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51 स्क्वाड्रन और 230 सिग्नल यूनिट को ध्वज प्रदान करने के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द का संबोधन

हलवाड़ा : 22.03.2018

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1. मुझे 51 स्क्वाड्रन और 230 सिग्नल यूनिट को ध्वज प्रदान करने के लिए वायु सेना स्टेशन हलवाड़ा आने पर खुशी हुई है।

2. इन अग्रिम पंक्ति की यूनिटों ने हमारे राष्ट्र की उत्कृष्ट सेवा की है। पेशेवर उत्कृष्टता का उनका एक समृद्ध इतिहास रहा है और उन्होंने शांति के समय और संघर्ष के दौरान, सम्मान और विशिष्टता के साथ भारत की सेवा की है। लगन, पेशेवर आचरण और साहस के लिए इन यूनिटों का सम्मान करना मेरे लिए गर्व का अवसर है। मैं आज परेड में त्रुटिहीन साज-सज्जा और चुस्त चाल-ढाल के लिए वायु योद्धाओं की सराहना करता हूं।

3. विश्व की सबसे तेजी से विकास कर रही प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में भारत ने ख्याति अर्जित की है। शांति के प्रति दृढ़ता से वचनबद्ध हैं परन्तु जरूरत पड़ने पर अपने राष्ट्र की संप्रभुता की रक्षा करने के लिए हम अपनी ताकत का प्रयोग करने से नहीं हिचकिचाएंगे। मुझे विश्वास है कि हमारे वर्दीधारी पुरुष और महिलाएं आने वाली हर परिस्थिति का सफलता पूर्वक सामना कर सकेंगे। हमारे समक्ष खड़े वायु सैनिकों की तरह हमारी सशस्त्र सेनाएं हमारे इस मजबूत राष्ट्रीय संकल्प की अभिव्यक्ति करती हैं।

4. भारतीय वायु सेना हमारी सैन्य उत्कृष्टता की प्रतीक है। देश और विदेश दोनों में अंतरराष्ट्रीय अभ्यास के दौरान इसके कार्मिकों का प्रदर्शन इसके प्रशिक्षण व तत्परता के ऊंचे मानदण्डों का शानदार प्रमाण है। हमारे संप्रभु आकाश की रक्षा करने के अलावा,भारतीय वायु सेना हमेशा मानवीय सहायता और आपदा राहत अभियानों में आगे-आगे रही है। हमारे बहादुर वायु सैनिकों की समुत्थान शक्ति, दृढ़ता और उत्साह प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व का विषय है।

5. आज वायु सेना स्टेशन हलवाड़ा में उपस्थित होना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। इस वायु सेना स्टेशन की स्थापना मार्च1950 में हुई थी और यह एक प्रमुख प्रचालन स्टेशन है, जिसमें विविध किस्म की हथियार प्रणालियां मौजूद हैं। यह वायु सेना स्टेशन 1965 व 1971 के युद्धों के दौरान शौर्यपूर्ण करतबों का प्रमुख स्थल रहा है।

6. 51 स्क्वाड्रन या ‘स्वोर्ड आर्म्स’ की स्थापना 1 फरवरी, 1985 को चण्डीगढ़ में की गई थी और इसे मिग-21 टाइप-75 लड़ाकू विमान से लैस किया गया था। चाहे पुराने दिनों के मिग-21 टाइप-75 लड़ाकू विमान हों या वर्तमान में अत्याधुनिक मिग-21 बाइसोन लड़ाकू विमान उड़ाने हों,इस स्क्वाड्रन ने पिछले33 वर्षों में अपनी शानदार प्रतिष्ठा को बढ़ाया है। स्क्वाड्रन का प्रचालन कीर्तिमान सराहनीय रहा है और कश्मीर घाटी के आकाश की रक्षा करते हुए विश्वसनीय प्रतिरोधक क्षमता सुनिश्चित करने के लिए यह यूनिट हमेशा सजग रही है। यह अपने सूत्र वाक्य‘विजयाय पराक्रम:’पर खरी उतरी है। मुझे विश्वास है कि‘स्वोर्ड आर्म्स’इस समृद्ध परंपरा को कामय रखेगी और हमेशा एक प्रमुख लड़ाकू सेना के रूप में कार्य करती रहेगी।

7.‘विजिलेंट्स’ के रूप में प्रसिद्ध 230 सिग्नल यूनिट की शुरुआती स्थापना 4 अप्रैल, 1964 को चण्डीगढ़ में हुई थी। ‘विजिलेंट्स’ने हमेशा कर्त्तव्य भावना का निर्वहन करते हुए,राडार निगरानी और अंतरावरोधन में कार्य-कौशल के उच्च मानदण्ड स्थापित किए हैं। शत्रु का विश्वनीय ढंग से प्रतिरोध सुनिश्चित करने के लिए यह यूनिट पूरे वर्ष चौकस रहती है। इस प्रकार यह अपने सूत्र वाक्य‘सततं तत्पर:’को कार्य-रूप में परिणत करती है। मुझे विश्वास है कि‘विजिलेंट्स’भी अपने सराहनीय अतीत के अनुरूप आचरण करती रहेगी।

8. मुझे, 51 स्क्वाड्रन और 230 सिग्नल यूनिट को इनके उत्कृष्ट प्रदर्शन की पहचान और सम्मान स्वरूप ध्वज प्रदान करके प्रसन्नता हुई है। इस अवसर पर,मैं राष्ट्र के प्रति नि:स्वार्थ त्याग और सेवा के लिए इस यूनिट के पुराने और वर्तमान कार्मिकों और परिजनों की सराहना करता हूं। हमारे देशवासियों को आप पर गर्व है। मैं आपके और आपके परिवार के उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं और यह बताना चाहता हूं कि भारत के प्रत्येक नागरिक की शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

जय हिन्द !