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नवाचार और उद्यमिता महोत्सव के समापन सत्र की बैठक में प्रतिवेदन सारांश प्रस्तुति के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द का संबोधन

राष्ट्रपति भवन : 21.03.2018

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1. मुझे नवाचार और उद्यमिता महोत्सव 2018 के समापन सत्र में एक बार फिर आपके बीच उपस्थित होने पर खुशी हुई है। यह महोत्सव, अपूर्ण रह गई सामाजिक जरूरतों पर ध्यान देने तथा प्रौद्योगिकी और जिज्ञासा की सीमाओं के विस्तार के लिए नवाचारों हेतु एक सहयोगपूर्ण माहौल तैयार करने की भारत के हम सब लोगों की और विशेषकर राष्ट्रपति भवन की आकांक्षा को प्रतिबिंबित करता है। पिछले तीन दिनों के दौरान नीति निर्माताओं, बुनियादी नवान्वेषकों, विद्यार्थियों और अन्य हितधारकों के बीच विचार मंथन हुआ है। सामान्य और स्थानीय समुदायों के लिए नवाचारी उपाय किए जाने के तरीके खोजे गए हैं जिन्हें ऐसे उपायों से सबसे अधिक मदद मिल सकती है।

2. राष्ट्रीय नवाचार प्रतिष्ठान तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की साझेदारी से राष्ट्रपति सचिवालय द्वारा आयोजित नवाचार प्रदर्शनी के प्रति विशाल संख्या में लोग आकर्षित हुए हैं। इसने उद्योग, सरकार और नागरिक समाज को यह दर्शाया है कि किस प्रकार नवान्वेषक एक रचनात्मक व संवेदनशीलता भारत के लिए परस्पर सहयोगकर रहे हैं। परंतु नवाचारों को दर्शाना ही इस महोत्सव का एकमात्र उद्देश्य नहीं है। हमें अपने लोगों के लिए नवाचारी विचारों को सुगम और किफायती उत्पादों और सेवाओं में परिवर्तित करना होगा। अन्यथा ये विचार, कागज और कंप्यूटर स्क्रीन पर दिख रहे अच्छे विचारों के रूप में ही दर्ज रह जाएंगे।

3. मुझे खुशी है कि गांधीवादी युवा प्रौद्योगिकीय नवाचार पुरस्कार जीतने वाले विद्यार्थियों को किस प्रकार की सहायता चाहिए, यह तय करने के लिए उनके साथ राष्ट्रपति के सचिव की एक बैठक हुई है। बुनियादी नवाचारों को नवाचार पिरामिड के अन्य हिस्सों के साथ जोड़ना महत्वपूर्ण है तथा सामूहिक रूप से अपनाए जाने के लिए बुनियादी नवाचारों का दर्जा बढ़ाते हुए उनका रास्ता निर्बाध बनाना जरूरी है। पहला एप्पल कंप्यूटर एक गैराज में तैयार किया गया था परंतु स्टीव जॉब्स लोगों के जीवन में बदलाव तब शुरू कर पाए जब वे अपने नवाचार को गैराज से बाहर लेकर आए। हम गैराज को अपने कल्पना लोक में आकर्षक बना सकते हैं। परंतु नवान्वेषण को गैराज से निकालकर उत्पादों और सेवाओं के बाजार में ले आने का रास्ता ढूंढ़ना ज्यादा अहमियत रखता है।

4. किफायती नवाचार की अपनी दुनिया के भीतर हम अपने देश में यह कार्य किस प्रकार से कर सकते हैं? मुझे बताया गया है कि सार्वजनिक-क्षेत्र के बहुत से वैज्ञानिक बुनियादी नवाचारों के प्रमाणन और मूल्य-संवर्धन के लिए कोई भी शुल्क नहीं लेते। बौद्धिक संपदा फर्में भी ऐसा ही करती हैं। मैं उनकी सराहना करता हूं। इससे स्थानीय समुदायों और बुनियादी नवाचारियों को अनुसंधान और विकास गतिविधियों को बढ़ाने तथा बौद्धिक संपदा अधिकार का प्रयोग करने में मदद मिलेगी।

5. राष्ट्रीय नवाचार प्रतिष्ठान द्वारा प्रयोग में लाई जा रही टेक्नोलॉजी कॉमन्स की अवधारणा से इस प्रतिष्ठान के सदस्य, गैर-वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए दूसरों के नवाचारी विचारों का खुलकर प्रयोग कर पा रहे हैं। केवल वाणिज्यिक फर्मों को ही इन नवाचारों के इस्तेमाल के लिए लाइसेंस फीस देनी होगी। ये सकारात्मक संकेत हैं जिन्हें कायम रखा जाना चाहिए। राष्ट्रपति सचिवालय यह सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर विविध हितधारकों के साथ अनुवर्ती बैठकें करेगा कि मूल्य और ज्ञान शृंखला की कोई भी कड़ी रुकावट न बने।

6. नवाचार और उद्यमिता महोत्सव-2018 के भाग के रूप में, संबंधित मंत्रालयों के सचिवों की अध्यक्षता में चार बैठकें हुई। बैठकों में विशिष्ट और प्रासंगिक विषय शामिल थे। सचिवों ने इन बैठकों की रिपोर्ट से हमें अभी अवगत कराया है। अब मैं त्वरित, तीव्र और परिणाम-परक कार्रवाई की उम्मीद करता हूं।

देवियो और सज्जनो

7. नवाचार संस्कृति केवल विज्ञान और प्रौद्योगिकी तक सीमित नहीं है। यह एक सर्व-व्यापी प्रयास है। केन्द्रीय उच्च शिक्षा संस्थानोंके नवाचार क्लबों से उम्मीद की जाती है कि वे नवाचार की खोज, प्रचार-प्रसार तथा सराहना के लिए और शहरी एवं और ग्रामीण समुदायों की अपूर्ण रह गई आवश्यकताओं की पहचान करने के प्रयासों को बढ़ाएंगे। मुझे विश्वास है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सहयोग से आने वाले वर्ष में पहचान का यह कार्य पूरा हो जाएगा। ऐसी अपूर्ण आवश्यकताओं का रिकार्ड उपलब्ध हो जाने पर, अगला तर्कसंगत कदम यह होगा कि आवश्यक समाधान ढूंढ़ने के लिए अनुसंधान और विकास को इस उपक्रम से जोड़ दिया जाए। दोनों प्रक्रियाएं अब अलग-अलग नहीं रहेंगी।

8. इस कार्य को कैसे किया जा सकता है इसका एक उदाहरण हमारे सामने मौजूद है। सामान्य तौर से कहा जाए तो हमारे देश बांस, सुगंधीय और औषधीय पौधे उगाने वाले क्षेत्र ऐसे हैं जहां विकास से जुड़ी कमियां और चुनौतियां मौजूद हैं। इस वर्ष नवाचार और उद्यमिता महोत्सव में ऐसे संसाधनों के प्रबंधन और प्रसंस्करण में नवाचारों को एकजुट करने पर ध्यान दिया गया है। लक्ष्य यह है कि इन क्षेत्रों में उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों का बेहतर प्रयोग करके उनके विकास में तेजी लाई जाए।। इसका सीधा प्रभाव आजीविकाओं पर पड़ेगा।

9. ऐसे ही मंच तैयार करने के लिए, औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग की एक पहल स्टार्ट-अप सेंट्रल ने इन्वेस्ट इंडिया के साथ तथा कृषि, आयुष, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, लघु और मध्यम उद्यम, कौशल विकास और उद्यमिता, शहरी मामले, ग्रामीण विकास, मानव संसाधन विकास, महिला और बाल विकास मंत्रालयों और सरकार के अन्य विभागों के साथ हाथ मिलाया है। मुझे उम्मीद है कि इसके परिणम-स्वरूप जरूरतों की पहचान, स्थल पर नवाचार को प्रोत्साहन देने और क्षमता विस्तार का एक बेहतर चक्र तैयार होगा। यदि हम इसे अच्छे ढंग से कर पाए तो हम अपनी नज़रों के सामने अपने देश में बदलाव ला पाएंगे। इस संदर्भ में, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, लोकहीड मार्टिन और टाटा ट्रस्ट्स द्वारा ‘इंडिया इनोवेशन ग्रोथ प्रोग्राम-2.0’ की शुरुआत से हमें भारत में औद्योगिक और सामाजिक नवाचारों को पुन:संकल्पित करने में मदद मिलेगी।

मित्रो,

10. मेरे लिए नवाचार और उद्यमिता महोत्सव-2018 एक ज्ञानपूर्ण और सुखद अनुभव रहा है। जैसा कि अकसर होता रहा है, मैं प्रतिभा के इस विशाल पुंज से , हमारे लोगों और वास्तव में हमारे नवान्वेषकों के समाज में योगदान देने के उत्साह और संकल्प तथा नि:स्वार्थ समर्थन से अभिभूत हुआ हूं।

11. मैं मानता हूं कि केन्द्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी-विज्ञान मंत्री, डॉ. हर्षवर्धन ने नवाचार और उद्यमिता महोत्सव-2018 में अपना बहुत समय दिया है। उन्होंने और उनके अधिकारियोंदोनों ने विद्यार्थियों और बुनियादी नवान्वेषकों, उनके परामर्शकों और अन्य हितधारकों की बातों को ध्यान से सुना है। उभरते हुए और स्थापित नवान्वेषकों के साथ नीति निर्माताओं का ऐसा संबंध जारी रखा जाना आवश्यक है। मैं विशेष रूप से राष्ट्रीय नवाचार प्रतिष्ठान की प्रशंसा करता हूं जिसने इस महोत्सव को वास्तविकता में बदलने के लिए राष्ट्रपति सचिवालय के साथ मिलकर अथक कार्य किया है।

12. अंत में, मैं सभी प्रतिभागियों और नवान्वेषकों को अपनी असाधारण प्रतिभा की झलक दिखाने के लिए बधाई देता हूं। आपकी गाथाएं प्रेरणा-प्रद हैं। अब यह हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम इस प्रेरणा को एक साधन के तौर पर इस्तेमाल करें और आपके नवाचारों को उद्यमों में बदल दें। आप यहां नवान्वेषकों के रूप में आए थे और मुझे विश्वास है कि आप उद्यमी के तौर पर यहां से जा रहे होंगे। मैं अगले वर्ष नवाचार और उद्यमिता महोत्सव-2019 में आपके द्वारा की गई तीव्र प्रगति के बारे में जानने के लिए उत्सुक रहूंगा।

धन्यवाद,

जय हिन्द।