। आज इस परिसर में विज्ञान और प्रौद्योगिकी उद्यमिता पार्क, पेट्रोलियम इंजीनियरिंग केंद्र और यहां तक कि ‘सेंटर फॉर द साइंस ऑफ हैप्पीनेस’ भी है। मैं किसी दिन इसे अवश्य देखना चाहूंगा।

7. इनमें से अनेक स्कूल और केंद्र पूर्व-विद्यार्थियों द्वारा प्रदत्‍त निधि और प्रयासों के जरिए स्थापित किए गए।पूर्व-विद्यार्थी समुदाय का भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर के साथ लगाव और निरंतर साहचर्य अन्य शिक्षा संस्थानों के लिए एक आदर्श है।

8. पश्चिम बंगाल में पहला आई. आई. टी. खोले जाने का निर्णय बहुत सोच-समझ कर लिया गया था। पारंपरिक रूप से, बंगाल की इस धरती और समाज में शिक्षा को महत्‍व और सम्‍मान हमेशा मिलता रहा है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बंगाल में जे. सी. बोस और एस. एन. बोस से लेकर मेघनाद साहा आदि जैसी अनेक मशहूर हस्तियों ने जन्‍म लिया है। यह बहुत महत्‍वपूर्ण है कि आई. आई. टी. खड़गपुर, पूरे राज्‍य के लिए नवाचार और विकास का केन्‍द्र बने। इसे पश्चिम बंगाल की अर्थव्‍यवस्‍था को और मजबूत बनाने तथा राज्‍य के प्रतिभावान बेटे-बेटियों के लिए अवसर बढ़ाने में योगदान देना चाहिए। पश्चिम बंगाल ने आई. आई. टी. खड़गपुर को अपना पूरा सहयोग दिया है। आपके संस्थान को भी पश्चिम बंगाल की तरक्की में योगदान करना चाहिए। यहां पर मौजूद राज्‍यपाल श्री केशरी नाथ त्रिपाठी जी शिक्षा क्षेत्र से जुड़े रहे हैं और राज्‍य विश्‍वविद्यालयों के कुलाधिपति भी हैं। वह इस प्रक्रिया में अपना मार्गदर्शन प्रदान कर सकते हैं।

9. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर का शैक्षिक स्वरुप विविधतापूर्ण और परस्पर विषयी है, इससे अनेक संस्थानों के साथ संयुक्त अनुसंधान कार्यक्रमों की शुरुआत हो सकी है। इनमें भारतीय सांख्यिकी संस्थान, इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टीवेशन ऑफ साइंस तथा टाटा मेडिकल सेंटर शामिल हैं। ये सभी संस्‍थान कोलकाता में स्थित हैं। चाहे कृषि पैदावार हो या उभरते हुए संक्रामक रोग हों, चाहे नवीकरणीय ऊर्जा हो या कम लागत वाले मकानों और सतत शहरों का निर्माण हो, अपनी ज्ञान संपदा के साथ भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर को, हमारी इन गंभीर समस्याओं के समाधान खोजने में मदद करके राष्ट्र का मार्गदर्शन जारी रखना चाहिए।

10. मुझे बताया गया है कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर ने ‘सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन बिग डेटा एनालाइटिक्स फॉर रूरल डेवलपमेंट’ स्थापित करने के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इसमें बड़ी संख्‍या में हमारे देशवासियों की बेहतरी की व्यापक क्षमता मौजूद है।

देवियो और सज्‍जनो और प्‍यारे विद्यार्थियो,

11. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान प्रणाली ने प्रत्येक भारतीय को खुशी और गौरव के अनेक क्षण प्रदान किए हैं। तथापि एक ऐसा मुद्दा है जो मुझे परेशान और चिंतित करता रहता है। यदि माध्यमिक स्तरीय बोर्ड परीक्षाओं परगौर किया जाए तो लड़कियां बहुत अच्‍छा प्रदर्शन करती हैं। वे अक्‍सर लड़कों को पीछे छोड़ देती हैं। भारत के राष्‍ट्रपति के रूप में देश भर में जिन कॉलेजों और विश्वविद्यालयों की मैंने यात्रा की है, उनमें मैंने पाया है कि छात्राओं ने छात्रों के मुकाबले अधिक पदक और पुरस्कार जीते हैं; लेकिन जब भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान की बात आती है तो छात्रों की प्रवेश संख्या दुखद रूप से कम होती है।

12. 2017 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों की संयुक्त प्रवेश परीक्षा (एडवांस्ड) में लगभग 1,60,000 उम्मीदवार शामिल हुए। उनमें लड़कियां केवल 30,000 थीं। 2017 में 10878 विद्यार्थियों ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों की स्नातक कक्षा में प्रवेश लिया। उनमें केवल 995 लड़कियां थीं। मैंने गौर किया है कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर में नामांकित 11653 विद्यार्थियों में से लड़कियां केवल 1925 हैं, और उनकी संख्‍या 16% से कुछ ही अधिक बैठती है।

13. इस स्थिति को बदलना होगा। हमें इस संख्या को बढ़ाने की जरूरत है। उच्चतर शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा हमारे देश के कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी आने वाले दशक में ही तर्कसंगत और स्वीकार्य स्तर तक बढ़ानी होगी। इसे एक राष्ट्रीय प्राथमिकता बनाना चाहिए तथा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान समुदाय को इसमें विशेष भूमिका निभानी चाहिए।इस चुनौती पर विजय प्राप्‍त किए बिना और हमारी बालिकाओं और हमारी युवतियों को आवश्यक अवसर प्रदान किए बिनाभारतीय समाज का विकास कदापि पूरा नहीं हो सकता। यह सामाजिक समानता के लिए उतना ही महत्वपूर्ण है जितना आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है। विशेष तौर पर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर को इस पर अमल करना चाहिए क्योंकि यह एक ऐसे राज्य में अवस्थित है जिसने ऐतिहासिक रूप से ऐसी विख्यात सफल महिलाएं देश को दी हैं जिन्होंने राष्ट्र निर्माण और हमारे समाज में प्रभूत योगदान दिया है। हम भाग्यशाली हैं किआज उनमें से एक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हमारे साथ हैं। उनसे मिलना सदैव सुखद होता है।

14. मुझे ज्ञात है कि सभी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में से आईआईटी खड़गपुर में नेतृत्वकारी भूमिकाओं मेंसबसे अधिक संख्‍या महिलाओं की है। इसका असर और अधिक छात्राओं की संख्‍या में दिखना चाहिए। आपके संस्थान ने स्नातक कार्यक्रम में बालिका उम्मीदवारों के लिए अतिरिक्त 113 सीटें सृजित की हैं। मुझे बताया गया है कि अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लेने के लिए इच्छुक महिला शोधकर्ताओं को वित्‍त सहायता मुहैया करवाने के लिए ‘इंफोसिस फाउंडेशन’ ने सहयोग की एक विशेष पहल की है। ये कदम बेहतर हैं परंतु हमारे सामने अभी बहुत काम शेष पड़ा है।

15. इस संदर्भ में मुझे विश्वास है कि ए.पी.जे अब्दुल कलाम इंटरनेशनल विजिटर्स गेस्ट हाउस के साथ-साथ सावित्रीबाई फुले गर्ल्स हॉस्टल उन दो इमारतों में से एक है जिसके लिए आज औपचारिक रूप से कार्य आरंभ हुआ है। इससे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर की ओर अधिक छात्राएं आकर्षित होंगी।

16. जिन नामों पर ये भवन बनाए जाते हैं, वे नाम सोच-समझकर चुने गए हैं। दूसरों से बहुत पहले सावित्री बाई फुले ने शिक्षा और विशेषकर बालिका शिक्षा के क्रांतिकारी स्वरूप को समझ लिया था। राष्‍ट्रपति कलाम राष्ट्र निर्माण में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के रोमांच को प्रतिबिम्बित करते हैं। इन दोनों विभूतियों ने अपने-अपने तरीके से भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान की भावना का प्रतिनिधित्व किया और उसे प्रोत्‍साहित किया। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के युवा स्नातकों के रूप में, आपको मिसाइल मैन, डॉक्टर कलाम और मेट्रो मैन, ई. श्रीधरन जैसी निस्वार्थ हस्तियों से प्रेरणा ग्रहण करनी चाहिए। उन्होंने दर्शाया है कि प्रौद्योगिकीविद और इंजीनियर वाकई हमारे समाज का स्‍वरूप बदल सकते हैं।

17. निष्कर्ष रूप में, मैं इस दीक्षांत समारोह के आयोजन के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर और इसके प्रशासन को बधाई देता हूं। एक बार फिर मैं स्नातक बने विद्यार्थियों को भी बधाई देता हूं। मुझे विश्वास है कि आप ऊंची महत्वाकांक्षा रखेंगे और जीवन में अग्रसर होकर अपने परिवार और संस्थान तथा संपूर्ण भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान समुदाय को गौरवान्वित करेंगे।

धन्यवाद

जय हिंद!