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भारत के राष्‍ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्‍द का दीव में विभिन्‍न परियोजनाओं के लोकार्पण/शिलान्‍यास के अवसर पर संबोधन

दीव : 26.12.2020

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मेरे लिए यह बहुत प्रसन्‍नता का विषय है कि दादरा व नगर हवेली तथा दमन व दीव में मुझे एक वर्ष के भीतर दूसरी बार आने का सुअवसर मिला है। पिछली यात्रा के दौरान, फरवरी में, दमन व दीव के सांस्‍कृतिक वैभव की झलक के साथ-साथ मुझे लोगों का अपार स्नेह प्राप्त हुआ था। उस यात्रा की सुखद स्‍मृतियां मेरे मानस-पटल पर आज भी ताज़ा हैं, और आप लोगों का स्नेह ही मुझे यहां खींच लाया है।

अभी एक सप्‍ताह पहले, 19 दिसम्बर को गोवा राज्य के ‘मुक्ति दिवस’ के अवसर पर मुझे गोवा की यात्रा करने का सुअवसर प्राप्‍त हुआ था। गोवा के साथ-साथ दमन और दीव ने भी उस दिन अपना 60वां मुक्ति दिवस मनाया है। इसी वर्ष दादरा और नगर हवेली तथा दमन व दीव का एकीकरण हुआ है। ये दोनों ही घटनाएं, संघ राज्य-क्षेत्र के इतिहास में अविस्मरणीय हैं। आप सब के साथ मुझे भी, इन घटनाओं का साक्षी होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। इन ऐतिहासिक घटनाओं के लिए, इस अवसर पर मैं आप सभी को, बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं।

देवियो और सज्जनो,

यह देखकर सुखद आश्‍चर्य होता है कि इस छोटे से द्वीप ने भारत में ही नहीं, बल्कि विश्‍व के समुद्री मानचित्र पर महत्‍वपूर्ण स्‍थान अर्जित किया है। दीव टापू को कभी ‘जिब्राल्टर ऑफ ईस्ट’ कहा जाता था। गुजरात से अफ्रीका एवं खाड़ी के देशों में जाने वाले अधिकांश जहाज, दीव से होकर जाते थे। व्यापार एवं सैन्य महत्व की दृष्टि से दीव का प्रमुख स्थान रहा है।

इस क्षेत्र का इतिहास साहस, वीरता और देश प्रेम की अनेक गाथाओं से भरा हुआ है। हाल के इतिहास में, यह द्वीप, पुर्तगालियों से आज़ादी के लिए चलाए गए ऑपरेशन विजय और 1971 के युद्ध के दौरान भारतीय सैनिकों की असाधारण वीरता का साक्षी रहा है। भारत-पाकिस्‍तान युद्ध में 09 दिसम्‍बर 1971 को देश की रक्षा करते हुए भारतीय नौसेना के कैप्टन महेन्द्र नाथ मुल्ला ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था। अंतिम समय तक वे अपने साथी अधिकारियों और नौसैनिकों के बचाव में लगे रहे। किसी भी हालत में, जहाज छोड़कर न जाने की उल्लेखनीय सैन्य परंपरा के अनुरूप उन्होंने अपने जहाज ‘आईएनएस खुकरी’ के साथ ही जल-समाधि ले ली। उनकी असाधारण वीरता और बलिदान के बारे में ठीक ही कहा गया, [and I quote], "In this brave and heroic action, Captain Mulla teaches us not only how to live, but how to die” [un-quote].

इस घटना में, कुल 18 अधिकारियों तथा 176 नौसैनिकों ने कर्तव्य की वेदी पर अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे। भारत के इन वीर योद्धाओं की स्‍मृति में निर्मित आईएनएस खुकरी स्‍मारक को अब एक नया रूप दिया गया है। आज शाम को, मुझे, उन बलिदानियों के सम्‍मान में, वहां एक मशाल को प्रज्ज्वलित करने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। इस मशाल का प्रकाश, लोगों में हमारे नौसैनिकों की वीरता का संदेश फैलाता रहेगा।

देवियो और सज्जनो,

आज सुबह मुझे प्राचीन गंगेश्‍वर मंदिर के दर्शन का सुअवसर भी प्राप्‍त हुआ। कहा जाता है कि गंगेश्वर मंदिर में पांच शिवलिंगों की स्थापना पांडवों ने की थी। इस द्वीप पर पौराणिक एवं ऐतिहासिक महत्‍व के अनेक स्थल मौजूद हैं।

यहां से सैकड़ों किलोमीटर दूर पंजाब के एक महत्‍वपूर्ण नगर जलंधर के नामकरण के पीछे जो पौराणिक कथा बताई जाती है, उसी कथा के प्रमुख पात्र, महाबली जलंधर के नाम से इस द्वीप पर एक मंदिर, बीच और चक्रतीर्थ जैसे स्थल मौजूद हैं। इन स्थलों और स्मारकों की मौजूदगी को केवल संयोग नहीं माना जा सकता, बल्कि इसे भारत की साझा सांस्‍कृतिक विरासत का जीवंत प्रमाण समझा जाना चाहिए।

मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई कि प्राकृतिक धरोहरों और पर्यावरण के संरक्षण के लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा सराहनीय प्रयास किए जा रहे हैं। भारत सरकार ने पर्यावरण संरक्षा को ध्‍यान में रखते हुए ‘Renewable Energy’ और खास तौर से, सौर ऊर्जा की ओर विशेष ध्यान दिया है। संघ राज्य-क्षेत्र के उत्साहपूर्ण प्रयासों से अब दीव शहर भारत का ऐसा पहला नगर बन गया है, जो दिन के समय अपनी ऊर्जा की शत-प्रतिशत जरूरत सौर ऊर्जा से पूरी कर रहा है।

देवियो और सज्जनो,

शिक्षा ही, मानव-विकास का आधार है। इसलिए, दीव में ‘एजुकेशन हब’ स्‍थापित करने की संकल्पना सराहनीय है। यहां एक ही परिसर के अंदर स्‍कूल व कॉलेज से लेकर उच्‍च शिक्षा तक की सुविधाएं दी जा रही हैं। मुझे बताया गया है कि गवर्नमेंट कॉलेज में 50 प्रतिशत से अधिक और पॉलीटेक्निक में 90 प्रतिशत से अधिक बेटियों ने नामांकन कराया है। बेटियों की शिक्षा, विशेषकर वोकेशनल एजुकेशन के प्रति आप सब की जागरूकता के लिए मैं आप सभी को बधाई देता हूं।

संघ राज्य-क्षेत्र प्रशासन ने एक उल्‍लेखनीय पहल करते हुए IIIT वड़ोदरा का इंटरनेशनल कैम्पस यहां स्थापित करायाहै। शिक्षा और शिक्षार्थियों से मुझे विशेष लगाव है, इसलिए राष्‍ट्रीय महत्‍व के इस संस्‍थान के पहले शैक्षिक सत्र की शुरुआत करते हुए मुझे हार्दिक प्रसन्नता हो रही है। मेरा विश्‍वास है कि अपनी विशिष्‍ट डिजाइन और भव्‍य वास्‍तुकला के अनुरुप यह कैम्पस, विद्यार्थियों के लिए उच्‍च शिक्षा का उत्‍कृष्‍ट केन्द्र बनेगा। इसके अलावा, कमलेश्वर स्कूल के निर्माण से आस-पास के बच्चे पढ़ाई में आधुनिक सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे।

मुझे प्रसन्नता है कि दीव जिले में भी, आत्‍मनिर्भर भारत और वोकल फॉर लोकल का अभियान तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसी के अंतर्गत, प्रशासन द्वारा पर्यावरण के अनुकूल फूड स्‍टॉल तैयार किए गए हैं। आज इन स्टॉलों का लोकार्पण हो रहा है। स्थानीय उत्पादों की बिक्री से, एक ओर तो यहां के निवासियों को रोजगार मिलेगा, वहीं दूसरी ओर, पर्यटकों को यहां के विशिष्ट भोजन का स्वाद भी मिल सकेगा।

दीव की विशिष्ट वास्‍तुकला और प्राकृतिक सौंदर्य के कारण यह स्थान देश-विदेश के पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र है। दीव के साफ-सुथरे और खुबसूरत समुद्र तट, प्राकृतिक गुफाएं और ऐतिहासिक स्थल लोगों का मन मोह लेते हैं। मुझे विश्वास है कि नागवा बीच के सौंदर्यीकरण से पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी।

दीव में पर्यटकों की विशेष पसंद वाली अनेक ऐतिहासिक एवं सांस्‍कृतिक धरोहरों के संरक्षण और सौंदर्यीकरण के विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। पर्यटन की सुविधा के लिए जलंधर सर्किट हाउस का नवीकरण किया गया है तथा, अन्‍य सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। दीव में आने वाले सबसे अधिक पर्यटक, दीव फोर्ट देखने आते हैं। कल 27 दिसम्‍बर को मुझे दीव फोर्ट में लाइट एंड साउंड शो का उद्घाटन करना है। मुझे बताया गया है कि आडियो विजुअल शो के माध्‍यम से दर्शक और पर्यटक, दीव की, महाभारत काल से लेकर ऑपरेशन विजय तथा उससे आगे की ऐतिहासिक विकास यात्रा का जीवंत दर्शन कर सकेंगे।

देवियो और सज्जनो,

भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए स्‍वच्‍छ भारत अभियान को लागू करने में इस संघ राज्य-क्षेत्र की अग्रणी भूमिका रही है। यह बहुत प्रसन्‍नता का विषय है कि संघ राज्य-क्षेत्र के तीनों जिले ‘खुले में शौच से मुक्‍त’ घोषित किए जा चुके हैं। दीव के निवासियों की, सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं में सराहनीय भागीदारी रहती है। स्‍थानीय प्रशासन ने हर घर से कूड़ा उठाने की जिम्‍मेदारी निभाकर पूरे देश के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। जनता की उत्‍साहपूर्ण भागीदारी और प्रशासन के अथक प्रयासों के बल पर ही वर्ष 2019 के ‘स्‍वच्‍छ सर्वेक्षण’ में दमन और दीव को पहला स्‍थान प्राप्‍त हुआ था।

जनता और प्रशासन मिलकर जिस लगन से नागरिक सुविधाओं के निर्माण और रख-रखाव में हाथ बंटा रहे हैं, उसी एकजुटता के बल पर, पिछले 4 वर्षों में इस संघ राज्‍य-क्षेत्र को सामाजिक विकास के क्षेत्र में भारत सरकार के विभिन्‍न मंत्रालयों से लगभग 40 पुरस्‍कार व सम्‍मान प्राप्‍त हो चुके हैं।

दीव जिले के सभी घरों तक पेयजल पहुंचाने, सभी महिलाओं को उज्‍ज्‍वला योजना का लाभ देने और स्‍कूल जाने की आयु के सभी बच्‍चों का नामांकन सुनिश्चित करने के लिए भी प्रशासन ने विशेष प्रयास किए हैं। इन प्रयासों के लिए मैं, दादरा व नगर हवेली तथा दमन एवं दीव के प्रशासक, सांसदगण व अन्य जन प्रतिनिधियों, अधिकारियों, उद्यमियों और सबसे बढ़कर संघ राज्‍य-क्षेत्र की जनता को बधाई देता हूं।

इस सुन्दर द्वीप की विकास यात्रा जारी रहे,आप सब लोग स्‍वस्‍थ व सुखी रहें और अपनी धरती तथा देश की प्रगति व खुशहाली के लिए सदैव तत्पर बने रहें, इसी मंगल कामना के साथ मैं आप सभी को नव वर्ष 2021 के लिए हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।

धन्‍यवाद!

जय हिन्‍द!