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ऑस्ट्रेलियाई फाइनेंसियल रिव्यू भारत व्यापार शिखर सम्मेलन में भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द का सम्बोधन

सिडनी : 22.11.2018

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1. मुझे ऑस्ट्रेलियाई फाइनेंसियल रिव्यू भारत व्यापार शिखर सम्मेलन में यहां वक्तव्य हेतु आने पर खुशी हो रही है। मैं ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख व्यवसायियों और अग्रणी चिंतकों को संबोधित करने के निमंत्रण के लिए आयोजकों को धन्यवाद देता हूं। भारत के राष्ट्रपति के रूप में आपके देश की मेरी यह पहली यात्रा है और मैं गवर्नर-जनरल, प्रधानमंत्री और सरकार तथा ऑस्ट्रेलिया के लोगों द्वारा किए गए शानदार स्वागत के लिए भी बहुत आभारी हूं। इस खूबसूरत शहर में आकर और इसके सुंदर बंदरगाह के मनोरम दृश्य देखने के बाद, यह समझना आसान हो गया है कि लोग सिडनी और ऑस्ट्रेलिया के प्रति इतनी जल्दी क्यों आकर्षित हो जाते हैं।

2. मैं प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन की मौजूदगी के लिए शुक्रगुज़ार हूँ। आज सुबह हमारी मुलाकात हुई और वहां हमारे बीच सार्थक बातचीत हुई। मैं ऑस्ट्रेलिया में उनके नेतृत्व और भारत के साथ संबंधों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के साथ ही, हाल ही में जारी "भारत आर्थिक रणनीति" पर उनके प्रोत्साहन भरे विचारों की सराहना करता हूं। लगभग एक सप्ताह पहले, सिंगापुर में, हमारे प्रधान मंत्री, श्री नरेंद्र मोदी की उनसे मुलाकात हुई थी। मेरी इस यात्रा से हमारे बीच संवाद, चर्चा और सहयोग आगे बढ़ेंगे। मुझे पता चला है कि प्रधानमंत्री मॉरिसन को भारतीय व्‍यंजन पसंद हैं और वास्तव में वे ‘करी’ बना भी लेते हैं। मुझे यकीन है कि वह ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच अच्छे संबंधों के लिए भी एक बेहतर नुस्खा तैयार करने में हमारी मदद कर सकते हैं।

3. ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच गल्लीपोली के समुद्र तटों पर साझा बलिदान का इतिहास है; एक मुक्त, खुले और नियम-आधारित भारत-प्रशांत क्षेत्र की शांति और समृद्धि के लिए एक साझा दृष्टिकोण है; उद्यमशीलता के लिए एक साझी सहज-प्रवृत्ति है; एक समृद्ध किन्तु पर्यावरण के अनुकूल धरती के लिए एक साझी उम्मीद है; और क्रिकेट के लिए एक साझा जुनून है। जब आप भारत के विरुद्ध खेल रहे हों, उस स्थि‍ति को छोड़कर ज्यादातर भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों के लिए ऑस्ट्रेलिया उनकी पसंदीदा टीम है और - खासकर तब जब आप ‘एशेज’ प्रतिस्पर्धा में खेल रहे हों। हमारे बीच और भी खास चीजें साझी हैं जैसे कि - लोकतंत्र, बहुलवाद और मानवीय गरिमा, अंग्रेजी भाषा - और यह विश्वास भी कि सर्वाधिक सरल, सबसे बुनियादी स्तर पर, व्यापार, वाणिज्य और प्रौद्योगिकी का प्रयोजन समाज के उन वर्गों के जीवन को बदलने को होना चाहिए जिन्‍हें ऐसे परिवर्तन की सबसे अधिक आवश्यकता है।

4. हम उन देशों में से हैं जिन्हें वैश्वीकरण का लाभ मिला है। पिछले पच्चीस वर्षों में ऑस्ट्रेलिया की अर्थव्यवस्था का जबरदस्त विस्तार हुआ है। इस अवधि में, वैश्विक व्यापार प्रणाली के साथ भारत का आर्थिक एकीकरण भी मजबूत हुआ है। अंतिम विश्लेषण में, चाहे ऑस्ट्रेलिया हो या भारत, वैश्वीकरण जैसी प्रक्रिया तब सबसे अधिक सार्थक सिद्ध होती है जब यह - अंतर्राष्ट्रीय निगमों से लेकर स्थानीय समुदायों तक, वैश्विक हितधारकों की मदद करती हो। हाल के वर्षों में, भारत ने उदार, पारदर्शी और वैश्विक अर्थव्यवस्था के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दुहराया है। विदेशी पूंजी और अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों के लिए खुलेपन के मामले में, भारत शीर्ष देशों में शामिल है। एक से बढ़कर एक व्यापार क्षेत्र में-विमानन से लेकर खनन तक और वहां रक्षा उत्पादन तक, भारत ने वैश्विक प्रतिभागियों और निवेशकों के लिए दरवाजे खोल दिए हैं।

5. इस तरह के कदमों को देश में की गई अन्य पहलों के माध्यम से पूरकता प्रदान की गई है। भारत असाधारण तेजी के साथ अवसंरचनात्मक प्रगति कर रहा है। राजमार्ग निर्माण में एक ठोस तेजी; राष्ट्रव्यापी शहरी और ग्रामीण ब्रॉडबैंड का कार्य; नए रेलवे और मालवाहक कॉरिडोर का निर्माण; बंदरगाहों के आधुनिकीकरण का महत्वाकांक्षी कार्यक्रम; प्रमुख शहरी क्षेत्रों में उच्च गति के ट्रेन नेटवर्क; हवाई अड्डों के उन्‍नयन के साथ-साथ नए हवाई अड्डों के निर्माण के माध्‍यम से एयर कनेक्टिविटी का विस्‍तार; औद्योगिक गलियारों के निर्माण में तेजी-के रूप में तीव्र निर्माण की चर्चा हर जगह है। अब बड़ी-बड़ी क्रेनों और हेलमेट लगाये श्रमिकों के दल भारतीय परिदृश्य की शान बने हुए हैं। भारत काम पर है।

6. भारत की वृद्धि कई अन्य देशों से भिन्न है। हमारा देश ऐसा पहला बड़ा देश है जो जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने के साथ-साथ जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता की तीव्रता को कम करते हुए औद्योगीकरण में नई ऊंचाई पर पहुंचना चाहता है। मैं आपको आंकड़ों से बोर नहीं करूंगा - भारत के संदर्भ में, ऐसे आंकड़े हमेशा बड़े और प्रभावशाली होते हैं - लेकिन ऐसी एक संख्या है जिसे मैं आपके साथ साझा करना चाहता हूं। भारत ने 2022 तक स्वयं के लिए 175 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसमें से 100 गीगावाट सौर ऊर्जा होगी। हम केवल उस लक्ष्य को केवल प्राप्त करने के ही नहीं बल्कि उससे आगे जाने की राह पर हैं।

7. राजकोषीय और विनियामक प्रक्रियाओं में भी काफी सुधार किया गया है। लगभग सालभर पहले भारत ने माल और सेवा कर प्रणाली आरम्भ की थी। इससे हमारे देश के 29 राज्य कर के एक समान मंच पर आ गए हैं। इससे एक साफ़-सुथरी और अधिक व्‍यवस्थित व्यापार प्रणाली तैयार हो रही है। इसके साथ ही, विश्व बैंक व्यापार सुगमता सूचकांक में भारत 2014 में 142वें स्थान से आगे बढ़कर 2018 में 77वें स्थान पर आ गया है। यह 65 स्थानों की छलांग किसी भी एक देश के लिए सबसे बड़ी छलांग है।

8. राजकोषीय और विनियामक, अवसंरचना संवर्धन और निवेश नीति – से सम्बंधित इन सभी उपायों का उद्देश्य भारत को नए, रोमांचक और वैश्विक व्यवसायों का केन्द्र बनाना है। कृषि उद्योगों के साथ-साथ उभरती प्रौद्योगिकियों में तथा विनिर्माण और सेवाओं के क्षेत्र में ऐसा किया जा सकता है। हमारा ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसका उद्देश्य भारत को डिजाइन, संरचना और निर्माण केन्‍द्र के रूप में बढ़ावा देना है – परन्तु ऐसा अकेले नहीं होगा, ऐसा न तो संभव है और न ही वांछनीय, इसलिए यह कार्य वैश्विक और भारत-प्रशान्त मूल्य श्रृंखलाओं के हिस्से के रूप में होगा। मुझे यह जानकर खुशी हुई कि भारत में बने मास-ट्रांजिट रेल कोच हाल ही में ऑस्ट्रेलिया को निर्यात किए गए हैं। वस्त्र से लेकर ऑटोमोबाइल तक, भारत में निर्मित कई अन्य उत्पाद ऐसे हैं जिनमें आपकी रुचि हो सकती है।

9. सराहनीय निवेश के साथ अंतर्राष्ट्रीय व्यापार समुदाय ने भारत की उपलब्धियों का संज्ञान लिया है। वित्तीय वर्ष 2017-18 में, भारत में लगभग 62 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश आया। यह भारत के ईमानदार और सुधारवादी प्रयासों - और इसके उच्च जीडीपी विकास की स्वीकारोक्ति थी। इन प्रयासों के फलस्‍वरूप पिछली तिमाही में, हमारी अर्थव्यवस्था 8.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी।

10. भारत में आर्थिक और सामाजिक परिवर्तन का एक अंतर्निहित तत्‍व है-प्रौद्योगिकी और नवाचार की भूमिका का। आईटी में भारत की परम्परागत शक्ति सर्वविदित है। कई भारतीय आईटी कंपनियां हैं जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया में भी निवेश किया है, और वे यहां कंपनियों और ग्राहकों का मूल्य संवर्धन कर रहे हैं और ऑस्ट्रेलिया के युवाओं को रोजगार भी दे रहे हैं। भारत में, एक व्यापक आधार बनने के साथ-साथ प्रौद्योगिकी ऊंचाइयों पर भी जा रही है। दुनिया की तीसरी सर्वाधिक व्यापक स्टार्ट-अप संस्कृति ने युवा छात्रों को उद्यमी बना दिया है और अब व्‍यवसाय शैक्षिक परिसरों, छोटे घरों में, और यहां तक ​​कि छोटे-छोटे खेतों में पनप रहे हैं, जहां महिला किसान भी अपनी अतिरिक्त उपज का उपयोग वृहत्‍त बाज़ार में बेहतर कीमत पाने के लिए कर रही हैं। निस्संदेह, भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था, इसकी ई-कॉमर्स कंपनियां, इसके प्रौद्योगिकी स्टार्ट-अप और इसके वित्‍तीय-प्रौद्योगिकीय नवाचारी उद्यमी एफडीआई आकर्षित कर रहे हैं।

11. भारत के निवेश की कहानी में बड़े दोस्त और बड़े देश के रूप में हमें ऑस्‍ट्रेलिया की उपस्थिति कम दिखाई देती है।यह एक ऐसा फर्क है जिसके समाधान की आवश्यकता है। ऑस्ट्रेलिया और भारत के पास एक-दूसरे के हित में करने के लिए बहुत कुछ है। हम फिन-टेक और लॉजिस्टिक्स में, औद्योगिक डिजाइन और बायोटेक में, पूंजी बाजारों में और खाद्य श्रृंखला के अंतर्गत खेतों से लेकर भोजन की थाली तक की व्‍यवस्‍था के प्रबंधन में - यहां तक ​​कि अंतरिक्ष तकनीक और उपग्रह प्रक्षेपण सेवाओं में भी एक-दूसरे की विशेषज्ञता में सहकार कर सकते हैं और लाभ उठा सकते हैं, जहां भारत के लंबे समय से चले आ रहे अंतरिक्ष कार्यक्रम को ऑस्ट्रेलिया की नई अंतरिक्ष एजेंसी का समर्थन करने में खुशी होगी। ऐसा नहीं है कि ऑस्ट्रेलियाई कंपनियां भारत में मौजूद नहीं हैं परंतु वास्तविकता यह है कि हमारे पास साथ मिलकर काम करने के लिए अभी बहुत संभावनाएं हैं।

12. भारतीय बाजार ऑस्ट्रेलियाई कंपनियों और निवेशकों के लिए एक बड़े उपभोक्ता आधार और बेहतर लाभ की संभावना दर्शाता है। ऑस्ट्रेलियाई सुपर-फंड अथवा पेंशन फंड सजग, नपे-तुले निवेश निर्णयों के लिए प्रसिद्ध हैं। वे भारतीय बुनियादी ढांचे को - लंबी अवधि के निवेश, स्थिर से लेकर उच्च रिटर्न, बढ़ते उपभोग में विश्वास, और संविदात्मक अनुपालन में सुरक्षा के कारण अपने अनुकूल पाते हैं। आइए हम एक साथ मिलकर ऐसे निवेश उत्पाद बनाएं जो ऑस्ट्रेलियाई सुपर-फंड और भारतीय बुनियादी ढांचे के लिए उपयोगी हों और जो ऑस्ट्रेलियाई पेंशनरों और भारतीय उपभोक्ताओं के लिए भी उपयोगी हों - और इससे सबके लिए स्थिति लाभप्रद बनेगी।

देवियो और सज्जनो,

13. निवेश के साथ-साथ, द्विपक्षीय व्यापार की प्रमात्रा बढ़ी है लेकिन यह अब भी क्षमता से कम ही है। 2017 में भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापार लगभग 21 बिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य का आंका गया था। हमें अपना व्यापार क्षेत्र और बढ़ाना चाहिए। मुझे विश्वास है कि हम ऑस्ट्रेलिया-भारत व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते के मामले में प्रगति करेंगे। हाल ही में सिंगापुर, में आयोजित क्षेत्रीय समग्र आर्थिक भागीदारी बैठक में, भारत और ऑस्ट्रेलिया ने अन्य वार्ता भागीदारों के साथ, महत्वपूर्ण प्रगति की है। भारत ने सकारात्मक और रचनात्मक रूप से बातचीत जारी रखी है और 2019 तक आरसीईपी के संपादन में योगदान देगा। भारत एक संतुलित परिणाम की आशा करता है जिसके परिणामस्वरूप एक आधुनिक, व्‍यापक और पारस्परिक लाभप्रद आर्थिक भागीदारी का मार्ग प्रशस्‍त हो।

14. कई रूपों में, हमारे समाज पहले ही सरकारों से आगे चल रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया में भारतीय समुदाय यहां कि अर्थव्यवस्था में मूल्य संवर्धन के रूप में योगदान कर रहा है। प्रवासी भारतीय स्थानीय व्यापार पारिस्थितिकी तंत्र में योगदान करने के साथ-साथ अपने मेजबान देश के लिए नौकरी और नवाचार के रास्ते खोलने के लिए जाने जाते हैं। इस विषय में सिलिकॉन वैली एक मिसाल है। मुझे बताया गया है कि ऑस्ट्रेलिया में, यूनाइटेड किंगडम में पैदा हुए प्रवासियों के बाद भारत में पैदा हुए प्रवासी दूसरे सबसे बड़े करदाता प्रवासी हैं। यह प्रधानमंत्री जी के लिए प्रसन्नता की बात होगी। और भारत में भी, आस्ट्रेलियाई लोग सॉफ्टवेयर से लेकर मनोरंजन तक के विविध क्षेत्रों में कार्यबल का एक बड़ा हिस्सा बनते जा रहे हैं। इंडियन प्रीमियर लीग, जो कि शायद अब तक का सबसे शानदार क्रिकेट स्टार्ट-अप है, जिसमें ऑस्ट्रेलिया के, अच्छे प्रदर्शन वाले और उच्च-आय वाले अनेक क्रिकेट पेशेवरों - खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों और सहायक कर्मचारियों को काम मिलता है। अपने-अपने तरीके से, भारत में ऑस्ट्रेलियाइयों और ऑस्ट्रेलिया में भारतीयों ने हमें भविष्य की राह दिखाई है।

देवियो और सज्जनो,

15. कहा जाता है कि क्रिकेट जीवन का एक रूपक है। मेरा मानना ​​है कि यह व्यापार का भी रूपक है। ऑस्ट्रेलियाई व्यापारियों और भारत के संभावित निवेशकों को क्रिकेटरों से सीखना चाहिए। भारत में सबसे सफल ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज वे हैं जिन्होंने संयम दिखाया है, परिस्थितियों को भांपा है, एक लंबी पारी के लिए टिक कर खेला है, भरोसेमंद साझीदारियां की हैं - और पेचदार स्पिन का भी मुकाबला किया है।

भारत आइए। पिच, आपके लिए तैयार है!

प्रधानमंत्री जी और आप सबका धन्यवाद। शुभ संध्या।