भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द का संसद के संयुक्त अधिवेशन में अभिभाषण
नई दिल्ली : 29.01.2021
माननीय सदस्यगण,
1. कोरोना वैश्विक महामारी के इस दौर में हो रहा संसद का यह संयुक्त सत्र बहुत महत्वपूर्ण है। नया वर्ष भी है, नया दशक भी है और इसी साल हम आजादी के 75वें वर्ष में भी प्रवेश करने वाले हैं। आज संसद के आप सभी सदस्य,हर भारतवासी के इस संदेश और इस विश्वास के साथ यहां उपस्थित हैं कि चुनौती कितनी ही बड़ी क्यों न हो,न हम रुकेंगे और न भारत रुकेगा।
2. भारत जब-जब एकजुट हुआ है, तब-तब उसने असंभव से लगने वाले लक्ष्यों को प्राप्त किया है। ऐसी ही एकजुटता और पूज्य बापू की प्रेरणा ने,हमें सैकड़ों वर्षों की गुलामी से आजादी दिलाई थी। इसी भावना को अभिव्यक्त करते हुए, राष्ट्रप्रेम से ओतप्रोत कवि, असम केसरी,अंबिकागिरि रायचौधरी ने कहा था:
ओम तत्सत् भारत महत,एक चेतोनात, एक ध्यानोत,
एक साधोनात,एक आवेगोत, एक होइ ज़ा,एक होइ ज़ा।
अर्थात,
भारत की महानता परम सत्य है। एक ही चेतना में,एक ही ध्यान में, एक ही साधना में,एक ही आवेग में, एक हो जाओ,एक हो जाओ।
3. आज हम भारतीयों की यही एकजुटता,यही साधना,देश को अनेक आपदाओं से बाहर निकालकर लाई है। एक तरफ कोरोना जैसी वैश्विक महामारी,दूसरी तरफ अनेक राज्यों में बाढ़,कभी अनेक राज्यों में भूकंप तो कभी बड़े-बड़े सायक्लोन,टिड्डी दल के हमले से लेकर बर्ड फ्लू तक,देशवासियों ने हर आपदा का डटकर सामना किया। इसी काल में सीमा पर भी अप्रत्याशित तनाव बढ़ा। इतनी आपदाओं से, इतने मोर्चों पर, देश एक साथ लड़ा और हर कसौटी पर खरा उतरा। इस दौरान हम सब, देशवासियों के अप्रतिम साहस, संयम, अनुशासन और सेवाभाव के भी साक्षी बने हैं।
4. महामारी के खिलाफ इस लड़ाई में हमने अनेक देशवासियों को असमय खोया भी है। हम सभी के प्रिय और मेरे पूर्ववर्ती राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जीका निधन भीकोरोना काल में हुआ। संसद के6सदस्य भी कोरोना की वजह से असमय हमें छोड़कर चले गए। मैं सभी के प्रति अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।
माननीय सदस्यगण,
5. हमारे शास्त्रों में कहा गया है- "कृतम् मे दक्षिणे हस्ते , जयो मे सव्य आहितः” अर्थात,हमारे एक हाथ में कर्तव्य होता है तो दूसरे हाथ में सफलता होती है। कोरोना महामारी के इस समय में, जब दुनिया का प्रत्येक व्यक्ति,हर देश इससे प्रभावित हुआ, आज भारत एक नए सामर्थ्य के साथ दुनिया के सामने उभर कर आया है। मुझे संतोष है कि मेरी सरकार के समय पर लिए गए सटीक फैसलों से लाखों देशवासियों का जीवन बचा है। आज देश में कोरोना के नए मरीजों की संख्या भी तेज़ी से घट रही है और जो संक्रमण से ठीक हो चुके हैं उनकी संख्या भी बहुत अधिक है।
माननीय सदस्यगण,
6. जब हम बीते एक वर्ष को याद करते हैं तो हमें स्मरण होता है कि कैसे एक ओर नागरिकों के जीवन की रक्षा की चुनौती थी ,तो दूसरी तरफ अर्थव्यवस्था की चिंता भी करनी थी। अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए रिकॉर्ड आर्थिक पैकेज की घोषणा के साथ ही मेरी सरकार ने इस बात का भी ध्यान रखा कि किसी गरीब को भूखा न रहना पड़े।
7. ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना’ के माध्यम से8 महीनों तक 80करोड़ लोगों को5 किलो प्रतिमाह अतिरिक्त अनाज निशुल्क सुनिश्चित किया गया। सरकार ने प्रवासी श्रमिकों,कामगारों और अपने घर से दूर रहने वाले लोगों की भी चिंता की। वन नेशन-वन राशन कार्ड की सुविधा देने के साथ ही सरकार ने उन्हें निशुल्क अनाज मुहैया कराया और उनके लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलवाईं।
8. महामारी के कारण शहरों से वापस आए प्रवासियों को उनके ही गांवों में काम देने के लिए मेरी सरकार ने छह राज्यों में गरीब कल्याण रोजगार अभियान भी चलाया। इस अभियान की वजह से50 करोड़ Man-days के बराबर रोजगार पैदा हुआ। सरकार ने रेहड़ी-पटरी वालों और ठेला लगाने वाले भाइयों-बहनों के लिए विशेष स्वनिधि योजना भी शुरू की। इसके साथ ही करीब31हजार करोड़ रुपए गरीब महिलाओं के जनधन खातों में सीधे ट्रांसफर भी किए। इस दौरान देशभर में उज्ज्वला योजना की लाभार्थी गरीब महिलाओं को14करोड़ से अधिक मुफ्त गैस सिलेंडर भी मिले।
9. अपने सभी निर्णयों में मेरी सरकार ने संघीय ढांचे की सामूहिक शक्ति का अद्वितीय उदाहरण भी प्रस्तुत किया है। केंद्र और राज्य सरकारों के बीच इस समन्वय ने लोकतंत्र को मजबूत बनाया है और संविधान की प्रतिष्ठा को सशक्त किया है।
माननीय सदस्यगण,
10.आचार्य चाणक्य ने कहा है-
याचना करने वाले को घास के तिनके और रुई से भी हल्का माना गया है। रुई और तिनके को उड़ा ले जाने वाली हवा भी याचक को इसलिए अपने साथ उड़ाकर नहीं ले जाती कि कहीं वह हवा से भी कुछ मांग ना ले। इस प्रकार,हर कोई याचक से बचता है।
इसका अभिप्राय यह है कि यदि अपने महत्व को बढ़ाना है तो दूसरों पर निर्भरता को कम करते हुए आत्मनिर्भर बनना होगा।
11. आजादी की लड़ाई के समय हमारे स्वतंत्रता सेनानी जिस सशक्त और स्वतंत्र भारत का सपना देख रहे थे, उस सपने को सच करने का आधार भी देश की आत्मनिर्भरता से ही जुड़ा था। कोरोना काल में बनी वैश्विक परिस्थितियों ने, जब हर देश की प्राथमिकता उसकी अपनी जरूरतें थीं, हमें ये याद दिलाया है कि आत्मनिर्भर भारत का निर्माण क्यों इतना महत्वपूर्ण है।
12. इस दौरान भारत ने बहुत ही कम समय में2200 से अधिक प्रयोगशालाओं का नेटवर्क बनाकर,हजारों वेंटिलेटर्स का निर्माण करके, पीपीई किट से लेकर टेस्ट किट बनाने तक में आत्मनिर्भरता हासिल करके अपनी वैज्ञानिक क्षमता, अपनी तकनीकी दक्षता और अपने मजबूत स्टार्ट-अप इकोसिस्टम का भी परिचय दिया है। हमारे लिए यह और भी गर्व की बात है कि आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चला रहा है। इस प्रोग्राम की दोनों वैक्सीन भारत में ही निर्मित हैं। संकट के इस समय में भारत ने मानवता के प्रति अपने दायित्व का निर्वहन करते हुए अनेक देशों को कोरोना वैक्सीन की लाखों खुराक उपलब्ध कराई हैं। भारत के इस कार्य की विश्व भर में हो रही प्रशंसा, हमारी हजारों वर्ष पुरानी संस्कृति, सर्वे सन्तु निरामयाः की भावना के साथ जग -कल्याण की हमारी प्रार्थना, हमारे प्रयासों को और ऊर्जा दे रही है।
माननीय सदस्यगण,
13. मेरी सरकार द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में पिछले6वर्षों में जो कार्य किए गए हैं,उनका बहुत बड़ा लाभ हमने इस कोरोना संकट के दौरान देखा है। इन वर्षों में इलाज से जुड़ी व्यवस्थाओं को आधुनिक बनाने के साथ ही बीमारी से बचाव पर भी उतना ही बल दिया गया है। राष्ट्रीय पोषण अभियान, फिट इंडिया अभियान, खेलो इंडिया अभियान, ऐसे अनेक कार्यक्रमों से स्वास्थ्य को लेकर देश में नई सतर्कता आई है। आयुर्वेद और योग को बढ़ावा देने के मेरी सरकार के प्रयासों का लाभ भी हमें देखने को मिला है।
14. मेरी सरकार के प्रयासों से, आज देश की स्वास्थ्य सेवाएं गरीबों को आसानी से उपलब्ध हो रही हैं तथा बीमारियों पर होने वाला उनका खर्च कम हो रहा है। आयुष्मान भारत -प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत देश में 1.5करोड़ गरीबों को5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज मिला है। इससे इन गरीबों के30 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा,खर्च होने से बचे हैं। आज देश के24 हजार से ज्यादा अस्पतालों में से किसी में भी आयुष्मान योजना का लाभ लिया जा सकता है। इसी तरह प्रधानमंत्री भारतीय जन-औषधि योजना के तहत देश भर में बने7 हजार केंद्रों से गरीबों को बहुत सस्ती दर पर दवाइयां मिल रही हैं। इन केंद्रों में रोजाना लाखों मरीज दवाई खरीद रहे हैं। कीमत कम होने की वजह से मरीजों को सालाना लगभग3600 करोड़ रुपए की बचत हो रही है।
माननीय सदस्यगण,
15. देश में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए मेडिकल शिक्षा का विस्तार भी अत्यंत आवश्यक है। साल 2014 में देश में सिर्फ387 मेडिकल कालेज थे, लेकिन आज देश में562 मेडिकल कालेज हैं। बीते6 वर्षों में अंडरग्रैजुएट और पोस्ट ग्रैजुएट चिकित्सा शिक्षा में50 हजार से ज्यादा सीटों की वृद्धि हुई है। प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत सरकार ने 22 नए‘एम्स’को भी मंजूरी दी है।
16. राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के साथ ही चार स्वायत्त बोर्ड का गठन कर केंद्र सरकार ने चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक सुधारों की नींव रखी है। इन्हीं सुधारों के क्रम में दशकों पुरानी मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के स्थान पर नेशनल मेडिकल कमीशन की स्थापना की गई है।
माननीय सदस्यगण,
17. आत्मनिर्भर भारत अभियान केवल भारत में निर्माण तक ही सीमित नहीं है,बल्कि यह भारत के हर नागरिक का जीवन स्तर ऊपर उठाने तथा देश का आत्मविश्वास बढ़ाने का भी अभियान है।
18.आत्मनिर्भर भारत का हमारा लक्ष्य आत्मनिर्भर कृषि से और सशक्त होगा। इसी सोच के साथ सरकार ने बीते 6 वर्षों में बीज से लेकर बाज़ार तक हर व्यवस्था में सकारात्मक परिवर्तन का प्रयास किया है,ताकि भारतीय कृषि आधुनिक भी बने और कृषि का विस्तार भी हो। इन्हीं प्रयासों के क्रम में मेरी सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की सिफ़ारिशों को लागू करते हुए लागत से डेढ़ गुनाMSPदेने का फैसला भी किया था। मेरी सरकार आज न सिर्फ MSPपर रिकॉर्ड मात्रा में खरीद कर रही है बल्कि खरीद केंद्रों की संख्या को भी बढ़ा रही है।
19. आज कृषि के लिए उपलब्ध सिंचाई के साधनों में भी व्यापक सुधार आ रहा है।Per Drop More Cropके मंत्र पर चलते हुए सरकार पुरानी सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने के साथ ही सिंचाई के आधुनिक तरीके भी किसानों तक पहुंचा रही है। 2013-14 में जहां42लाख हेक्टेयर जमीन में ही माइक्रो-इरिगेशन की सुविधा थी, वहीं आज56 लाख हेक्टेयर से ज्यादा अतिरिक्त जमीन को माइक्रो-इरिगेशन से जोड़ा जा चुका है।
20. मुझे खुशी है कि सरकार के इन प्रयासों को हमारे किसान अपने परिश्रम से और आगे बढ़ा रहे हैं। आज देश में खाद्यान्न उपलब्धता रिकॉर्ड स्तर पर है। वर्ष2008-09 में जहां देश में 234मिलियन टन खाद्यान्न की पैदावार हुई थी वहीं साल2019-20में देश की पैदावार बढ़कर296 मिलियन टन तक पहुंच गयी है। इसी अवधि में सब्जी और फलों का उत्पादन भी215 मिलियन टन से बढ़कर अब 320मिलियन टन तक पहुंच गया है। मैं इसके लिए देश के किसानों का अभिनंदन करता हूँ।
माननीय सदस्यगण,
21. समय की मांग है कि कृषि क्षेत्र में हमारे जो छोटे और सीमांत किसान हैं,जिनके पास सिर्फ एक या दो हेक्टेयर जमीन होती है,उन पर विशेष ध्यान दिया जाए। देश के सभी किसानों में से 80प्रतिशत से ज्यादा ये छोटे किसान ही हैं और इनकी संख्या10करोड़ से ज्यादा है।
22. मेरी सरकार की प्राथमिकताओं में ये छोटे और सीमांत किसान भी हैं। ऐसे किसानों के छोटे-छोटे खर्च में सहयोग करने के लिए पीएम किसान सम्मान निधि के जरिए उनके खातों में लगभग एक लाख तेरह हजार करोड़ से अधिक रुपए सीधे ट्रांसफर किए जा चुके हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ भी देश के छोटे किसानों को हुआ है। इस योजना के तहत पिछले5 वर्षों में किसानों को17हजार करोड़ रुपए प्रीमियम के एवज में लगभग90हजार करोड़ रुपए की राशि,मुआवजे के तौर पर मिली है।
23. देश के छोटे किसानों को साथ जोड़कर10 हजार किसान उत्पादक संगठनों यानिFarmer Producer Organisationsको स्थापित करने का अभियान एक ऐसा ही प्रभावशाली कदम है। इससे इन छोटे किसानों को समृद्ध किसानों की तरह बेहतर तकनीक,ज्यादा ऋण,पोस्ट हार्वेस्टिंग प्रोसेसिंग एवं मार्केटिंग की सुविधाएं और प्राकृतिक आपदा के समय सुरक्षा मिलनी सुनिश्चित हुई है। इससे किसानों को अपनी फसल की ज्यादा कीमत और ज्यादा बचत का विकल्प भी मिला है।
माननीय सदस्यगण,
24. व्यापक विमर्श के बाद संसद ने सात महीने पूर्व तीन महत्वपूर्ण कृषि सुधार, कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, कृषि (सशक्तीकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार विधेयक, और आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक पारित किए हैं। इन कृषि सुधारों का सबसे बड़ा लाभ भी10 करोड़ से अधिक छोटे किसानों को तुरंत मिलना शुरू हुआ। छोटे किसानों को होने वाले इन लाभों को समझते हुए ही अनेक राजनीतिक दलों ने समय-समय पर इन सुधारों को अपना भरपूर समर्थन दिया था। देश में अलग-अलग फोरम पर,देश के हर क्षेत्र में दो दशकों से जिन सुधारों की चर्चा चल रही थी और जो मांग हो रही थी,वह सदन में चर्चा के दौरान भी परिलक्षित हुई।
25. वर्तमान में इन कानूनों का अमलीकरणदेश की सर्वोच्च अदालत ने स्थगित किया हुआ है। मेरी सरकार उच्चतम न्यायालय के निर्णय का पूरा सम्मान करते हुए उसका पालन करेगी।
लोकतंत्र और संविधान की मर्यादा को सर्वोपरि रखने वाली मेरी सरकार, इन कानूनों के संदर्भ में पैदा किए गए भ्रम को दूर करने का निरंतर प्रयास कर रही है। मेरी सरकार ने लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की आजादी और शांतिपूर्ण आंदोलनों का हमेशा सम्मान किया है। लेकिन पिछले दिनों हुआ तिरंगे और गणतंत्र दिवस जैसे पवित्र दिन का अपमान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। जो संविधान हमें अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार देता है,वही संविधान हमें सिखाता है कि कानून और नियम का भी उतनी ही गंभीरता से पालन करना चाहिए।
26. मेरी सरकार यह स्पष्ट करना चाहती है कि तीन नए कृषि कानून बनने से पहले,पुरानी व्यवस्थाओं के तहत जो अधिकार थे तथा जो सुविधाएं थीं,उनमें कहीं कोई कमी नहीं की गई है। बल्कि इन कृषि सुधारों के जरिए सरकार ने किसानों को नई सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ-साथ नए अधिकार भी दिए हैं।
माननीय सदस्यगण,
27. कृषि को और लाभकारी बनाने के लिए मेरी सरकार आधुनिक कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी विशेष ध्यान दे रही है। इसके लिए एक लाख करोड़ रुपए के एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड की शुरुआत की गई है।
28. देश भर में शुरू की गईं किसान रेल,भारत के किसानों को नया बाजार उपलब्ध कराने में नया अध्याय लिख रही हैं। यह किसान रेल एक तरह से चलता फिरता कोल्ड स्टोरेज है। अब तक100से ज्यादा किसान रेलें चलाई जा चुकी हैं जिनके माध्यम से 38 हजार टन से ज्यादा अनाज और फल-सब्जियां, एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र तक किसानों द्वारा भेजी गई हैं।
माननीय सदस्यगण,
29. किसानों की आय बढ़ाने के लिए मेरी सरकार ने पशुधन को आय के स्रोत के रूप में स्थापित करने पर भी विशेष जोर दिया है। इसी का परिणाम है कि देश का पशुधन पिछले5वर्षों में सालाना 8.2 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है। सरकार ने डेयरी क्षेत्र में बुनियादी ढांचे की स्थापना और निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए15हजार करोड़ रुपए के पशुपालन अवसंरचना विकास कोष की स्थापना भी की है।
30. मेरी सरकार ने पशुपालन और मत्स्यपालन को भी कृषि क्षेत्र की तरह ही किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा दी है। देश में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के माध्यम से मछुआरों की आय को बढ़ाने के लिए भी काम हो रहा है। इस क्षेत्र में अगले पांच सालों में लगभग बीस हजार करोड़ रुपए का निवेश करने की योजना है।
31. किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए मेरी सरकार अन्नदाता को ऊर्जादाता बनाने का भी अभियान चला रही है। प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत किसानों को20लाख सोलर पंप दिए जा रहे हैं। सरकार द्वारा गन्ने के सीरे,मक्का ,धान इत्यादि से एथनॉल के उत्पादन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। पिछले6वर्षों में सरकार की सकारात्मक नीतियों के कारण एथनॉल का उत्पादन38करोड़ लीटर से बढ़कर190 करोड़ लीटर हुआ है। यह उत्पादन,इस वर्ष, बढ़कर320 करोड़ लीटर तक हो जाएगा, ऐसी उम्मीद है। एथनॉल, देश के किसानों की आय बढ़ाने का एक बड़ा जरिया बनकर उभर रहा है।
माननीय सदस्यगण,
32. पूज्य बापू आत्मनिर्भर "आदर्श गांवों” के निर्माण की इच्छा रखते थे। इसी विचार को लेकर चल रही मेरी सरकार आज गांवों के बहुआयामी विकास के लिए लगातार काम कर रही है। गांव के लोगों का जीवन स्तर सुधरे,यह मेरी सरकार की प्राथमिकता है। इसका उत्तम उदाहरण 2014से गरीब ग्रामीण परिवारों के लिए बनाए गए2करोड़ घर हैं। वर्ष 2022 तक हर गरीब को पक्की छत देने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना की गति भी तेज की गई है।
33. मेरी सरकार द्वारा शुरू की गई स्वामित्व योजना से अब ग्रामीणों को उनकी संपत्ति पर कानूनी हक मिल रहा है। स्वामित्व के इस अधिकार से अब गांवों में भी संपत्तियों पर बैंक लोन लेना,हाउस लोन लेना आसान बनेगा और ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी। इस योजना का भी विशेष लाभ गांवों के छोटे उद्यमियों और कुटीर उद्योग से जुड़े लोगों तथा छोटे किसानों को होगा।
माननीय सदस्यगण,
34. बाबा साहेब आंबेडकर संविधान के मुख्य शिल्पी होने के साथ-साथ हमारे देश में वॉटर पॉलिसी को दिशा दिखाने वाले भी थे। 8 नवंबर, 1945को कटक में एक कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा था- Water is Wealth. Water being the wealth of the people and its distribution being uncertain, the correct approach is not to complain against nature but to conserve water.
35. बाबा साहेब की प्रेरणा को साथ लेकर,मेरी सरकार ‘जल जीवन मिशन’ की महत्वाकांक्षी योजना पर काम कर रही है। इसके तहत ‘हर घर जल’पहुंचाने के साथ ही जल संरक्षण पर भी तेज गति से काम किया जा रहा है। मुझे यह बताते हुए हर्ष है कि इस अभियान के तहत अब तक3करोड़ परिवारों को पाइप वॉटर सप्लाई से जोड़ा जा चुका है। इस अभियान में अनुसूचित जातियों व जनजातियों के भाई-बहनों तथा वंचित वर्गों के अन्य लोगों को प्राथमिकता के आधार पर पानी का कनेक्शन दिया जा रहा है।
माननीय सदस्यगण,
36. हमारे गांवों को 21वीं सदी की जरूरतों और इनफ्रास्ट्रक्चर से जोड़ने के लिए मेरी सरकार ने ग्रामीण सड़क नेटवर्क के विस्तार में भी सराहनीय काम किया है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत देश के ग्रामीण क्षेत्रों में 6 लाख42 हजार किलोमीटर सड़क का निर्माण पूरा कर लिया गया है। इस योजना के तीसरे चरण में ग्रामीण क्षेत्रों में बसावटों के साथ-साथ स्कूलों,बाज़ारों और अस्पतालों आदि से जोड़ने वाले1 लाख25 हजार किलोमीटर रास्तों को भी अपग्रेड किया जाएगा। गांवों में सड़कों के साथ ही इंटरनेट की कनेक्टिविटी भी उतनी ही अहम है। हर गांव तक बिजली पहुंचाने के बाद मेरी सरकार देश के 6 लाख से अधिक गांवों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ने के लिए अभियान चला रही है।
माननीय सदस्यगण,
37. हमारी अर्थव्यवस्था की आधारभूत ताकत हमारे गांवों और छोटे शहरों में फैले हमारे लघु उद्योग, हमारे कुटीर उद्योग,MSMEsही हैं। भारत को आत्मनिर्भर बनाने का बहुत बड़ा सामर्थ्य हमारे इन लघु उद्योगों के ही पास है। देश के कुल निर्यात में इनकी भागीदारी लगभग50प्रतिशत की है। आत्मनिर्भर भारत के मिशन में MSMEsकी भूमिका को बढ़ाने के लिए भी अनेक कदम उठाए गए हैं।
38. MSMEs की परिभाषा में बदलाव हो,निवेश की सीमा बढ़ाना हो या फिर सरकारी खरीद में वरीयता,अब लघु और कुटीर उद्योगों को विकास के लिए ज़रूरी प्रोत्साहन मिला है। तीन लाख करोड़ रुपए की इमरजेंसी क्रेडिट गारंटी योजना,मुश्किल में फंसे MSMEsके लिए 20 हजार करोड़ की विशेष योजना औरFund of Funds जैसे प्रयासों ने लाखों लघु उद्यमियों को लाभ पहुंचाया है। GeM(जेम) पोर्टल से देश के दूर दराज वाले क्षेत्रों के MSMEsको सरकारी खरीद में पारदर्शिता के साथ-साथ अधिक भागीदारी भी मिल रही है।
39. मेरी सरकार की यह निरंतर कोशिश है कि उद्यमशीलता का लाभ देश के हर वर्ग को मिले। हुनर हाट और उस्ताद योजना के माध्यम से लाखों शिल्पकारों का कौशल विकास भी किया जा रहा है और उनको रोजगार के अवसर दिए जा रहे हैं। इन लाभार्थियों में आधे से अधिक महिला शिल्पकार हैं। e-haat के माध्यम से इन शिल्पकारों को पूरी दुनिया के खरीदारों से जोड़ा जा रहा है।
40. आत्मनिर्भर भारत में महिला उद्यमियों की विशेष भूमिका है। मेरी सरकार ने महिलाओं को स्वरोज़गार के नए अवसर देने के लिए कई कदम उठाए हैं। मुद्रा योजना के तहत अब तक25करोड़ से ज्यादा ऋण दिए जा चुके हैं,जिसमें से लगभग 70 प्रतिशत ऋण महिला उद्यमियों को मिले हैं।
41. दीनदयाल अंत्योदय योजना - राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत देश में आज7 करोड़ से अधिक महिला उद्यमी करीब66 लाख स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हुई हैं। बैंकों के माध्यम से इन महिला समूहों को पिछले6 वर्षों में3लाख 40 हजार करोड़ रुपए का ऋण दिया गया है।
42. देश के ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत महिलाओं के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए सरकार एक रुपए में ‘सुविधा’ सैनिटरी नैपकिन देने की योजना भी चला रही है। सरकार गर्भवती महिलाओं के मुफ्त चेक-अप की मुहिम एवं राष्ट्रीय पोषण अभियान चलाकर, उन्हें आर्थिक मदद देकर ,गर्भवती माताओं एवं शिशुओं के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए निरंतर प्रयत्नशील है। इसी का परिणाम है कि देश में मातृ मृत्यु दर 2014 में प्रति लाख 130से कम होकर113 तक आ गयी है। पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर भी पहली बार घटकर36तक आ गई है, जो वैश्विक दर 39 से कम है।
43. महिलाओं की समान भागीदारी को आवश्यक मानने वाली मेरी सरकार नए-नए क्षेत्रों में बहनों-बेटियों के लिए नए अवसर बना रही है। भारतीय वायुसेना की फाइटर स्ट्रीम हो, मिलिट्री पुलिस में महिलाओं की नियुक्ति हो, या फिर अंडर ग्राउंड माइन्स में तथा ओपन कास्ट माइन्स में महिलाओं को रात्रि में कार्य करने की अनुमति, ये सभी निर्णय पहली बार मेरी सरकार ने ही लिए हैं। महिला सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वन स्टॉप सेंटर, अपराधियों का राष्ट्रीय डेटाबेस, इमरजेंसी रिस्पॉन्स सपोर्ट सिस्टम और देश भर में फास्ट ट्रैक कोर्ट पर तेज़ी से काम किया गया है।
माननीय सदस्यगण,
44. 21वीं सदी की वैश्विक आवश्यकताओं और चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति की घोषणा की है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में पहली बार छात्रों को अपनी रुचि के हिसाब से विषय पढ़ने की आजादी दी गई है। किसी कोर्स के बीच में भी विषय और स्ट्रीम बदलने का विकल्प युवाओं को दिया गया है।
45. मेरी सरकार ने प्रधानमंत्री ई-विद्या के अंतर्गत,स्कूली शिक्षा के लिए दीक्षा ऑनलाइन पोर्टल को वन नेशन,वन डिजिटल प्लेटफॉर्म के रूप में विकसित किया है। विद्यार्थियों के हितों के लिए संवेदनशील मेरी सरकार ने जेईई औरनीट परीक्षाओं का भी सफल आयोजन कर उनका एक साल व्यर्थ होने से बचाया है।
माननीय सदस्यगण,
46. मेरी सरकार का मानना है कि सबसे ज्यादा वंचित वर्गों की सामाजिक और आर्थिक विकास की यात्रा, गुणवत्ता युक्त शिक्षा से आरंभ होती है। सरकार की विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं का लाभ ऐसे ही3 करोड़ 20 लाख से ज्यादा विद्यार्थियों को मिल रहा है। इनमें अनुसूचित जाति,पिछड़ा वर्ग,वनवासी एवं जनजातीय वर्ग और अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र-छात्राएं शामिल हैं। सरकार का प्रयास है कि ज्यादा से ज्यादा पात्र और ज़रूरतमंद विद्यार्थियों को छात्रवृत्तियों का लाभ मिले। इसके साथ ही, अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को दी जाने वाली पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति में केंद्र सरकार के हिस्से को भी बढ़ाया जा रहा है। इसी प्रकार जनजातीय युवाओं की शिक्षा के लिए हर आदिवासी बहुल ब्लॉक तक एकलव्य आवासीय मॉडल स्कूल के विस्तार का काम किया जा रहा है। अब तक इस प्रकार के साढ़े पांच सौ से ज्यादा स्कूल स्वीकृत किए जा चुके हैं।
47. शिक्षा के साथ साथ नौकरी की प्रक्रियाएं आसान करने और व्यवस्थित करने पर भी मेरी सरकार का जोर है। ग्रुप सी और ग्रुप डी में इंटरव्यू समाप्त करने से युवाओं को बहुत लाभ हुआ है। सरकार ने नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी का गठन करके नौजवानों को नियुक्ति के लिए कई अलग-अलग परीक्षाएं देने की परेशानी से मुक्त किया है।
माननीय सदस्यगण,
48. मेरी सरकार ‘सबका साथ,सबका विकास, सबका विश्वास’ के मंत्र के साथ देश के हर क्षेत्र और हर वर्ग के विकास को प्राथमिकता दे रही है। दिव्यांगजनों की मुश्किलों को कम करने के लिए देशभर में हजारों इमारतों को,सार्वजनिक बसों और रेलवे को सुगम्य बनाया गया है। लगभग 700 वेबसाइटों को दिव्यांगजनों के अनुकूल तैयार किया गया है। इसी तरह ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को भी बेहतर सुविधाएं और समान अवसर देने के लिए Transgender Persons (Protection of Rights) Actलागू किया गया है। Denotified,Nomadic एवं semi-nomadic communitiesयानि विमुक्त, घुमंतू और अर्ध घुमंतू समुदायों के लिए भी विकास एवं कल्याण बोर्ड की स्थापना की गई है।
49. विकास की दौड़ में पीछे रह गए देश के 112 आकांक्षी जिलों में मेरी सरकार प्राथमिकता के आधार पर विकास योजनाओं को लागू कर रही है। इसका बहुत बड़ा लाभ आदिवासी भाई-बहनों को हो रहा है। आदिवासियों की आजीविका के प्रमुख साधन यानि वन-उपज की मार्केटिंग और वन-उपज आधारित छोटे उद्योगों की स्थापना का काम भी जारी है। ऐसी कोशिशों से लगभग600 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि जनजातीय परिवारों तक पहुंची है। सरकार द्वारा 46 वन-उपजों परMSP, 90 प्रतिशत तक बढ़ाई गई है।
माननीय सदस्यगण,
50. आधुनिक टेक्नोलॉजी का भारत में विकास और हर भारतीय की आधुनिक टेक्नोलॉजी तक आसान पहुंच, आत्मनिर्भर बनते भारत की अहम पहचान है।
51. दो गज की दूरी की अनिवार्यता के बीच,देश की संस्थाओं और नागरिकों ने डिजिटल इंडिया की ताकत से देश की रफ्तार को थमने नहीं दिया।पिछले वर्षदिसंबर में UPI से 4 लाख करोड़ रुपए से भी अधिक का डिजिटल पेमेंट हुआ है। आज देश के 200 से ज्यादा बैंकUPI व्यवस्था से जुड़े हैं। इसी तरह, डिजिलॉकर का, 400 करोड़ से अधिक डिजिटल डॉक्युमेंट्स के लिए, पेपरलेस प्लेटफ़ार्म की तरह उपयोग किया जा रहा है। उमंग ऐप पर भी देश के करोड़ों नागरिक 2 हजार से ज्यादा सेवाओं का लाभ ले रहे हैं। देश में साढ़े3 लाख से अधिक कॉमन सर्विस सेंटर ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को सरकारी सेवाओं से जोड़ रहे हैं। इसी क्रम में , Indian Stamp Act में संशोधन करके अब देश मेंe-stamp की व्यवस्था भी लागू कर दी गई है।
52. जनधन खातों,आधार और मोबाइल की त्रिशक्ति ने लोगों को उनका अधिकार सुनिश्चित किया है। इस JAM त्रिशक्ति की वजह से, एक लाख अस्सी हजार करोड़ रुपए गलत हाथों में जाने से बच रहे हैं।
53. मेरी सरकार द्वारा ‘राष्ट्रीय डिजिटल हेल्थ मिशन’ के जरिए चिकित्सा सेवाओं को डिजिटल बनाने की शुरुआत भी की गई है। इसके माध्यम से आने वाले समय में देश के नागरिक डिजिटल अपाइंटमेंट,डिजिटल रिपोर्ट के साथ साथ digital health record जैसी सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे।
54. हमारा अपना navigation satellite system –नाविक भी आज भारत का गौरव बढ़ा रहा है। इसका लाभ अब हजारों मछुआरे साथियों को मिल रहा है। हाल में नेशनल एटॉमिक क्लॉक और भारतीय निर्देशक द्रव्य प्रणाली के रूप में नए मानक भी राष्ट्र को समर्पित किए गए हैं। इन स्वदेशी समाधानों से भारत के प्रोडक्ट्स को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाने में मदद मिलेगी।
55.टेक्नॉलॉजी का यह अभियान देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं को भी सशक्त कर रहा है। इस दिशा में राष्ट्रीय ‘ई-विधान ऐप’ के जरिए देश की सभी विधानसभाओं,विधानपरिषदों और संसद के दोनों सदनों का डिजिटलीकरण किया जा रहा है। राज्य विधानसभाओं में National e-Vidhan Applicationयानि‘नेवा’ का कार्यान्वयन, विधायी और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के संचालन में एक नए युग की शुरुआत करेगा।
माननीय सदस्यगण,
56. हमारी संसद,लोकतन्त्र में देशवासियों की बढ़ती हुई भागीदारी और नए भारत की आकांक्षाओं की पूर्ति का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। पहले की सरकारों में तथा संसद के सदनों में यह बात उठती रही है कि संसद की यह इमारत, हमारी वर्तमान आवश्यकताओं को पूरा करने में अपर्याप्त सिद्ध हो रही है। संसद की नई इमारत को लेकर पहले की सरकारों ने भी प्रयास किए थे। यह सुखद संयोग है कि आजादी के 75वें वर्ष की तरफ बढ़ते हुए हमारे देश ने , संसद की नई इमारत का निर्माण शुरू कर दिया है। नए संसद भवन के बनने से अपने संसदीय दायित्वों को निभाने में हर सदस्य को अधिक सुविधा मिलेगी।
माननीय सदस्यगण,
57. देशवासियों ने जिस तेज़ी से तकनीक और बदलाव को आत्मसात किया है,वह इस बात का प्रमाण है कि आज हर भारतीय,देश को नई ऊंचाई पर पहुंचते हुए देखने के लिए कितना आतुर है। देशवासियों की आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए मेरी सरकार तेज़ी से निर्णय ले रही है और अर्थव्यवस्था से जुड़े हर सेक्टर में ऐसे सुधार कर रही है जिनकी प्रतीक्षा वर्षों से थी।
58. फेसलेस टैक्स असेसमेंट और अपील की सुविधा देने के साथ ही मेरी सरकार ने देश में उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करने के लिए कंपनी अधिनियम के अनेक प्रावधानों को गैर-आपराधिक बना दिया है। उद्योगों को ज़रूरी सुविधाएं मिल सकें इसके लिए औद्योगिक क्षेत्रों का, GIS तकनीक पर आधारित डेटाबेस तैयार किया गया है। इस डेटाबेस में देशभर की लगभग5 लाख हेक्टेयर औद्योगिक भूमि से जुड़ी जानकारी उपलब्ध है।
59. मुझे खुशी है कि संसद के दोनों सदनों ने श्रमेव जयते की भावना पर चलते हुए श्रमिकों के जीवन में बदलाव लाने वाला निर्णय लिया है। 29केंद्रीय श्रम कानूनों को कम करके4 लेबर कोड बनाए हैं। इन श्रम सुधारों में राज्यों ने भी अगुवाई की है। इन सुधारों से श्रम कल्याण का दायरा बढ़ेगा,श्रमिकों को निश्चित समय पर मज़दूरी मिल पाएगी और रोज़गार के ज्यादा अवसर तैयार होंगे। नए लेबर कोड हमारी महिला श्रमिकों की अधिक और सम्मानजनक भागीदारी भी सुनिश्चित करते हैं।
60. उद्योगों के लिए,श्रम के साथ-साथ, आसान पूंजी भी बहुत आवश्यक है। इसके लिए देश के बैंकिंग सिस्टम को सशक्त किया जा रहा है। देश में बड़े और शक्तिशाली बैंकों के निर्माण के लिए छोटे बैंकों का आपस में विलय भी इसी दिशा में उठाया गया कदम है।
61. मैन्युफेक्चरिंग से जुड़े 10 सेक्टर्स के लिए पहली बार देश में लगभग डेढ़ लाख करोड़ रुपए की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम लागू की गई है। इसका लाभ इलेक्ट्रॉनिक्स सहित अनेक दूसरे सामान की मैन्युफेक्चरिंग में दिखने भी लगा है। देश और विदेश की अनेक बड़ी कंपनियों ने भारत में इन योजनाओं के तहत काम शुरु कर दिया है।
62. मेरी सरकार, भारत में बने सामान के उपयोग के लिए जन-भागीदारी को प्रोत्साहित कर रही है। आज वोकल फॉर लोकल देश में जन-आंदोलन का रूप ले चुका है। भारत में बने सामान के प्रति भावनात्मक लगाव के साथ ही गुणवत्ता में भी वे श्रेष्ठ हों, इस दिशा में काम किया जा रहा है।
63.देश में Ease of Doing Business में सुधार के लिए भी निरंतर कदम उठाए जा रहे हैं। इसके लिए राज्यों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित किया जा रहा है। यह बड़े हर्ष की बात है कि रैंकिंग में सुधार की गंभीरता को राज्य भी समझ रहे हैं और इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं।
64. कोरोना के इस काल में, प्रत्येक भारतीय का जीवन बचाने के प्रयासों के बीच अर्थव्यवस्था को जो हानि हुई थी, उससे भी अब देश उबरने लगा है। यह आज अनेक इंडिकेटर्स के माध्यम से स्पष्ट हो रहा है। इस मुश्किल समय में भी भारत दुनिया के निवेशकों के लिए आकर्षक स्थान बनकर उभरा है। अप्रैल से अगस्त, 2020 के बीच लगभग36 अरब डॉलर का रिकॉर्ड प्रत्यक्ष विदेशी निवेश भारत में हुआ है।
माननीय सदस्यगण,
65. मेरी सरकार मानती है कि देश में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण, नए और आत्मनिर्भर भारत के लिए मजबूत नींव का काम करेगा। कोरोना काल में भी इंफ्रास्ट्रक्चर के अनेक बड़े प्रोजेक्ट्स पर तेज़ी से काम होना और उनका पूरा होना, हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। चेन्नई से पोर्ट ब्लेयर तक सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल हो, अटल टनल हो या फिर चार धाम सड़क परियोजना, हमारा देश विकास के कार्यों को आगे बढ़ाता रहा।
66. कुछ दिन पहले ही पूर्वी और पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के सेक्शंस, देश को समर्पित किए गए हैं। ये फ्रेट कॉरिडोर पूर्वी भारत में औद्योगीकरण को प्रोत्साहन देने के साथ ही रेल यात्रा में होने वाली अनावश्यक देरी को भी कम करेंगे।
67. देश के इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक रूप देने के लिए मेरी सरकार110लाख करोड़ रुपए से अधिक कीNational Infrastructure Pipelineपर भी काम कर रही है। साथ ही, भारतमाला परियोजना के पहले चरण में छह नए एक्सप्रेस-वे और18 नए एक्सेस कंट्रोल्ड कॉरिडोर्स का निर्माण चल रहा है।
68. गुजरात के हजीरा और घोघा के बीच शुरू की गई रो-पैक्स फेरी सेवा हो या फिर केवड़िया और साबरमती रिवर फ्रंट के बीच सी-प्लेन सेवा ,ये भारत में वॉटर ट्रांसपोर्ट को नया आयाम दे रहे हैं। दुनिया की सबसे ऊंची सरदार पटेल की प्रतिमा का गौरव अपने साथ रखने वाले केवड़िया से अब देश के अनेक शहरों से सीधे ट्रेनें भी चलने लगी हैं।
माननीय सदस्यगण,
69. देश को Gas Based Economy बनाने के लिए गैस कनेक्टिविटी पर भी तेज गति से काम किया जा रहा है। कुछ दिनों पहले ही कोच्चि-मैंगलुरू गैस पाइपलाइन का लोकार्पण किया गया है। डोभी-दुर्गापुर गैस पाइपलाइन का निर्माण ‘ऊर्जा गंगा ’ का प्रवाह बढ़ा रहा है। यह पाइपलाइन पश्चिम बंगाल तक जाएगी और पूर्वी भारत के विभिन्न उद्योगों ,विशेषकर खाद कारखानों को, गैस उपलब्ध कराएगी। इसी तरह तमिलनाडु के खाद कारखाने और अन्य औद्योगिक इकाइयों को गैस पाइपलाइन से जोड़ने के लिए तूतीकोरीन-रामनाथपुरम् गैस पाइपलाइन पर तीव्र गति से कार्य चल रहा है।
माननीय सदस्यगण,
70. मेरी सरकार देश में शहरीकरण के विकास को एक अवसर के रूप में देखती है, इसलिए शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर पर व्यापक निवेश किया जा रहा है। शहरों में गरीबों के लिए स्वीकृत एक करोड़ से अधिक घरों में से करीब 40 लाख का निर्माण पूरा हो चुका है। कुछ दिन पहले देश के 6 शहरों में आधुनिक टेक्नॉलॉजी आधारित घर बनाने का काम भी शुरु किया गया है। शहरों में काम करने वाले श्रमिकों को बेहतर आवास मिल सकें इसके लिए उचित किराए वाली योजना भी शुरु की गई है।
71. शहरों में कनेक्टिविटी से जुड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर भी सरकार की प्राथमिकता है। आज देश के 27 शहरों में मेट्रो सेवा के विस्तार के लिए काम चल रहा है। कुछ दिन पहले ही दिल्ली मेट्रो के एक रूट पर ड्राइवरलेस मेट्रो का परिचालन भी किया गया। शहरों में Regional Rapid Transit Systems के निर्माण से भी पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बेहतर बनाया जा रहा है। कॉमन मोबिलिटी कार्ड के देशभर में हो रहे विस्तार से देश के शहरों में यात्रा और आसान होगी।
माननीय सदस्यगण,
72. मेरी सरकार पूर्वी भारत के संपूर्ण और संतुलित विकास के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। पूर्वोत्तर की भौगोलिक, सांस्कृतिक,भाषाई विशेषताओं और सामाजिक पहचान को सुरक्षित रखते हुए तेज़ विकास की नीति पर काम किया जा रहा है। ब्रह्मपुत्र नदी असम सहित उत्तर-पूर्वी राज्यों की ‘जीबोनधारा’ है। इसी जीवनधारा को आर्थिक गतिविधियों का आधार बनाकर विभिन्न राष्ट्रीय जलमार्गों के आरंभ के लिए काम हो रहा है। इसका लाभ पूर्वोत्तर के किसानों, युवाओं और उद्यमियों,सभी को होगा। ‘अर्थ ब्रह्मपुत्र’ प्रोग्राम से ‘इंटीग्रेटेड नेशनल वाटरवेज’ का विकास कर ,ब्रह्मपुत्र और बराक नदी को विकास की धारा बनाने का प्रयास जारी है।
73. मेरी सरकार ने पूर्वोत्तर में स्थाई शांति के लिए संवेदनशीलता और सहभागिता की जिस नीति के साथ काम किया उसका लाभ आज साफ दिख रहा है। आज पूर्वोत्तर में उग्रवाद समाप्ति की ओर है और हिंसा की घटनाओं में बड़ी कमी आई है। हिंसा के रास्ते पर भटके युवा अब विकास और राष्ट्र-निर्माण की मुख्यधारा में लौट रहे हैं।
74. ब्रू शरणार्थियों के पुनर्वास को शांति और सौहार्द के साथ पूरा किया जा रहा है। इसी प्रकार ऐतिहासिक बोडो शांति समझौता भी हुआ है, जिसे सफलता-पूर्वक लागू किया गया है। समझौता होने के बाद इस बार बोडो टैरीटोरियल काउंसिल के चुनाव भी सफलता के साथ पूरे हुए हैं।
माननीय सदस्यगण,
75. मेरी सरकार देश की एकता और अखंडता को चुनौती देने वाली ताकतों से निपटने के लिए हर स्तर पर प्रयासरत है। एक तरफ जहां हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है वहीं दूसरी तरफ हिंसा फैलाने वाली ताकतों पर कड़ाई बरती जा रही है। इसी का परिणाम है कि नक्सली हिंसा की घटनाओं में बड़ी कमी आई है और नक्सल प्रभावित क्षेत्र का दायरा सिमट रहा है।
76. मेरी सरकार की विकास नीति को जम्मू कश्मीर के लोगों ने भी भरपूर समर्थन दिया है। कुछ सप्ताह पहले ही, आजादी के बाद पहली बार,जम्मू कश्मीर में जिला परिषद के चुनाव सफलता के साथ संपन्न हुए हैं। बड़ी संख्या में मतदाताओं की भागीदारी नेदर्शाया हैकि जम्मू कश्मीर नए लोकतांत्रिक भविष्य की तरफ तेज़ी से आगे बढ़ चला है। प्रदेश के लोगों को नए अधिकार मिलने से उनका सशक्तीकरण हुआ है। आयुष्मान भारत- सेहत योजना लागू होने के बाद जम्मू कश्मीर के हर परिवार को5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज का लाभ मिलना तय हुआ है। जम्मू में सेंट्रल एड्मिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल की एक बेंच भी स्थापित की गई है। केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद,कुछ महीने पहले लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद के चुनाव की प्रक्रिया भी सफलता-पूर्वक सम्पन्न हुई है। अब लद्दाख के लोग स्वयं,अपने प्रदेश के विकास से जुड़े निर्णय और तेज़ी से ले रहे हैं।
माननीय सदस्यगण,
77. इस कोरोनाकाल में हम जब देश के भीतर आपदाओं से निपट रहे थे,तब हमारी सीमा पर भी देश के सामर्थ्य को चुनौती देने के प्रयास किए गए।LACपर द्विपक्षीय सम्बन्धों और समझौतों को दरकिनार करते हुए शांति भंग करने की कोशिशें हुईं। लेकिन हमारे सुरक्षाबलों ने न केवल पूरी सजगता,शक्ति और हौसले के साथ इन षड्यंत्रों का मुंहतोड़ जवाब दिया ,बल्कि सीमा पर यथास्थिति बदलने के सभी प्रयासों को भी नाकाम किया। हमारे जांबाजों ने जिस संयम, शौर्य और पराक्रम का परिचय दिया,उसकी जितनी भी सराहना की जाए, कम है। जून2020में हमारे20 जवानों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए गलवान घाटी में अपना सर्वोच्च बलिदान भी दिया। हर देशवासी इन शहीदों का कृतज्ञ है।
78. मेरी सरकार, देश के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह कटिबद्ध है और सतर्क भी है।LAC पर भारत की संप्रभुता की रक्षा के लिए अतिरिक्त सैन्यबलों की तैनाती भी की गई है।
माननीय सदस्यगण,
79. हमारे स्वाधीनता संग्राम के दौरान देशभक्ति के अमर गीतों की रचना करने वाले मलयालम के श्रेष्ठ कवि वल्लथोल ने कहा है :
भारतम् ऐन्ना पेरू केट्टाल अभिमाना पूरिदम् आगनम् अंतरंगम्।
अर्थात,
जब भी आप भारत का नाम सुनें, आपका हृदय गर्व से भर जाना चाहिए।
80. मेरी सरकार भविष्य के भारत की व्यापक भूमिका को देखते हुए अपनी सैन्य तैयारियों को सशक्त करने में जुटी है। आज अनेक आधुनिक साजो-सामान भारत की सैन्य क्षमता का हिस्सा बन रहे हैं। रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर भी सरकार का जोर है। कुछ दिन पहले ही सरकार ने HAL को 83 स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस के निर्माण का ऑर्डर दिया है। इस पर48 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। सरकार द्वारा Make in India को बढ़ावा देने के लिएरक्षा से जुड़े100 से अधिक सामानों के आयात पर रोक लगा दी गई है। इसी तरह सुपरसोनिक टॉरपीडो,क्विक रिएक्शन मिसाइल,टैंक और स्वदेशी रायफलों सहित अनेक अत्याधुनिक हथियार देश में ही बन रहे हैं। आज भारत रक्षा सामान के निर्यात के क्षेत्र में भी तेज़ी से अपनी हिस्सेदारी बढ़ा रहा है।
माननीय सदस्यगण,
81. Indian National Space Promotion and Authorisation Centre - ‘ IN-SPACe’ का गठन स्पेस सेक्टर में बड़े सुधारों को गति देगा। आज हमें गर्व है कि ISRO के वैज्ञानिक चंद्रयान-3,गगनयान, औरSmall Satellite Launch Vehicleजैसे महत्वपूर्ण अभियानों पर काम कर रहे हैं। परमाणु ऊर्जा में भी देश तेज़ी से आत्मनिर्भरता की तरफ बढ़ रहा है। कुछ महीने पहले काकरापार में देश के पहले स्वदेशीpressurized heavy water reactorका सफल परीक्षण किया गया है।
माननीय सदस्यगण,
82. विकास के साथ ही पर्यावरण सुरक्षा भी मेरी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। इसी संकल्प को लेकर भारत GDP कीEmissions Intensity को वर्ष 2005 की तुलना में 2030 तक33 से 35 प्रतिशत तक कम करने के लक्ष्य पर काम कर रहा है। पेरिस समझौते को लागू करने में भारत दुनिया के अग्रणी देशों में शामिल है।
83. हाल ही में, कच्छ के रेगिस्तान में, दुनिया का सबसे बड़ा Hybrid Renewable Energy Parkबनाने का काम शुरु हुआ है। पिछले 6 वर्षों में भारत की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में ढाई गुना वृद्धि हुई है,जबकि सौर उर्जा क्षमता13 गुना बढ़ी है। आज देश में कुल ऊर्जा उत्पादन क्षमता का लगभग एक चौथाई हिस्सा नवीकरणीय स्रोतों पर आधारित है।
माननीय सदस्यगण,
84. भारत अपनी वैश्विक जिम्मेदारियों को इस कोरोनाकाल में भी जिस गंभीरता से निभा रहा है उसे आज दुनिया देख रही है। ''वसुधैव कुटुम्बकम्'' की भावना को चरितार्थ करते हुए भारत ने देश की घरेलू जरूरतों को पूरा करने के साथ ही 150 से अधिक देशों को जरूरी दवाइयों की आपूर्ति की। भारत, वैश्विक स्तर पर वैक्सीन की उपलब्धता को सुनिश्चित करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह देश का गौरव बढ़ाने वाली बात है कि वंदे भारत मिशन, जो दुनिया में इस प्रकार का सबसे बड़ा अभियान है, उसकी सराहना हो रही है। भारत ने दुनिया के सभी हिस्सों से लगभग 50 लाख भारतीयों को स्वदेश वापस लाने के साथ ही एक लाख से अधिक विदेशी नागरिकों को भी उनके अपने देशों तक पहुंचाया है।
85. कोविड-19की बाधाओं के बावजूद ,भारत ने सभी साथी देशों से अपने संपर्कों और सम्बन्धों को और मजबूत बनाया है। इस दौरान बड़ी संख्या में शिखर सम्मेलन ,बहुपक्षीय कार्यक्रम और आधिकारिक बैठकों के जरिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को भारत ने आगे बढ़ाया है। भारत ने ऐतिहासिक वैश्विक समर्थन हासिल करके इस वर्ष आठवीं बार एक अस्थायी सदस्य के रूप में सुरक्षा परिषद में प्रवेश भी किया है। भारत ने2021के लिए ब्रिक्स में अध्यक्ष पद भी ग्रहण किया है।
माननीय सदस्यगण,
86. आज जब भारत दुनिया में अपनी नई पहचान के साथ आगे बढ़ने के लिए तत्पर है तो हमें भी उतने ही बड़े संकल्पों को सिद्ध करना होगा। 2021 का यह वर्ष हमारे लिए इसलिए भी अहम है। देश ने कुछ दिन पहले 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्म दिवस को ‘ पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाया है। यह वर्ष नेताजी की 125 वीं जन्मजयंती का वर्ष भी है। नेताजी की जयंती को बड़े पैमाने पर मनाने के लिए मेरी सरकार ने एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। हम सबके पूज्य, गुरु तेगबहादुर का 400वां प्रकाशपर्व भी हम पूरी श्रद्धा के साथ मनाएंगे। इन समारोहों के साथ ही,देश की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में अमृत महोत्सव का शुभारंभ भी इसी वर्ष हो जाएगा।
माननीय सदस्यगण,
87. विगत वर्ष में,सामूहिकता की जिस शक्ति का हमने साक्षात्कार किया है,उसी शक्ति से हमें नए लक्ष्यों को प्राप्त करना है। पिछले कुछ वर्षों में देश ने अनेक ऐसे काम कर दिखाए हैं जिनको कभी बहुत कठिन माना जाता था।
·आर्टिकल370के प्रावधानों के हटने के बाद जम्मू-कश्मीर के लोगों को नए अधिकार मिले हैं।
·नागरिकता संशोधन कानून संसद द्वारा पास किया जा चुका है।
·चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद का लाभ देश को मिलना शुरू हो चुका है।
·सशस्त्र सेनाओं में महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है।
·उच्चतम न्यायालय के फैसले के उपरांत भव्य राम मंदिर का निर्माण शुरू हो चुका है।
·Ease of Doing Business की रैंकिंग में भारत ने रिकॉर्ड सुधार किया है। अब Complianceसे जुड़ी बाधाओं को दूर करने पर विशेष बल दिया जा रहा है।
·वर्ल्ड टूरिज्म इंडेक्स की रैंकिंग में भारत65वें से 34वीं रैंकिंग पर आ गया है।
·जिस DBT को नजरअंदाज किया जा रहा था< span lang="EN-US">, उसी की मदद से पिछले 6 साल में 13 लाख करोड़ रुपए से अधिक धनराशि लाभार्थियों को ट्रांसफर की गई है।
·कभी हमारे यहां सिर्फ 2 मोबाइल फैक्ट्रियां थीं। आज भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्माता देश है।
·आज मध्यम वर्ग के लाखों लोगों को Real Estate Regulation and Development Act के तहत Real Estate Regulatory Authorityयानि रेरा का लाभ मिल रहा है।
·इस दौरान सिर्फ नए कानून ही नहीं बने बल्कि 1500 से ज्यादा पुराने और अप्रासंगिक कानूनों को समाप्त किया जा चुका है।
88. ऐसे अनेक निर्णय हैं,जो लगभग हर क्षेत्र में लिए गए हैं। मेरी सरकार ने दिखाया है कि नीयत साफ हो,इरादे बुलंद हों तो बदलाव लाया जा सकता है। इन वर्षों में मेरी सरकार ने जितने लोगों के जीवन को छुआ है ,वह अभूतपूर्व है।
·हर गरीब का घर रौशन हो,इसके लिए ढाई करोड़ से अधिक बिजली कनेक्शन निशुल्क दिए गए।
·गरीब और मध्यम वर्ग का बिजली बिल कम हो, इसके लिए36करोड़ से ज्यादा सस्तेLEDबल्ब वितरित किए गए।
·दुर्घटना की स्थिति में गरीब परिवार को दर-दर न भटकना पड़े इसके लिए सिर्फ एक रुपए महीना के प्रीमियम पर 21 करोड़ से अधिक गरीबों को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना से जोड़ा गया।
·गरीब की मृत्यु के बाद उसके परिवार के पास एक संबल रहे,इसलिए सिर्फ90 पैसा प्रतिदिन के प्रीमियम पर लगभग साढ़े9करोड़ लोगों को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना से जोड़ा गया।
·गरीब का शिशु किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित न हो इसलिए मेरी सरकार ने न सिर्फ टीकों की संख्या बढ़ाई बल्कि टीकाकरण अभियान को देश के उन आदिवासी इलाकों में भी ले गई जो अब तक अछूते थे।
·मिशन इंद्रधनुष के तहत साढ़े 3 करोड़ से अधिक बच्चों का टीकाकरण किया गया।
·गरीब के हक का राशन कोई दूसरा न छीन ले,इसके लिए शत प्रतिशत राशन कार्ड को डिजिटल किया जा चुका है, 90 प्रतिशत राशन कार्डों को आधार से जोड़ा जा चुका है।
·रसोई के धुएं से गरीब बहन-बेटी की सेहत न खराब हो,इसके लिए उज्ज्वला योजना के तहत8 करोड़ से ज्यादा मुफ्त कनेक्शन दिए गए।
·गरीब बहन-बेटी की गरिमा बढ़े,उनकी परेशानी कम हो ,इसके लिए स्वच्छ भारत मिशन के तहत10 करोड़ से ज्यादा शौचालय बनाए गए।
·घर में काम करने वाले भाई-बहन,गाड़ी चलाने वाले ,जूता सिलने वाले,कपड़ा प्रेस करने वाले, खेतिहर मजदूर,ऐसे गरीब साथियों को भी पेंशन मिले, इसके लिए प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन योजना चलाई गई।
·गरीब को बैंकिंग व्यवस्था का लाभ मिले, इसके लिए 41 करोड़ से अधिक गरीबों के जनधन खाते खोले गए। इनमें से आधे से अधिक खाते हमारी गरीब बहनों और बेटियों के हैं।
माननीय सदस्यगण,
89. ये सिर्फ आंकड़े नहीं हैं। इनमें से हर आंकड़ा,अपने आप में एक जीवनगाथा है। इस संसद के अनेक सदस्यों ने अपने जीवन का बहुत लंबा समय इन्हीं परिस्थितियों में गुजारा है। हमारे जिस कार्य से गरीब भाई-बहनों की चिंता,उनका दुख और तकलीफ कम हो सके,उन्हें अधिक से अधिक मूलभूत सुविधाओं के साथ जोड़कर सशक्तिकरण और आत्मसम्मान के पथ पर आगे बढ़ाया जा सके, ऐसा प ्रत्येक कार्य इस संसद में हमारी उपस्थिति को सार्थक बनाएगा।
90. मुझे गर्व है कि मेरी सरकार पूरी निष्ठा और ईमानदार नीयत के साथ, पिछले6 वर्षों से इस दिशा में निरंतर काम कर रही है,फैसले ले रही है तथा उन्हें लागू कर रही है।
माननीय सदस्यगण,
91. वीरता,अध्यात्म और प्रतिभाओं की भूमि पश्चिम बंगाल के सपूत,गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर के बड़े भाई ज्योतिरीन्द्रनाथ टैगोर ने देशप्रेम से भरे एक ओजस्वी गीत की रचना की थी। उन्होंने लिखा था:
चॉल रे चॉल शॉबे, भारोत शन्तान,
मातृभूमी कॉरे आह्वान,
बीर-ओ दॉरपे,पौरुष गॉरबे,
शाध रे शाध शॉबे, देशेर कल्यान।
अर्थात
मातृभूमि आह्वान कर रही है कि हे भारत की संतानो, सभी मिल-जुलकर चलते रहो। वीरता के स्वाभिमान तथा पौरुष के गर्व के साथ तुम सभी देश के कल्याण की निरंतर कामना करते रहो।
आइए,
हम सब मिलकर आगे बढ़ें, सभी देशवासी मिलकर आगे बढ़ें।
अपना कर्तव्य निभाएं और राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दें,
आइए, भारत को आत्मनिर्भर बनाएं।
आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
जय हिंद !
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