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शहरी गरीबों के लिए मूलभूत सेवा योजनाओं के अंतर्गत आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आवासीय परिसरों के उद्घाटन के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द का संबोधन

राज भवन, आइजोल: 29.11.2017

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भारत का राष्ट्रपति बनने के बाद मिजोरम की मेरी यह पहली यात्रा है। मैं वा़कई खुश हूं कि यहां का मेरा पहला कार्यक्रम हमारे कुछ सबसे अधिक वंचित नागरिकों के जीवन के लिए इतना सार्थक सिद्ध हो रहा है कि मैं, शहरी गरीबों के लिए मूलभूत सेवा योजनाओं के अंतर्गत आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आवासीय परिसरों का उद्घाटन कर रहा हूं। मैं राज्य सरकार और मुख्य मंत्री पू लल थनहॉला के प्रयासों की सराहना करता हूं।

2. सभी के लिए आवास और दिन प्रतिदिन बढ़ रही हमारी शहरी आबादी के लिए आवास-नियोजन न केवल मिजोरम के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक चुनौती है। यह भारत सरकार के अग्रणी कार्यक्रमों में से मुख्य ध्यान लेने वाला कार्यक्रम है। गरीबों के लिए आवास और शहरी बुनियादी ढांचे के निर्माण में कुछ लक्ष्यों को हासिल करने से हमें 2022 तक जब हम स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में 75 वर्ष पूरे कर रहे होंगे, ‘‘नए भारत’’ के लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी। और नया भारत नए मिजोरम के बिना बिलकुल संभव नहीं है।

3. मिजो समाज में एक जीवटता विद्यमान है जो सराहनीय है। यह राज्य, राजनीतिक विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के मामले में विश्व के लिए आदर्श है। 1986 के मिजो समझौते का सभी पक्षों ने सम्मान किया तथा राज्य और इसकी जनता के अधिक से अधिक हित के लिए सभी भागीदारों द्वारा शांतिपूर्ण ढंग से कार्य करते रहने पर सहमति बनने के बाद उग्रवाद की स्थिति समाप्त हो गई। यह हमारे दौर का एक आश्चर्य है। इससे हमें मिजो समाज- यहां के सम्माननीय पुरुषों व महिलाओं और मैं तो कहूंगा कि मुझे समझना चाहिए कि बहुत ही निडर महिलाओं के समाज, के बारे में अंतर्दृष्टि प्राप्त होती है। इन महिलाओं, का हमारे देश के अन्य भागों पेश किया जाता है।

4. मैं भाईचारे और सहयोग की इस भावना के लिए चर्च और इससे जुड़े संगठनों, युवा और महिला समूहों, भद्र समाज समूहों और राजनीतिक दलों सहित मिजोरम के सभी लोगों को बधाई देता हूं। अब हमारा प्रयास, इसे आगे बढ़ाने का और मिजोरम के प्रतिभावान युवाओं और युवतियों के लिए आर्थिक अवसरों में वृद्धि करने का है।

5. भारतीय अर्थव्यवस्था इस समय विश्व में सबसे तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है। कृषि में नवान्वेषण से लेकर डिजिटल अर्थव्यवस्था, विनिर्माण से लेकर विस्तारशील सेवा क्षेत्र के रूप में बहुत सारे अच्छे समाचार सुनाई पड़ रहे हैं। मिजोरम के युवा वर्ग का योगदान भी इसमें है। सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग, आतिथ्य उद्योग तथा अन्य सेवा क्षेत्र उद्योगों में मिजो लड़के और लड़कियां देश के अलग-अलग भागों में अपनी छाप छोड़ रहे हैं।

6. उनके कार्यों से मिजोरम को सराहना प्राप्त हो रही है। मिजो युवाओं की शिक्षा और साक्षरता कौशल को प्रशंसा मिल रही है। 2011 की जनगणना के अनुसार, 91 प्रतिशत साक्षरता दर सचमुच प्रभावशाली है। मिजोरम के युवकों और युवतियों के जीवन-मूल्य, कार्य-नीति और कार्यकौशलों को सराहना मिल रही है।

मित्रो,

7. आवश्यकता इस बात की है कि मिजोरम में ही और अधिक अवसर पैदा किए जाएं कि शेष पूर्वोत्तर की तरह, मिजोरम भारत की ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ के लिए अहम है। इससे हमारे पूर्वोत्तर के राज्य, दक्षिण पूर्व एशिया के हमारे पड़ोसियों और भारत के अन्य भागों के साथ जुड़ जाएंगे। इसीलिए भारत सरकार इस क्षेत्र की अवसंरचना और संयोज्यता परियोजनाओं पर ध्यान दे रही है। इससे व्यापार में बढ़ोतरी होगी जो प्रत्येक के लिए फायदे की बात होगी।

8. मिजोरम के पास देने के लिए बहुत कुछ मौजूद है। यदि सही ढंग से काम में लाया जाए तो बांस एक चमत्कारी फसल बन सकता है। इसकी उपयोगिता बढ़ाकर इसका इस्तेमाल अनेक किस्म के उत्पादों और अनेकानेक रोजगार पैदा करने के लिए किया जा सकता है। बागवानी वाला एक अन्य क्षेत्र है जिसमें व्यापक संभावनाएं हैं। मिजोरम में अनन्नास और पैशन फ्रूट जैसे बढि़या फल उगाए जाते हैं। इनके लिए और भी बड़ा बाजार होना चाहिए।इनके लिए स्थानीय तौर पर, फलते-फूलते खाद्य प्रसंस्करण उद्योग होने चाहिए जिनमें प्रौद्योगिकी को मिजो लोगों के आश्चर्यजनक पारंपरिक कौशल के साथ जोड़ा जा सकता है। मछली पालन एक अन्य उभरता हुआ क्षेत्र है। मिजो उत्पाद बड़ी मात्रा में दूर-दराज के बाजारों में भेजे जा सकते हैं।

9. मुझे बताया गया है कि राज्य सरकार ने दो कार्यक्रम शुरू किए हैं जिनके सराहनीय परिणाम निकले हैं ये कार्यक्रम हैं - नई भू-उपयोग नीति और नई आर्थिक विकास नीति।

10. नई भू-उपयोग नीति के तहत सरकार उन पिछड़े हुए वर्गों को वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है जिनका उद्देश्य ‘झूम’ कृषि को छोड़ना और सतत कृषि, बागवानी, रेशमकीट पालन, पशु पालन या अन्य आजीविकाओं को अपनाने का है।

11. नई आर्थिक नीति, मिजोरम के लिए एक दीर्घकालिक विकास कार्यनीति है। इसे भारत सरकार के 14वें वित्त आयोग की रिपोर्ट का कार्यान्वयन करते हुए राजकोषीय संघवाद में बदलाव के बाद तैयार किया गया है। इससे राज्यों को पहले से अधिक कर राजस्व अंतरण हुआ है। एक्ट ईस्ट पॉलिसी के साथ-साथ इस पहल से यह राज्य सरकार और मिजोरम के लोगों के लिए अवसर पैदा हुए हैं। विशेष तौर से, मिजोरम में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के प्रयासों से मैं प्रोत्साहित हुआ हूं।

मित्रो,

12. मिजोरम के युवाओं से हमें बहुत उम्मीदें हैं। वे मिजोरम के भविष्य का और भारत के भविष्य का निर्माण करेंगे। वे जोखिम उठाने वाले उद्यमी और रोजगार निर्माता हैं जो हमारे भविष्य को संवारेंगे।

13. युवा मिजो हमारे खेलों के नायक हैं। हॉकी से लेकर पर्वतारोहण, बॉक्सिंग से लेकर भारोत्तोलन में मिजो खिलाडि़यों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्टता हासिल की है। वास्तव में फुटबॉल में हमारे मिजो लड़के-लड़कियों को विशेष स्थान हासिल है। 2011में मिजोरम को पहला बारहमासी कृत्रिम टर्फ फुटबॉल मैदान मिला। दो वर्षों के भीतर ही, 2013 में, राज्य टीम ने ‘संतोष ट्रॉफी’ जीत ली थी। 2015 में, इसने राष्ट्रीय खेलों की फुटबॉल प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता।

14. इसी वर्ष, अप्रैल 2017 में, आइजोल फुटबॉल क्लब आई-लीग जीतने वाला पूर्वोत्तर का पहला क्लब बना। ये महान उपलब्धियां हैं। मुझे विश्वास है कि मिजोरम के युवा फुटबॉल की ऊर्जा को, अर्थव्यवस्था और उद्यमशीलता में भी आज़मा सकते हैं।

15. इसी आशावाद के साथ, मैं अपनी बात समाप्त करूंगा। परंतु इससे पहले, मैं यहां उपस्थित प्रत्येक व्यक्ति को एक सुखद, समृद्ध और उल्लासमय त्यौहारी मौसम की और क्रिसमस की शुभकामनाएं देता हूं। आप और आपका परिवार सदैव खुश रहे!

ईश्वर की कृपा आप सब पर बनी रहे।


धन्यवाद,

जय हिन्द!