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श्री लंका के राष्ट्रपति के सम्मान में आयोजित राजभोज में भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द का अभिभाषण

राष्ट्रपति भवन : 29.11.2019

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· महामहिम राष्ट्रपति राजपक्ष,
· श्री लंका से पधारे विशिष्ट अतिथिगण,
· देवियो और सज्जनो,
आयुबोवन, नमस्कार!

1. महामहिम, भारत की आपकी पहली राजकीय यात्रा पर, आपका स्वागत करते हुए मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। यह हमारे लिए बहुत सम्मान की बात है कि अपना पद भार ग्रहण करने के बाद, आपने पहली विदेश यात्रा के गंतव्य के रूप में भारत को चुना। आपकी यात्रा से हमारे द्विपक्षीय संबंधों की गहराई तथा उन्हें और मजबूत करने की हमारी साझा प्रतिबद्धता का पता चलता है।

2. हमारे दोनों देशों के बीच सम्बन्ध प्राचीन काल से चले आ रहे हैं। इन सम्बन्धों से हमारी समकालीन साझेदारी और जुड़ाव में गर्मजोशी तथा सार्थकता आई है। हाल ही में संपन्न हुए चुनाव में आपको जो जनादेश मिला और जिस बड़े पैमाने पर लोग मतदान के लिए उमड़े, उससे श्री लंका में लोकतंत्र की ताक़त स्पष्ट होती है। ऐसे समय में, जब समूचे वैश्विक परिदृश्य में परिवर्तन की आहट से पुरानी व्यवस्था के स्थान पर नए अंतर्राष्ट्रीय समीकरण स्थापित हो रहे हैं, तब हमारे लिए, यह वास्तव में, परम संतुष्टि का विषय है कि दोनों पक्षों के बीच आपसी विश्वास की नींव पर भारत और श्री लंका के बीच द्विपक्षीय संबंध मजबूत बने हुए हैं।

महामहिम,

3. श्री लंका के साथ अपने संबंधों को भारत सर्वाधिक महत्व देता है। हम एक ऐसा स्थिर, समृद्ध और शांतिपूर्ण श्री लंका देखना चाहते हैं, जिसमें उसके सभी लोगों की आकांक्षाएं पूरी हों। समावेशकता और विविधता के प्रति सम्मान हमारे साझा लोकतांत्रिक मूल्यों की शक्ति है। हमारी सरकार की समावेशी विकास दृष्टि अर्थात् ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ हमारे पड़ोस पर भी लागू होती है।

4. करीबी पड़ोसियों के रूप में, हमारे बीच मैत्री, सद्भावना और आपसी समझ पर आधारित गहरे ऐतिहासिक सम्बन्ध हैं। हमारे दोनों देशों की नियति एक दूसरे के साथ जुड़ी हुई है; हमारे दोनों राष्ट्रों की सुरक्षा और विकास को अलग-अलग करके नहीं देखा जा सकता है। हिन्द महासागर के अपनत्व और नम मानसूनी हवाओं की शीतलता ने सदियों से हमारे लोगों और हमारे सामाजिक ताने-बाने को मजबूत बनाया है। इनसे हमारे जीवन में खुशी और आशा, प्रगति तथा समृद्धि आई है। इनसे हमारे लोकाचार और हमारे प्रयासों ने अपना स्वरुप प्राप्त किया है। और क्रिकेट के मैदान में, हमारी ‘स्विंग और सीम’ को भी इनसे धार मिली है! [Smile]

5. हमारी साझा विरासत बहुत गहरी और चिरस्थायी है। हमें अपने लोगों के पारस्परिक हितों के लिए अपने बहुआयामी संबंधों को और मजबूत करने के नए-नए तरीके खोजने की आवश्यकता है। अपने क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में, हमारे साथ मिलकर काम करने के आपकी सरकार के संकल्प की हम गहरी सराहना करते हैं।

महामहिम,

6. अपने लोगों के जनादेश को पूरा करने के अपने प्रयासों में आप भारत को एक सच्चे और अटल मित्र के रूप में सदैव अपने साथ खड़ा पाएंगे। हमें विश्वास है कि अपने देश में शांति, प्रगति और समृद्धि लाने की अपनी परिकल्पना को साकार करने में आप सफल होंगे।

7. महामहिम, श्रीलंका ने दुनिया और अंग्रेजी भाषा को एक बहुत ही सुंदर शब्द देकर इन्हें और समृद्ध बनाने में योगदान दिया है, वह शब्द है - Serendipity [सेरेन-डिपिटी]। इस शब्द का उद्भव, आपके देश के प्राचीन नाम मरकत द्वीप या ‘सेरेन-द्वीप’ से हुआ है। अंग्रेजी शब्द Serendipity [सेरेन-डिपिटी] का अर्थ भले ही "अकस्मात मधुर घटना” हो, लेकिन हमारे लिए, आपकी मैत्री अकस्मात नहीं बल्कि ‘निश्चित’ रही है और हमेशा, पहले से अधिक संतुष्टिदायक रही है।

8. मेरी कामना है कि आपके नेतृत्व में भारत और श्रीलंका के संबंध नई-नई ऊंचाइयों पर पहुंचें। और, ‘पवित्र त्रि-रत्नों’ की कृपा आप पर सदैव बनी रहे!!

आपका बहुत बहुत धन्यवाद! बोहोमा स्थुतियी!