भारतीय समुदाय के स्वागत समारोह पर भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द का संबोधन
मनीला : 20.10.2019
1. मुझे आपके बीच यहां आकर प्रसन्नता हो रही है। गर्मजोशी से भरे इस विशेष स्वागत के लिए मैं आपको धन्यवाद देता हूं। हम सबने 2 अक्टूबर को पूरे विश्वमें महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाई। आपने भी मनीला में उनका पुण्य स्मरण किया। अभी हमने महात्मा गांधी और हमारे स्वतंत्रता संग्राम पर आधारित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम देखा। मुझे आशा है कि बापू के विचार और उनके त्याग से हमें अपने दैनिक जीवन में प्रेरणा प्राप्त होती रहेगी।
2. मुझे विदेशों में रहने वाले अपने भाइयों-बहनों से मिलकर हमेशा प्रसन्नता होती है। भारत के राष्ट्रपति के रूप में मैंने अब तक जिन 26 देशों की यात्रा की है, उन सभी में भारतीय समुदाय के लोगों के साथ मैंने मुलाक़ात की है और उनके साथ अपने विचारों को साझा किया है। सुदूर देशों में अपने लोगों से मिलना मेरे लिए एक भावनात्मक तथा विशेष अनुभव होता है और मुझे ऐसा महसूस होता है जैसा किसी को भी अपने आत्मीय जनों से मिलकर होता है।
3. फिलीपींस की मेरी राजकीय यात्रा एक महत्वपूर्ण अवसर पर हो रही है। इस वर्ष हम फिलीपींस के साथ अपने राजनयिक संबंधों की स्थापना की 70वीं जयंती मना रहे हैं। मैंने परसों फिलीपींस के राष्ट्रपति दुतेर्ते से मुलाकात की थी और द्विपक्षीय संबंधों के भावी स्वरूप के बारे में उनके साथ चर्चा की। राष्ट्रपति दुतेर्ते ने फिलीपींस में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों की बहुत सराहना की। उन्होंने आपके बारे में और भारतीय मूल के अपने मित्रों से दशकों पुराने संबंधों को लेकर बहुत अच्छे उद्गार व्यक्त किये।
4. मैंने एक व्यापारिक आयोजन को भी संबोधित किया। यहां आने से ठीक पहले मुझे कैसॉन सिटी के मिरिअम कॉलेज में महात्मा गांधी की आवक्ष प्रतिमा के अनावरण का सुअवसर भी प्राप्त हुआ। अपनी यात्रा के दौरान मुझे ‘जयपुर प्रोस्थेटिक फुट’ से लाभान्वित लोगों और भारत में सफलतापूर्वक लिवरट्रांसप्लांट करवाचुके शिशुओं के माता—पिता से बातचीत का अवसर भी प्राप्त हुआ। मुझे इस बात की बहुत प्रसन्नता है कि भारत की ओर से इस तरह की पहल और विदेशों के साथ हमारे बढ़ते सम्बन्धों का अभूतपूर्व लाभ साधारण लोगों को मिल रहा है।
5. फिलीपींस में बसा भारतीय समुदाय दशकों से दोनों देशों के बीच मित्रता की सुदृढ़ कड़ी रहा है। पिछले कुछ वर्षों में प्रवासी भारतीयों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। आप सभी फिलीपींस की अर्थव्यवस्था और समाज के प्रति अपना योगदान करने के साथ ही फिलीपींस में भारत और भारतीयों की छवि निखार रहे हैं। हम आपके इस योगदान को अत्यंत मूल्यवान मानते हैं।
6. मुझे प्रसन्नता है कि आपने इस देश में अपनी संस्कृति और परम्पराओं कोसंजोए रखा है। चाहे पंजाबी हो या सिंधी, तमिल हो या मलयालम, हिंदी हो या गुजराती-आपने दैनिक जीवन में अपनी भाषाओं को बचाए रखने का बहुत अच्छा कार्य किया है। मेरी जानकारी में फिलीपींस में योगाभ्यास काफी लोकप्रिय है और आयुर्वेद भी अपनी जगह बनाने लगा है। सबको नीरोग और सुखी बनाने के लिए हमारी इस धरोहर और ज्ञान के उपयोग के अधिक से अधिक प्रयास आपको करने चाहिए। हमारे लिए यह बड़े गर्व की बात है कि भारतीय समुदाय के लोग जहां भी जाते हैं, वे ‘वसुधैवकुटुम्बकम’—अर्थात् ‘सारा विश्व एक परिवार है’ के जीवन—मूल्यों को भी साथ लेकर जाते हैं। संघर्ष और हिंसा से ग्रस्त आज के युग में हमारी सभ्यता के यही जीवन-मूल्य विश्व के लोगों और देशों के बीच शांति और मैत्री सुनिश्चित कर सकते हैं।
7. यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि विशाल प्रवासी जन-समुदाय ने अपनी आध्यात्मिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए फिलीपींस में अनेक पूजास्थलों की भी स्थापना की है। मुझे बताया गया है कि इस सुंदर देश में हिंदू मंदिरों के अलावा 26 गुरुद्वारे अलग—अलग स्थानों में विद्यमान हैं। इस साल हम गुरु नानकदेव जी के 550वें प्रकाशोत्सव का आयोजन कर रहे हैं और मैं इस अवसर के लिए आप सभी को अपनी शुभकामनाएं देता हूं।
8. मैंने फिलीपींस में भारतीयों के मित्रवत हार्दिक सत्कार के अनेक संस्मरण सुने हैं। प्रोफेशनल्स,उद्यमियों और तकनीकी विशेषज्ञों के रूप में आपको अपना कार्य करने की पूरी स्वतंत्रता है और आपने इस देश की प्रगति तथा खुशहाली में अपना योगदान किया है। यहां के लोगों ने आपके साथ गर्मजोशी से भरा और स्वागतपूर्ण व्यवहारकिया है। इसी तरह का व्यवहार उन्होंने यहां चिकित्सा विज्ञान की पढ़ाई करने वाले हजारों भारतीय विद्यार्थियों के प्रति भी किया है। मेरी यात्रा के दौरान पर्यटन को बढ़ावा देने वाले समझौते पर हस्ताक्षर से दोनों देशों के लोगों के और निकट आने की संभावना है।
9. भारत और फिलीपींस के संबंध लोकतंत्र, पंथ-निरपेक्षता और बहुलवाद जैसे हमारे साझा मूल्यों के प्रति वचनबद्धता से प्रेरित हैं। हमारे संबंध पुराने भी हैं और नये भी। हमें समुद्र यात्राएं करने वाले अपने उन पूर्वजों पर स्वाभाविक रूप से गर्व होना ही चाहिए जिन्होंने एक सहस्राब्दी से भी अधिक पहले भारत और दक्षिण—पूर्व एशिया के बीच सांस्कृतिक और वाणिज्यिक संबंध स्थापित किये थे।
10. जहां तक फिलीपींस की बात है, इन प्राचीन संबंधों का पूरी तरह पता लगाया जाना और उन्हें प्रलेखित किया जाना अभी शेष है। परंतु हम यह निश्चित तौर पर जानते हैं कि फिलीपींस में ऐसी पुरानी कलाकृतियां उत्खनन में मिली हैं जिन पर भारतीय प्रभाव स्पष्ट है। फिलीपींस में खोजी गई सबसे प्राचीन कलाकृतिलगुना ताम्रलेख है जो संभवतः पल्लव लिपि से व्युत्पन्न ‘कवि’ लिपि में उत्कीर्ण है। अगुसान में देवी तारा की एक स्वर्ण प्रतिमा भी प्राप्त हुई है। स्पष्टत: ये पुरावशेष इस बात का प्रमाण हैं कि फिलीपींस के साथ हमारे संबंध नये नहीं हैं। राष्ट्रपति दुतेर्ते के साथ चर्चा के दौरान हमने इन प्राचीन संबंधों और सभ्यतागत संपर्कों का व्यवस्थित अध्ययन कराने का निर्णय लिया है।
11. भारत आज अनेक अवसरों और संभावनाओं से भरपूर देश है। अपने युवाओं की ऊर्जा को मुक्त अभिव्यक्ति प्रदान करने तथा भविष्योन्मुखी अवसंरचनाओं का निर्माण करने के लिए हम भारत में आमूल परिवर्तन लाने को कृतसंकल्प हैं ताकि निकट भविष्य में ही देश से घोर गरीबी का उन्मूलन हो सके। हमारा लक्ष्य 2025 तक देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का है। हम समावेशी विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं जिसमें समाज के प्रत्येक वर्ग का ध्यान रखा जा सके। हमारे सामाजिक—आर्थिक कार्यक्रमों से गरीब लोग खूब लाभान्वित हुए हैं। हमारा ‘आयुष्मान भारत’ कार्यक्रम विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है जिसके दायरे में 50 करोड़ लोगों को लाया गया है। हमारी जन—धन योजना के अंतर्गत 37 करोड़ से अधिक लोगों के लिए बैंक खाते खोलना आसान बनाया गया ताकि वे औपचारिक बैंकिंग अर्थव्यवस्था का लाभ उठा सकें।
12. नए भारत के निर्माण के अपने प्रयासों में हमें आपके समर्थन और सहयोग की आवश्यकता है। मैं आपकोआमंत्रित करता हूं कि आज भारत में उपलब्ध नवाचार, निवेश, अनुसंधान और शिक्षा के अवसरों सेलाभ उठाएं। हमें मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्किल इंडिया, गंगा संरक्षण परियोजना, स्वच्छ भारत मिशन, स्मार्ट सिटीज और जल जीवन मिशन जैसे प्रमुख कार्यक्रमों में आपकी सहभागिता की आवश्यकता है।
13. हम भारत में त्वरित प्रगति कर रहे हैं और उसी तीव्रता से विदेशों में भी हमारे प्रयासों में प्रगति हो रही है। फिलीपींस में निवेश और भारतीय कंपनियों की उपस्थिति से हमारी द्विपक्षीय आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि हो रही है। भारत—फिलीपींस व्यापार लगभग 2.5बिलियन अमेरिकी डॉलर के स्तर पर पहुंच गया है। परंतु तेजी से विकसित हो रही दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं के लिए द्विपक्षीय व्यापार की यह मात्रा अब भी अपर्याप्त है। इस क्षेत्र में बहुत संभावनाएं हैं जिनका दोहन किया जाना चाहिए। मुझे विश्वास है कि आपकी पहल और उद्यमिता के बल पर हम लोग दोनों देशों में समृद्धि लाने के लिए और भी बहुत कुछ कर सकते हैं।
14. प्रवासी भारतीयों के साथ अपना जुड़ाव मजबूत बनाने और आप सबकी आवश्यकताओं को पूरा करने के प्रति भारत गंभीरता से वचनबद्ध है। हमने आपके लिए ओ.सी.आई. प्राप्त करने के नियमों और विनियमों को पहले ही शिथिल कर दिया है। हमने कांसुलर सेवाएं प्रदान करने की प्रणाली को लोगों के प्रति संवेदनशील और मित्रतापूर्ण बनाया है। सोशल मीडिया मंचों और कम्यूनिटी नेटवर्क के माध्यम से हम जरूरतमंद लोगों तक पूरी कर्तव्यनिष्ठा से पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। हम आपके बच्चों को भारत में अध्ययन की सुविधा देने के लिए शिक्षा संस्थाओं में सीटें भी प्रदान कर रहे हैं। आपको अपनी जड़ों और अपनी संस्कृति से और गहराई से जोड़ने के लिए हम युवाओं और वयोवृद्ध लोगों के लिए ‘नो इंडिया कार्यक्रम’ संचालित कर रहे हैं। यहां फिलीपींस में भारतीय दूतावास अब मनीला में ही पासपोर्टों का मुद्रण प्रारंभ कर रहा है जिससे नया पासपोर्ट बहुत कम समय में ही बन जायेगा। हमारा प्रयास है कि हम आपकी सेवा में निरंतर बेहतरी लाते रहें।
15. आप सबको संबोधित करने का यह अवसर मेरी स्मृतियों में हमेशा बना रहेगा। मेरी कामना है कि आप अपने समस्त प्रयासों में सफल हों। मैं आप सबको दिवाली की अग्रिम शुभकामनाएं देता हूं। आपसे विदा लेने से पहले मैं आप सबको हार्दिक निमंत्रण देता हूं कि अगली बार आप जब भी दिल्ली आएं तो राष्ट्रपति भवन भी पधारें। वह मेरा राजकीय निवास अवश्य है, लेकिन उस पर सभी भारतीयों का हक है। हम आपके स्वागत के लिए प्रतीक्षारत हैं।