भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द जी का गुवाहाटी विश्वविद्यालय में नागरिक अभिनंदन समारोह के अवसर पर सम्बोधन
गुवाहाटी: 20.11.2017
1. गुवाहाटी विश्वविद्यालय के सुंदर प्रांगण में युवा छात्र-छात्राओं, शिक्षकों, शिक्षा से जुड़े अन्य लोगों, लेखकों, कलाकारों, खिलाड़ियों तथा अन्य क्षेत्रों में सक्रिय योगदान देने वाले लोगों की उपस्थिति से इस सभागार में एक विशेष ऊर्जा का संचार हो रहा है। आप सब इतनी बड़ी संख्या में यहां आए हैं। मैं आप सबको, राज्य सरकार को, और सभी आयोजकों को इस नागरिक अभिनंदन के लिए धन्यवाद देता हूं।
2. राष्ट्रपति के रूप में असम की अपनी पहली यात्रा में गुवाहाटीआकर मुझे अपने देश की वे महान परम्पराएं और उपलब्धियां याद आती हैं जिनके लिए भारत पूरे विश्व में सम्मानित रहा है।प्रागज्योतिषपुर और कामरूप में विकसित संस्कृति पूरे विश्व के लिए आकर्षण का केंद्र थी, यह ह्वेन सांगसे लेकरअल-बरूनी तक के उल्लेखों से पता चलता है।
3. आदिशक्तिकामाख्या पीठ और ब्रह्मपुत्र से जुड़ी अनेक लोक-मान्यताएं यहां के और पूरे भारत के जनमानस में बसी हुई हैं। कहा जाता है कि सृष्टि को बनाने वाले ब्रह्मा के पुत्र ने स्वयं नदी का रूप लेकर इस
क्षेत्र को समृद्ध किया है। और इसीलिए इस क्षेत्र जैसी प्राकृतिक सुंदरता पृथ्वी के गिने-चुने क्षेत्रों में ही देखने को मिलती है। मुझे असम की सुंदरता भूपेन हज़ारिका के एक गीत की याद दिलाती है
अहम आमार रूपोहि,गुनोरु नाई खेख़
भारो-तोरे पूर्बो दिहोर,हूर्जो उठा देख।
इसका अर्थ है: हमारा असम अत्यंत सुंदर है, इसके गुणों का कोई अंत नहीं है; जहां भारत के पूर्वी क्षितिज पर सूर्य का उदय होता है।
इस अति सुंदर राज्य में शंकरदेव औरमाधवदेव जैसी दिव्य विभूतियों ने अध्यात्म, कला और समाज को समृद्ध किया है। यहां की प्राचीनबोडो सभ्यता से बहुत कुछ सीखने को मिला है।ज्योतिप्रकाश अगरवाल औरबिष्णुप्रसादराभा से लेकरभूपेन हजारिका तक समाज को जोड़ने वाली महान कला परंपरा असम की विशेषता है। साथ ही अपने पराक्रम से मुगलों को परास्त करने वालेमहावीरलसितबड़फूकनजैसे शूरवीर भी इसी धरती पर पैदा हुए हैं। देश के स्वतन्त्रता संग्राम में और नए भारत के निर्माण में,भारत-रत्नलोकप्रिय गोपीनाथ बारदोलोई जैसे असम के सपूतों ने, और यहां की जनता ने महान योगदान दिया है। असम की अनेक विभूतियों मे से मैंने कुछ का ही उल्लेख किया है।
4.असम भारत के उत्तर-पूर्व क्षेत्र का द्वार है। भारत की भौगोलिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विविधता का उदाहरण असम में देखने को मिलता है। तेल,प्राकृतिक गैस, चाय,खनिजपदार्थ और रेशमसे जुड़े उद्योग यहां विकसित हैं। यहां पर्यटन उद्योग के विकास की अपार संभावना है।Infrastructure का विकास करके असम की और पूरे उत्तर-पूर्व क्षेत्र की प्रगति को बहुत ऊंचे स्तर तक ले जाया जा सकता है। कल मैं अरुणाचल में था। आज मैं असम में हूं। अरुणाचल से असम को जोड़ने वाले देश के सबसे बड़ेढोला सदिया भूपेन हजारिका सेतु के द्वारा अब अरुणाचल प्रदेश और असम के उस क्षेत्र में यात्रा का समय छह घंटे से घटकर केवल एक घंटे का रह गया है। तथा जिस सुविधा और जितनी बड़ी मात्रा में लोगों का और वस्तुओं का आवागमन हो सकता है उसकी कोई तुलना नहीं है। मुझे यह जानकार खुशी है कि असम में infrastructure की अनेक योजनाओं पर समयबद्ध तरीके से काम चल रहा है। इसका श्रेय केंद्र सरकार और राज्य सरकार, दोनों को जाता है
5.असम ने शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में सराहनीय कदम उठाए हैं। युवा प्रतिभा को रोजगार से जोड़ने के राष्ट्रीय अभियानों में राज्य ने सक्रियता दिखाई है। दिव्यांगों के लिए देश का पहला ITI डिब्रुगढ़ में खोला गया है। मैं इसके लिए राज्य सरकार की विशेष सराहना करता हूं।
6. असम में पर्यटन उद्योग की अपार संभावनाएं हैं।‘काजीरंगा’ और‘मानस’ जैसे आकर्षक केन्द्रों के कारण यह राज्य पहले से ही लोगों के tourist map का महत्वपूर्ण हिस्सा है। पर्यटन के लिए अच्छा eco-system तैयार करने की दिशा में काम चल रहा है। मुझे विश्वास है कि निकट भविष्य में ही हमें असम के पर्यटन उद्योग की क्षमता से यहां के नव-युवकों की प्रतिभा के उपयोग का आर्थिक और सामाजिक लाभ मिलने लगेगा।
7. राज्य में निवेश बढ़ाने के लिए सराहनीय प्रयास किए जा रहे हैं। फरवरी 2018 में होने वाले Global Investors Summit से निवेश के नए अवसर खुलेंगे।
8. मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि गुवाहाटी विश्वविद्यालय को देश के अग्रणी शिक्षण संस्थानों में गिना जाता है। इस विश्वविद्यालय जैसे शिक्षण संस्थानों में तैयार हो रही युवा पीढ़ी भारत को विश्व में प्रतिभा के अनुरूप उच्च स्थान दिलाने में सफल होगी, यह मेरा विश्वास है।
9. उपजाऊ जमीन, प्रचुर जल संसाधन, प्राकृतिक सौन्दर्य, खनिज पदार्थ और अच्छी शिक्षा की सुविधाओं के बल पर असम की जनता प्रगति के नए अध्याय लिख रही है। मैं पूरे असम की जनता को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता हूं।
धन्यवाद !
जय हिन्द !