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भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द का भारत-क्रोएशिया व्यापार मंच की बैठक में सम्बोधन

ज़ाग्रेब : 27.03.2019

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1. आज मुझे भारत-क्रोएशिया व्यापार मंच को संबोधित करते हुए बहुत खुशी हो रही है। आज यहाँ हमारे साथ राष्ट्रपति महोदया के मौजूद होने पर मैं उन्हें विशेष रूप से धन्यवाद देना चाहता हूं। हमारी संयुक्त उपस्थिति से हमारी इस प्रतिबद्धता का पता चलता है कि दोनों देशों को हमारे आर्थिक संबंधों को मजबूत बनाना है।

2. मैं इस व्यावसायिक कार्यक्रम के आयोजन के लिए क्रोएशियाई चैम्बर ऑफ इकोनॉमी, एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया, कॉन्फेडरेशन ऑफ़ इंडियन इंडस्ट्री और फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री को धन्यवाद देना चाहूंगा। मैं दोनों देशों के प्रतिनिधियों की उत्साहवर्धक सहभागिता से खुश हूं; इस फोरम में भाग लेने के लिए भारत से करीब 30 कंपनियां यहाँ आई हैं।

देवियो और सज्जनो,

3. हमारे बहुआयामी द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के बारे में राष्ट्रपति महोदया और प्रधानमंत्री प्लेंकोविच के साथ कल मेरी सार्थक चर्चा हुई। हमारे बीच व्यापार और निवेश के प्रोफ़ाइल का विस्तार करने और नवाचार, अनुसंधान तथा स्टार्ट-अप साझेदारियां स्थापित करने की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। इसके साथ ही, हमारे पास इसे प्रोत्साहित और प्रेरित करने के लिए समृद्ध व्यापारिक इतिहास है! यहां उपस्थित कई लोगों को डबरोवनिक और गोवा के बीच 16वीं शताब्दी में होने वाले समृद्ध व्यापारिक संपर्क के बारे में पता होगा। कई महाद्वीपों और महासागरों में, 1000 से अधिक क्रोएशियाई व्यापारी गोवा शिपिंग मर्केंडाईस में रहते थे। डबरोवनिक के सेंट ब्लाइस के मूल चर्च की गोवा में प्रतिकृति, उनके बीच के उद्यम और समृद्धि का साक्षात् प्रमाण है।

4. भारत-क्रोएशिया व्यापारिक वातावरण को समृद्ध करने वाले अन्य सुदृढ़ कारक भी मौजूद हैं। पिछले साल फीफा विश्व कप में क्रोएशिया की टीम के शानदार प्रदर्शन के बाद भारत में क्रोएशिया की लोकप्रियता कई गुना बढ़ गई है। क्रोएशिया की प्राकृतिक सुंदरता और मैत्रीपूर्ण व्यवहार भी कम आकर्षक नहीं है, और बड़ी संख्या में भारतीय पर्यटकों ने इस खूबसूरत देश की यात्रा पर आना शुरू कर दिया है। ये आदान-प्रदान और आपसी समझ दोतरफा व्यापारिक सहयोग बढ़ाने के लिए सबसे अधिक मददगार होंगे।

देवियो और सज्जनो,

5. भारत को क्रोएशिया में संस्कृति और आध्यात्मिकता की भूमि के रूप में जाना जाता है। ऐसा सही भी है, लेकिन क्रोएशियाई लोगों को उद्भवशील नए भारत की आर्थिक ऊर्जा, गतिशीलता और जोश का अनुभव करने की आवश्यकता है। पूरी दुनिया की ही तरह आपका भी ध्‍यान इस ओर जाना चाहिए। भारत आज 7% से अधिक की विकास दर के साथ दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है। वर्तमान में, यह क्रय शक्ति के मामले में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और समग्र रूप से छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। और यह 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। आप पाएंगे कि आज भारत में बिलकुल बदला हुआ कारोबारी माहौल है, जिसका अंदाज़ा इसी बात से लग जाता है कि विश्व बैंक के व्यापार सुगमता सूचकांक में भारत ने पिछले चार वर्ष के दौरान 65 स्थानों की असाधारण छलांग लगाई है। माल एवं सेवा कर की प्रखर शुरूआत होने से, 130 करोड़ लोगों का देश भारत, इतिहास में पहली बार एक राष्ट्र, एक कर और एक बाज़ार में स्वयं को परिवर्तित कर पाया है।

6. और विकास के साथ-साथ, महिलाओं को सशक्त बनाने और प्रगति और समृद्धि में पिरामिड के सबसे निचले हिस्से के लोगों की हिस्सेदारी सुनिश्चित करने के लिए हम इसमें समता का भी संयोजन कर रहे हैं। हमारे वित्तीय समावेशन कार्यक्रम - जन धन योजना के अंतर्गत गरीबों और जरूरतमंदों के लिए 33 करोड़ से अधिक बैंक खाते खोले गए हैं। दुनिया की सबसे बड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य बीमा योजना, ‘आयुष्मान भारत’ को आरम्‍भ से ही बड़ी सफलता मिल रही है।

7. हम अपने युवाओं की पूरी क्षमता का उपयोग करने के लिए अपने सुधारों पर भी काम कर रहे हैं। लगभग आधी आबादी के 25 वर्ष से कम आयु की होने के करण भारत की जनसांख्यिकी कई मायनों में तरक्‍की के बहुत अनुकूल है। हमारे कुशल भारत और स्टार्ट-अप इंडिया कार्यक्रमों से उद्यमिता और उद्यम की एक नई लहर चल पड़ी है। दुनिया भर में स्टार्ट-अप का दूसरा सबसे बड़ा नेटवर्क भारत में है, - भारत में करोड़ों डालर वैल्‍यू के स्‍टार्ट-अप सर्वाधिक संख्‍या में हैं।

8. भारत अपने सॉफ्टवेयर कौशल के लिए विख्यात है। अब अगली पीढ़ी के बुनियादी ढांचे के माध्यम से, चाहे वह 100 स्मार्ट शहर, हाई-स्पीड ट्रेन कॉरिडोर, हवाई अड्डे, राजमार्ग या राष्ट्रव्यापी ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी हो; हमारे राष्ट्र में "हार्डवेयर" (अवसंरचना) को उन्नत करने की दिशा में काम चल रहा है।

देवियो और सज्जनो,

9. भारत बदल रहा है और बहुत तेजी से बदल रहा है। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार समुदाय ने नवीन निवेशों के माध्‍यम से इन परिवर्तनों पर विश्वास की मुहर लगाई है। हमारे पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान, हमने 62 बिलियन अमेरिकी डॉलर के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त किए हैं। चाहे व्यापार के माध्‍यम से हो या प्रत्यक्ष निवेश या संयुक्त सहकार्य (जॉइंट कोलैबोरेशन) के माध्यम से हो, भारतीय उद्योग जगत अब पूरी दुनिया में अपनी पहुंच बना रहा है। लेकिन प्राय: केवल संख्याओं से यह पता नहीं चल पाता है कि होने वाले भारी बदलाव कौन-कौन से हैं या उन बदलावों के साथ और कौन-कौन से आयाम जुड़े हुए हैं। मैं आपको आमंत्रित करता हूं कि आप स्वयं आएं और अनुभव करें कि हम अपने लिए और दुनिया के लिए क्या कर रहे हैं। हम भारत के साथ साझेदारी करने और भारत में उपलब्‍ध हो रहे अवसरों का लाभ उठाने के लिए क्रोएशिया को आमंत्रित करते हैं।

10. मुझे इस बात से बहुत प्रोत्साहन मिलता है कि पिछले दशक के दौरान द्विपक्षीय व्यापार दोगुना हो गया है, और दोनों ही पक्षों के द्वारा कुछ निवेश किए गए हैं। फिर भी, आप स्वीकार करेंगे कि हमारा द्विपक्षीय व्यापार और निवेश अभी भी साधारण ही है। उदाहरण के तौर पर, सूचना प्रौद्योगिकी, फार्मास्यूटिकल्स, डिजिटल अर्थव्यवस्था, नवीकरणीय ऊर्जा, स्वास्थ्य सेवा, बुनियादी ढांचा, रक्षा और पर्यटन के क्षेत्रों में भारतीय विकास गाथा को देखते हुए क्रोएशिया के लिए दो-तरफ़ा जुड़ाव के अवसर उपलब्ध हैं।

11. हम चाहते हैं कि क्रोएशिया हमारे प्रमुख कार्यक्रमों - मेक इन इंडिया, स्वच्छ भारत, स्टार्ट-अप इंडिया और डिजिटल इंडिया में हमारे साथ सहयोग करे। हम पर्यटन और शहरी बुनियादी अवसंरचना के क्षेत्रों में क्रोएशिया से सीखने के भी इच्छुक हैं।

12. भारतीय आईटी क्षेत्र में क्रोएशिया को देने के लिए बहुत कुछ है। एक बड़ी दवा कंपनी, एसीजी समूह की तरह ही, हमारी सबसे बड़ी आईटी कंपनियों में से एक, इंफोसिस, भी क्रोएशिया में पहले से ही मौजूद है। भारतीय फार्मास्यूटिकल्स उद्योग, प्रमात्रा के मामले में दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा और जेनेरिक दवाओं का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है। सस्ती कीमत पर सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा, दवाइयां और चिकित्सा उपकरण उपलब्ध कराने में वे क्रोएशिया के साथ भागीदारी कर सकते हैं। चिकित्सा और आरोग्‍यता पर्यटन को बढ़ावा देने की भी संभावनाएं हैं।

13. हमारे दोनों देशों के बीच, रक्षा क्षेत्र सहयोग का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र हो सकता है। हमारी रक्षा आवश्यकताएं बहुत अधिक हैं और मैं क्रोएशियाई कंपनियों को आमंत्रित करता हूं कि वे हमारी मांगों की पूर्ति में हमारे भागीदार बनें। अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में भी बहुत अवसर उपलब्ध हैं। भारत में, अक्षय ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में हमने 2022 तक 100 गीगावाट सौर ऊर्जा सहित 175 गीगावाट की क्षमता तक पहुंचने का लक्ष्य रखा है। मुझे बताया गया है कि एक भारतीय कंपनी, ग्रीन ओरिएंट पावर ने सिबेनिक के पास पवन चक्की के क्षेत्र में निवेश किया है। आर्थिक सहभागिता का एक और बढ़ता हुआ क्षेत्र ‘मनोरंजन’ का है। कई भारतीय फिल्म निर्माता अब इस खूबसूरत देश में शूटिंग के लिए दिलचस्पी दिखा रहे हैं।

14. भारत और क्रोएशिया दोनों की अर्थव्यवस्थाओं में सेवा क्षेत्र महत्वपूर्ण योगदान देता है। हमें इस क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के तौर-तरीकों पर गौर करना चाहिए। भारत सूचना प्रौद्योगिकी, निर्माण, आतिथ्य और स्वास्थ्य क्षेत्रों में कुशल श्रमशक्ति उपलब्‍ध कराकर क्रोएशिया के विकास में भी भागीदार हो सकता है।

देवियो और सज्जनो,

15. हमारे द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों में बहुत कुछ किया जाना शेष है। मैं भारतीय और क्रोएशियाई व्यवसायों का आहवान करता हूँ कि वे व्यापार, प्रौद्योगिकी और निवेश सहकार हेतु एक-दूसरे के साथ साझेदारी करें। आज की वैश्वीकृत दुनिया में, हम केवल निर्यात और आयात के संदर्भ तक ही अपनी सोच को सीमित नहीं रख सकते हैं, हमें ज्यादा से ज्यादा लाभ अर्जित करने के लिए अपनी मूल्‍यवर्धन और आपूर्ति श्रृंखला को एकीकृत करने पर भी ध्यान देना चाहिए। मुझे खुशी है कि भारत-क्रोएशिया व्यापार परिषद् की स्थापना की गई है। हमें इसमें नई जान फूंकनी है और सहयोग के नए क्षेत्रों की पहचान करने में इसकी सहायता लेनी है। सरकारों के रूप में, हम व्यापार के लिए व्‍यवस्‍थाओं को सुगम बना सकते हैं, लेकिन अधिक से अधिक आर्थिक जुड़ाव के सच्चे वाहक तो व्यावसायिक समुदाय ही होते हैं। मैं इस प्रयास में उज्‍ज्‍वल भविष्‍य के लिए आपको शुभकामनाएं देता हूं।

16. मैं आज के फोरम को सफल बनाने के लिए एक बार फिर सभी हितधारकों को धन्यवाद देता हूं। और राष्ट्रपति महोदय की गरिमामयी उपस्थिति तथा भारत-क्रोएशिया व्यापार संबंधों को बढ़ावा देने के लिए उनकी प्रतिबद्धता की गहरी सराहना करता हूँ।

धन्यवाद!