भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द का नौवें राष्ट्रीय मतदाता दिवस समारोह में सम्बोधन
नई दिल्ली : 25.01.2019
1. आज, निर्वाचन-आयोग के 70वें स्थापना-दिवस तथा नौवें ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’ के अवसर पर आप सभी को हार्दिक बधाई। कल हम अपने गणतन्त्र की 70वीं वर्षगांठ मनाएंगे। आज के दिन ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’ मनाने की यह परंपरा हमारे लोकतन्त्र के लिए बहुत ही प्रासंगिक और सार्थक है।
2. निर्वाचन-आयोग द्वारा चुनाव प्रक्रिया के विभिन्न पहलुओं में विशिष्ट योगदान को मान्यता प्रदान करने के लिए पुरस्कार दिया जाना सराहनीय है। मैं आज पुरस्कार पाने वाले सभी अधिकारियों, संस्थानों और अन्य स्टेकहोल्डर्स को बधाई देता हूँ। मैं आशा करता हूँ कि वे देश में चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष व सफल बनाने में अपना बहुमूल्य योगदान देते रहेंगे।
3. एक गणराज्य के रूप में भारत के स्थापित होने के साथ ही, स्वतंत्र एवं निष्पक्ष निर्वाचन-आयोग की स्थापना, हमारे संविधान निर्माताओं की दूरदर्शिता और लोकतंत्र के प्रति हमारी आस्था को दर्शाता है।
4. आज, यहाँ उपस्थित युवा मतदाताओं को ‘इलेक्शन फोटो आइडेंटिटी कार्ड्स’ देकर मुझे बहुत प्रसन्नता हुई है। पहली बार मतदान का अधिकार प्राप्त करने पर आप सबको बहुत-बहुत बधाई। आप सबको जो बैज मिला है उस पर लिखा है, ‘Proud to be a voter – Ready to vote’. विश्व के सबसे बड़े लोकतन्त्र में, मतदाता के रूप में योगदान देने का अवसर मिलना, वास्तव में गौरव की बात है। अपने इस गौरवपूर्ण अधिकार का उपयोग करते समय, आप सबको, जानकारी, ज़िम्मेदारी, नैतिकता और संवेदनशीलता से काम लेना होगा। आप सभी युवा मतदाता उस पीढ़ी के प्रतिनिधि हैं जो पहली बार हमारे देश में इस वर्ष होने वाले आम चुनाव में मतदान करेंगे और 17वीं लोकसभा का स्वरूप तय करेंगे। आप सबकी यह पीढ़ी अपने विवेक पर आधारित मतदान के जरिए 21वीं सदी के भारत का भविष्य भी निर्धारित करेगी। मुझे विश्वास है कि आप सब भारत के संविधान के आदर्शों और मूल्यों को मजबूत बनाएँगे।
5. आज भारतीय लोकतन्त्र पूरे विश्व के सामने एक मिसाल है। विश्व का सबसे बड़ा लोकतन्त्र होने के साथ-साथ यह दुनिया का सबसे अधिक विविधतापूर्ण लोकतन्त्र भी है। हमारे लोकतन्त्र की सफलता में हमारी चुनाव प्रक्रिया से जुड़े सभी स्टेकहोल्डर्स का योगदान सराहनीय है। परंतु नि:संदेह, सबसे महत्वपूर्ण भूमिका मतदाताओं और निर्वाचन-आयोग की रहती है। सही मायने में, निर्वाचन-आयोग और मतदाता एक-दूसरे के पूरक हैं।
6. निर्वाचन-आयोग द्वारा मतदाताओं को चुनाव की लोकतान्त्रिक प्रक्रिया में सक्रिय भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। आज हमारे देश में लगभग 89 करोड़ मतदाता हैं और मतदान केन्द्रों की संख्या लगभग दस लाख होती है। इनमें बहुत से केंद्र, जंगलों-पहाड़ों- रेगिस्तानों जैसे दुर्गम स्थानों पर होते हैं। बहुत से मतदाताओं की शारीरिक अवस्था के कारण उनके लिए विशेष व्यवस्था करनी पड़ती है। लेकिन, हर चुनौती का सामना करते हुए, हमारे मतदाताओं और निर्वाचन-आयोग के संयुक्त प्रयासों के बल पर मतदान प्रक्रिया निष्पक्षता और सफलता के साथ सम्पन्न होती है। सफलतापूर्वक मतदान करने के असाधारण दृश्य देखने को मिलते हैं। इस सफलता के लिए भारत का प्रत्येक मतदाता और भारत का निर्वाचन-आयोग बधाई के पात्र हैं।
7. मुझे बताया गया है कि इस वर्ष के मतदाता दिवस की ‘थीम’ है ‘नो वोटर टू बी लेफ्ट बिहाइंड’ यानि ‘कोई भी मतदाता, न छूटे’। इस सोच के आधार पर किए गए प्रयासों से राजनीतिक समानता के अधिकार का प्रयोग करने में हमारे मतदाताओं को सहायता मिलती है। पिछले महीने मैं गुजरात में ‘गीर नेशनल फॉरेस्ट’ गया था। मुझे बताया गया कि वहाँ केवल एक मतदाता के लिए भी मतदान केंद्र बनाया गया था। ऐसे कई अन्य दुर्गम क्षेत्रों में, बहुत कम मतदाताओं के लिए भी मतदान-केंद्र बनाए जाते हैं। निर्वाचन-आयोग का यह प्रयास रहता है कि मतदाताओं को मतदान के लिए दो किलोमीटर से अधिक न चलना पड़े। दिव्यांग मतदाताओं की सुविधा के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। विभिन्न समूहों के स्तर पर ‘चुनाव-पाठशालाएं’ आयोजित की जा रही हैं। सैन्य कर्मियों में मतदान के प्रति जागरूकता के लिए विशेष कार्यक्रम चलाए जाते हैं। आधुनिक संचार माध्यमों के जरिए मतदाताओं में जागरूकता बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। स्कूल-कालेजों में मतदाता दिवस का आयोजन नई पीढ़ी को देशहित से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। युवा और भावी मतदाताओं के बीच चुनाव प्रक्रिया के प्रति उत्साह और जागरूकता पैदा करने के लिए ‘निर्वाचन साक्षरता क्लब’ की भी व्यवस्था की गई है। महिला मतदाताओं को प्रोत्साहित करने के लिए, केवल महिलाओं द्वारा संचालित मतदान केन्द्रों की संख्या में निरंतर वृद्धि की जा रही है। इस वर्ष की ‘थीम’ और उसके अनुसार किए जा रहे प्रयासों के लिए मैं निर्वाचन-आयोग की सराहना करता हूँ।
8. मुझे आज भेंट की गई निर्वाचन-आयोग की पत्रिका ‘My Vote Matters’ का नाम बहुत ही प्रासंगिक है। प्रत्येक मतदाता का वोट सरकार बनाने की प्रक्रिया में समान महत्व रखता है। हर मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सके, यह सुनिश्चित करने के लिए निर्वाचन-आयोग के तहत एक बहुत बड़ा चुनावतंत्र काम करता है। केंद्रीय सुरक्षा बलों, अन्य सुरक्षाकर्मियों तथा भारतीय रेल द्वारा बहुत महत्वपूर्ण सहायता प्रदान की जाती है। शिक्षकों, केंद्र एवं राज्य सरकारों के विभिन्न स्तरों के कर्मचारियों और अधिकारियों तथा अनेक अन्य संस्थानों के कर्मचारियों के सहयोग से, पूरे देश में, चुनाव प्रक्रिया से जुड़ी सभी गतिविधियाँ सम्पन्न कराई जाती हैं। मतदाता सूची बनाने से लेकर मतदान के परिणामों की घोषणा होने के बीच जो अनेक कार्य किए जाते हैं उनकी विशालता और जटिलता का अनुमान करना भी सामान्य व्यक्ति के लिए मुश्किल है। तमाम चुनौतियों का सामना करते हुए हमारे चुनावकर्मियों ने भारतीय चुनाव प्रक्रिया की विश्वसनीयता निरंतर मजबूत की है। चुनाव प्रक्रिया में, हमारे मतदाताओं की गहरी आस्था है। इस विश्वसनीयता के पीछे गहरी निष्ठा, कड़ी मेहनत, निष्पक्षता और पारदर्शिता की वह संस्कृति है जिसे निर्वाचन-आयोग ने अपने निरंतर प्रयासों से समृद्ध किया है।
9. भौगोलिक विविधता से सम्पन्न हमारे विशाल देश में सफलतापूर्वक चुनाव कराने में आधुनिक टेक्नॉलॉजी और पद्धतियों के उपयोग से बहुत सहायता मिलती है। पूरे विश्व में भारत के लोकतन्त्र और निर्वाचन-प्रणाली का विशेष सम्मान है। कई देशों के चुनाव-संस्थानों ने हमारी निर्वाचन प्रक्रिया और प्रबंधन का अध्ययन किया है। अनेक देशों के निर्वाचन-प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों को भारत के निर्वाचन-आयोग ने प्रशिक्षण दिया है। कई देशों ने अपनी चुनाव-प्रक्रिया को और प्रभावी बनाने के लिए हमारे निर्वाचन-आयोग का सहयोग भी लिया है।
10. हमारे चुनाव-प्रक्रिया की सफलता में सिविल सोसाइटी और मीडिया ने अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। मुझे विश्वास है कि बुद्धिजीवियों और प्रबुद्ध नागरिकों की सहायता से सामान्य नागरिक, इस चुनाव प्रक्रिया में और अधिक आस्था और उत्साह के साथ जुड़ेंगे।
11. लोकतन्त्र में सरकार, लोगों की होती है। यह सरकार लोगों द्वारा और लोगों के लिए बनाई जाती है। मतदान के जरिए ही लोग अपनी सरकार बनाते हैं। आम चुनाव हमारे लोकतन्त्र के महायज्ञ हैं। आज ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’ के अवसर पर मेरा नागरिकों से अनुरोध है कि आप सभी, वर्ष 2019 में होने वाले इस महायज्ञ में, मतदान करके, प्रत्यक्ष रूप से अपनी भागीदारी निभाएँ। साथ ही, अन्य नागरिकों को भी मतदान करने के लिए प्रेरित करके, आप सब इस लोकतान्त्रिक प्रक्रिया को और अधिक मजबूत बनाए।