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वियतनाम के राष्ट्रपति द्वारा उनके सम्मान में आयोजित राजभोज पर भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द का सम्बोधन

हनोई : 20.11.2018

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1. राष्ट्रपति महोदय, आपके गर्मजोशी भरे स्वागत और आपके भाव-भीने आतिथ्य के लिए मैं आभार व्यक्त करता हूं।

2. हमारे दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक और विशेष संबंध हैं। भारत में आपके और आपके साहसी लोगों के प्रति बहुत सम्मान है। आध्यात्मिकता, संस्कृति और बौद्ध तथा हिन्दू दर्शन के हमारे साझा जुड़ावों से पोषित हमारे सदियों पुराने संबंधों के कारण हमने मित्रों और साझीदारों के रूप में यह यात्रा की है।

3. चाम सभ्यता के समय से लेकर आधुनिक युग की हमारी व्यापक सामरिक भागीदारी तक, वियतनाम-भारत संबंध पारस्परिक सम्मान, विश्वास और सद्भावना से परिपूर्ण रहे हैं। आज, हमने और अधिक दृढ़ निश्चय और उद्देश्य के साथ आगे का रास्ता तय करने के लिए स्वयं को प्रतिबद्ध किया है।

4. हमारे लोगों ने एक दूसरे के साथ बहुत कुछ साझा किया है। लेकिन हमें उपभोक्‍ता वस्तुओं, हमारे विविध और जायकेदार व्‍यंजनों या हमारी मनोरम सांस्कृतिक अभिव्‍यक्तियों जैसे क्षेत्रों में आदान-प्रदान और बढ़ाना होगा।

5. मुझे विश्वास है कि आने वाले वर्षों में, हमारी साझेदारी नई ऊंचाइयों तक पहुंचेगी। और मुझे यकीन है कि सबसे तेजी से बढ़ती दो अर्थव्यवस्थाओं के रूप में भारत और वियतनाम, इस क्षेत्र और पूरी दुनिया को स्थिरता और विकास प्रदान करेंगे।

महानुभावो, देवियो और सज्जनो,

6. मैं आप सभी से अनुरोध करता हूं कि हम सब मिलकर-

- वियतनाम सोशलिस्ट रिपब्लिक के राष्ट्रपति और मैडम फर्स्ट लेडी के स्वास्थ्य और खुशहाली की;
- वियतनाम के लोगों की भलाई और समृद्धि की; तथा
- भारत और वियतनाम के बीच की मैत्री को चिरस्थायी बनाने की कामना करें।

धन्यवाद।