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भारतीय नौसेना अकादमी को ध्वज प्रदान करने के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री रामनाथ कोविन्द का संबोधन

एझिमला : 20.11.2019

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1. भारतीय नौसेना अकादमी को ध्वज प्रदान करने के लिए आज यहां आकर मुझे विशेष प्रसन्नता हो रही है। स्मार्ट परेड और सधे हुए प्रदर्शन के लिए मैं सभी मिडशिपमैन और कैडेटों को बधाई देता हूं। आज की सुबह, ऊर्जा से परिपूर्ण और उत्साहजनक इस परेड को देखकर भारतीय नौसेना अकादमी में दिए जा रहे प्रशिक्षण के उच्च मानकों का पता चलता है। इस अकादमी में विद्यमान अवसंरचना का स्तर यहाँ उपलब्‍ध शानदार सुविधाओं और अपनाई गई गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण व्‍यवस्‍था को देखकर मुझे विश्वास है किनौसेना ने भविष्य के ऐसे नेतृत्व, जो हमारे राष्ट्र का भविष्य भी है, के विकास में निवेश ठीक ही किया है।

2.‘राष्ट्रपति ध्वज’ एक ऐसा सर्वोच्च सम्मान होता है जो सेना की किसी यूनिट को शांति और युद्ध दोनों के ही समय, राष्ट्र के प्रति असाधारण सेवा के लिए प्रदान किया जाता है। इस अकादमी ने 1969 में कोच्चि के नौ-सेना बेस में अधिकारियों का प्रशिक्षण आरंभ किया था। तब से लेकर आज तक, कोच्चि से गोवा के आईएनएस मंडोवी और अब एझिमला तक की अकादमी की यात्रा काफी परिवर्तनकारी रही है। निसन्देह आज यह अकादमी एशिया महाद्वीप की सबसे बड़ी नौसेना अकादमी के रूप में गौरव से सिर उठाए खड़ी है। राष्ट्रपति ध्वज सम्मान प्राप्‍त करने और नौसेना अकादमी के 50 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर, मैं यहां उपस्थित आप सभी वर्तमान एवं पूर्व नौसैनिकों को आपके कठिन परिश्रम और समर्पण के लिए बधाई देता हूं जिसके कारण आज हम सभी को इस गौरवशाली दिवस का साक्षी होने का अवसर प्राप्‍त हुआ है।

3. भारत, लंबी तटरेखा वाला समुद्री राष्ट्र है। हमारे दोनों समुद्र तटों पर कई द्वीप हैं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा चौकियों का कार्य करते हैं और ये अत्यंत सामरिक महत्व के हैं। व्यापार और ऊर्जा की हमारी जरूरतों का बहुत बड़ा हिस्सा महासागरों के माध्यम से पूरा किया जाता है। इसलिए, देश की आर्थिक और अवसंरचनात्मक विकास के साथ ही, देशवासियों की भलाई सुनिश्चित करने की दृष्टि से सागरों और साझा समुद्री संपदा की सुरक्षा एक महत्वपूर्ण जरूरत बनी हुई है।

4. देश की समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारतीय नौसेना एक प्रमुख माध्यम है। आपको यह जानकर प्रसन्नता होगी कि हमारी नौसेना मेंअत्यधिक सक्षम और आधुनिकतम परिसंपत्तियां और उपकरण शामिल किए जा रहे हैं। हम डिजिटल युग में रह रहे हैं और भविष्य के युद्ध सूचना और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी लड़े जाएंगे। तकनीकी स्नातकों के रूप में, भारतीय नौसेना अकादमी के कैडेटों से यह अपेक्षा रहेगी कि वे, आवश्यकता पड़ने पर इन उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए बेहतर ढंग से तैयार रहेंगे तथा उन्नत होती प्रौद्योगिकी के अनुसार स्वयं को अद्यतन बनाए रखेंगे।इसलिए मैं आपसे आग्रह करता हूं किभविष्य की जटिल और अनिश्चित दुनिया में आगे बढ़ने के लिए बेहतर नेतृत्व-क्षमता प्राप्त करने की दृष्टि से अकादमी में अपने प्रशिक्षण से पूरा-पूरा लाभ उठाएं।

5. मुझे बताया गया है कि चाहे खेल हो, घुड़सवारी हो, नौकायन हो या अन्‍य जीवन कौशल हों, आप सभी ने प्रशिक्षण के विभिन्न क्षेत्रों में उत्‍कृष्‍टता प्राप्‍त की है। नौसेना के लिए यह बहुत शुभ संकेत है कि यहां ऐसे दक्ष विद्वान योद्धा तैयार किए जा रहे हैं जो न केवल अत्यधिक कठिन बीटेक पाठ्यक्रम पूर्ण करते हैं बल्कि खेल-कूद और अन्य शिक्षणेत्तर क्रियाकलापों में भी उत्कृष्टता हासिल करते हैं। मैं, हर विधा में पारंगत ऐसे अधिकारी तैयार करने के लिए कमांडेंट, सभी प्रशिक्षकों और प्रशिक्षण में शामिल सभी अधिकारियों को बधाई देता हूं। मुझे विश्वास है कि आप अपने देश को कभी भी झुकने नहीं देंगे।

6. आज सुबह सम्‍पन्‍न हुई शानदार परेड से अकादमी के उस उच्‍च प्रतिष्‍ठा का पता चलता है जो इसने बहुत ही कम अवधि में अपने लिए अर्जित की है। यहां से आगे की राह में आपको प्रत्येक क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करनी है और भारतीय नौसेना अकादमी को और अधिक ऊंचाइयों पर ले जाना है।

7. आज देश के समक्ष परंपरागत और विषम दोनों ही क्षेत्रों में सुरक्षा संबंधी अनेक चुनौतियां मौजूद हैं। चाहे वह पूर्ण रूप से घोषित युद्ध हो, प्राकृतिक आपदा हो, कानून व्यवस्था से संबंधित चुनौतियां हो या कोई राजनयिक अभियान हो, देश हर क्षण आपकी ओर उम्मीद भरी नजरों से देखता है। इस विश्वस्तरीय संस्थान से पास आउट होने वाले भावी पीढ़ी के अधिकारियों के लिए राष्ट्रपति ध्वज एक प्रेरणा स्रोत की तरह कार्य करेगा। भारतीय नौसेना के भावी नेतृत्वकर्ताओं के रूप में आपने यहां नेतृत्व कौशल का जो ज्ञान अर्जित किया है उससे जहां भी और जिस भी परिस्थिति में आवश्यकता होगी, वहां पुरुष और महिला अधिकारियों को नेतृत्व प्रदान करने का अनुपम विशेषाधिकार आपको प्राप्‍त होगा। आप विलक्षण हैं इसलिए नहीं कि आप दूसरों से अलग है बल्कि इसलिए कि आप उच्चतम आदर्शों का पोषण करते हैं। मैं चाहूंगा कि आप नौसेना के कर्तव्य, सम्मान और साहस के उन मूलभूत जीवन-मूल्यों को हमेशा याद रखें, जिनकी अपेक्षा सभी नौसेना अधिकारियों से आधारभूत मूल्यों के रूप में की जाती है।

8. मुझे विश्वास है कि आप सभी नौसैनिक भारतीय नौसेना, भारतीय तटरक्षक बलतथा राष्ट्र का ध्वज और सम्मान हमेशा ऊंचा रखेंगे। मैं भारतीय नौसेना अकादमी को इसके भविष्य के सभी प्रयासों के लिए शुभकामनाएं देता हूं।


धन्यवाद

जय हिंद!