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राष्ट्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण संस्थान द्वारा संचालित द्वितीय आधार पाठ्यक्रम के सामान्य कार्य चिकित्सा अधिकारियों (जीडीएमओ) के साथ मुलाकात के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द का संबोधन

राष्ट्रपति भवन: 27.11.2017

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मैं राष्ट्रपति भवन में आपका हार्दिक स्वागत करता हूं। मुझे आपसे मिलकर खुशी हुई है।

चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों के रूप में, राष्ट्र निर्माण में आपकी एक मौलिक भूमिका है। आप इस राष्ट्र की जीवन रेखा हैं। हमें स्वस्थ और तंदुरुस्त रखने का आपका दायित्व है।

एक देश के रूप में, हमने अनेक क्षेत्रों में तेज प्रगति की है। इससे चिकित्सकों और स्वास्थ्य प्रशासकों को अनेक विकल्प उपलब्ध हुए हैं परंतु आपने सरकारी सेवा में शामिल होना पसंद किया है, जिसका अर्थ है कि आपने जन-सामान्य के जीवन में बदलाव लाने के लिए देश की सेवा का चयन किया है।

मैं आपके निर्णय का गहरा सम्मान करता हूं। हमारे समाज को आप पर और आपके नेक पेशे पर पूरा भरोसा है। मुझे विश्वास है कि आप गरीबों और जरूरतमंदों के प्रति हमेशा सहृदय रहते हुए निष्ठापूर्ण सेवा के द्वारा इस भरोसे को कायम रखेंगे।

आपके समक्ष जो कार्य है वह चुनौतीपूर्ण कार्य है। हमारे यहां रोगों का प्रसार बना हुआ है। इसके साथ-साथ हमारे सामने स्वास्थ्य सुविधाओं के संदाय, सुगम्यता और वहनीयता के मुद्दे हैं। परंतु निष्ठा, उत्साह और दृढ़ संकल्प से, हम अपने लक्ष्य हासिल कर सकते हैं।

आपके लंबे भावी कॅरियर के दौरान, आप स्वास्थ्य क्षेत्र में अनेक प्रकार की भूमिकाएं निभाएंगे। आप स्वास्थ्यचर्या संदाय, परियोजनाओं के संचालन और नेतृत्व और कभी-कभी नीतिगत सुझाव देने जैसे कार्यों में शामिल होंगे।

मुझे खुशी है कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने केन्द्रीय स्वास्थ्य सेवा के सामान्य कार्य चिकित्सा अधिकारियों (जीडीएमओ) को बहुविध भूमिकाओं के लिए तैयार करने की दृष्टि से ‘‘आधारिक प्रशिक्षण कार्यक्रम’’ शुरू किया है। मैं इस कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण संस्थान को बधाई देता हूं।

संपूर्ण स्वास्थ्य कवरेज का लक्ष्य हमारी सरकार की प्राथमिकता है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का कार्यान्वयन मुख्य रूप से आपकी प्रतिबद्धता पर निर्भर है। इसके लिए समुदाय, गांव और जिला स्तर पर प्रभावी नियमन की जरूरत है।

हमारे देश में रोग प्रसार की प्रकृति में बदलाव आ रहा है। हमें टीबी, मलेरिया और डेंगू जैसी संक्रामक बीमारियों से निपटने के साथ ही असंक्रामक बीमारियों की बढ़ती प्रवृत्ति का भी मु़काबला करना होता है।

सरकार ने, इन बदलती स्वास्थ्य प्राथमिकताओं पर ध्यान देने के लिए एक दशक से भी ज्यादा समय के बाद, संशोधित राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति तैयार की है। इसमें सभी के लिए किफायती स्वास्थ्यचर्या उपलब्ध कराने के लिए नए और नवान्वेषी तरीकों की रूप-रेखा तैयार की गई है। मुझे उम्मीद है कि आप सभी इसे सफल बनाने का भरसक प्रयास करेंगे।

वर्षों से चलती हमारी स्वास्थ्य पहलों से देश की स्वास्थ्य संबंधी स्थिति में काफी सुधार आया है। उदाहरण के लिए, हमने पोलियो को जड़ से समाप्त कर दिया है, रोग-प्रतिरक्षण की व्याप्ति में उल्लेखनीय सुधार किया है तथा मातृत्व मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर और कुल प्रजनन दर में कमी ला पाने में सफल हुए हैं।

युवा अधिकारियो,

हमारा देश तीव्र आर्थिक प्रगति कर रहा है। स्वास्थ्य और सामाजिक-आर्थिक संकेतकों में भी इसी के अनुरूप तेजी आनी चाहिए।

जहां स्वास्थ्य आपके लिए चिन्ता का मुख्य विषय हो सकता है वहीं आपको देश की सामाजिक-आर्थिक प्रगति में उतनी ही अहम भूमिका निभानी है। सरकार की ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ और ‘स्वच्छ भारत’ जैसी प्रमुख पहलों में आपके सहयोग और सेवा की जरूरत है।

असंतुलित पुरुष-महिला लिंग अनुपात चिंता का एक प्रमुख कारण है। अल्प- पोषण और कुपोषण एक ऐसा क्षेत्र है जिसके लिए हमें बहुत काम करना है।

मैं यह सुझाव भी देना चाहूंगा कि आप स्वास्थ्य के प्रति केवल उपचारी दृष्टिकोण की बजाय रोकथाम वाला दृष्टिकोण अपनाएं चाहिए। इस संदर्भ में, एक प्राथमिकता हमारी स्वास्थ्यचर्या प्रणाली में हमारी पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों- ‘आयुष’ को शामिल करने की होनी चाहिए।

युवा और प्रतिभावान होने के कारण, आपको अनुसंधान और नवान्वेषण मे जुटना चाहिए और यह गौर करना चाहिए कि हम अपने वैज्ञानिक और मानव संसाधनों को किस प्रकार सभी के लिए लाभकारी बनाने की दृष्टि से लिए उनका सर्वोत्तम उपयोग कर सकते हैं।

आधार और मोबाइल टेलिफोनी के साथ मिलकर डिजिटल प्रौद्योगिकी स्वास्थ्यचर्या के क्षेत्र में कमाल कर सकती है। हमारा ई-औषधि कार्यक्रम सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। दूर-चिकित्सा एक और ऐसा प्रभावी प्रौद्योगिकी प्रयास है जिसका इस्तेमाल हमें अधिकाधिक इस्तेमाल करना चाहिए।

2015 में संयुक्त राष्ट्र में वैश्विक समुदाय ने सतत् विकास लक्ष्यों का एक कार्यक्रम अपनाया। स्वास्थ्य चुनौतियां इसका एक महत्वपूर्ण अंग हैं। सतत् विकास लक्ष्य हमारे राष्ट्रीय विकास कार्यक्रमों के साथ सुचारु रूप से जोड़े गए हैं। भारत इन लक्ष्यों को हासिल कर सके, इसके लिए हमें स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत तेजी से काम करना होगा।

युवा अधिकारियो, आपसे बहुत अधिक उम्मीदें हैं। मुझे विश्वास है कि आप गहरी निष्ठा के साथ देश की सेवा करेंगे। मैं आप सभी को भावी करियर में सफलता की शुभकामनाएं देता हूं।

जय हिन्द!