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आसियान राष्ट्र और शासन अध्यक्षों के सम्मान में आयोजित मध्याह्न भोज के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द का अभिभाषण

राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली : 25.01.2018

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महामहिम;

महामहिमगण;

विशिष्ट अतिथिगण ;

देवियो और सज्जनो;

भारत में आप सबका स्वागत करते हुए, मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। आसियान-भारत संबंधों की 25वीं वर्षगांठ मनाने के लिए, आज हमारे साथ शामिल होने के विशेष प्रयास के लिए, मैं आपको धन्यवाद देता हूं। मुझे विश्वास है कि आप आज सायंकाल लीडर्स रिट्रीट और आसियान-भारत कोमेमोरेटिव समिट के दौरान उपयोगी परिचर्चाएं करेंगे। मैं इस शिखर सम्मेलन की सफलता के लिए अपनी शुभकामनाएं देता हूं।


महामहिम,

महामहिमगण,

हम कल भारत के 69वें गणतंत्र दिवस समारोह में सम्मानित अतिथियों के रूप में, आपकी गरिमामयी उपस्थिति के लिए उत्साहित हैं। यह हमारे लिए एक ऐतिहासिक अवसर होगा, और मैं इस अवसर पर शामिल होने के लिए आप सबको धन्यवाद देता हूं। हमारे गणतंत्र दिवस पर आपकी उपस्थिति, आसियान के साथ हमारे पहले से ही प्रगाढ़ संबंधों को और मजबूत बनाने की हमारी आकांक्षा के अनुरूप है। इससे हमारी मैत्री को दिए जा रहे स्टे्रेटेजिक महत्व की पुन:पुष्टि होती है।

28 जनवरी,1992 को, आसियान के साथ हमारी संवाद साझेदारी की स्थापना के बाद से, भारत-आसियान संबंधों ने एक लंबी दूरी तय कर ली है। भारत और आसियान के बीच 30 वार्ताएं आयोजित हो चुकी हैं, जिनमें विभिन्न क्षेत्रों में वार्षिक शिखर सम्मेलन और 7 मंत्री स्तरीय बैठकें शामिल हैं।

भारत की ‘‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’’ राजनीतिक, सुरक्षा, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों में वृद्धि के माध्यम से दक्षिण पूर्व एशिया के साथ हमारे प्राचीन संबंधों को मजबूत बना रही है।

इस संदर्भ में, भारत, इस क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि के समर्थक के रूप में, आसियान की भूमिका को बहुत महत्व देता है। हम आसियान की एकता और प्रमुखता को अपना समर्थन पुन: दोहराते हैं। हम, खुले, समावेशी, संतुलित और न्यायसंगत क्षेत्रीय ढांचे के लिए आसियान के साथ कंधे-से-कंधा मिला कर खड़े हुए हैं।


महामहिम,

महामहिमगण,

हम इतिहास और भौगोलिक स्थिति द्वारा जुड़े हुए हैं। संस्कृति, वाणिज्य और परस्पर संपर्क-सिद्धांतों और विचारों- ने हमें एक सूत्र में बांधा है। हमारे देशों की संस्कृति में अतिथि को शुभ माना जाता है। उनके आने से खुशी और समृद्धि आती है। आप आए हैं और आपके साथ बारिश।

इसके लिए हम आपके आभारी हैं।

हमारी साझेदारी हमारी समान विरासत पर आधारित है और सहस्राब्दियों से लोगों के मजबूत आपसी संपर्कों की नींव पर निर्मित है। कोमेमोरिटव समिट का विषय ‘‘शेयर्ड वैल्यूज, कॉमन डेस्टिनी’’ पारस्परिक हित के लिए सहयोग द्वारा परिभाषित, साझे भविष्य के लिए काम करने की हमारी अभिलाषा को परिलक्षित करता है।


महामहिम,

महामहिमगण,

हमने नए वर्ष की शुरुआत, नई आशाओं और महत्त्वाकांक्षी सपनों के साथ की है। हम पारंपरिक और अपारंपरिक सुरक्षा मामलों द्वारा उत्पन्न कठिन दौर से गुजर रहे हैं। आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद हमारे समाज को व्यापक क्षति पहुंचा रहे हैं। हमें अपने सम्मुख चुनौतियों को मिलकर दूर करने के लिए अपने संकल्प को मजबूत बनाना होगा।

हम शानदार इनोवेशन, असीम सृजनात्मकता, अनूठे वैश्विक संवाद के युग में भी रह रहे हैं। इनसे हमारे युवाओं और हमारे लोगों के लिए नए अवसर पैदा हो रहे हैं। हमें उन्हें हाईवेज, आई-वेज आदि के द्वारा हम सबके जीवन में आ रहे परिवर्तनों के साथ जोड़ना चाहिए।

मुझे विश्वास है कि आपकी यात्रा से, हमारे संबंधों में शांति, प्रगति और साझी समृद्धि के हमारे समान प्रयास में एक नया अध्याय आरंभ होगा।


महामहिम,

महामहिमगण, विशिष्ट अतिथिगण, देवियो और सज्जनो,


आइए हम सब मिलकर:

- हमारे साझे मूल्यों और

- हमारे साझे भविष्य की कामना करें।

हमारे संबंध नई ऊंचाइयों तक पहुंचें और उनसे हमारे युग की एक निर्णायक साझेदारी की स्थापना हो।

धन्यवाद ।