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बोलिविया में भारतीय समुदाय के स्वागत समारोह में भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द का सम्बोधन

सांता क्रूज : 30.03.2019

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1. बोलिविया में भारतीय समुदाय के सदस्यों और भारत मित्रों से मिलकर अत्यधिक प्रसन्नता हो रही है। आपके गर्मजोशी मुझे और स्नेहपूर्ण स्वागत के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।

2. बोलिविया की मेरी यह यात्रा किसी भी भारतीय राष्ट्रपति द्वारा की गई पहली यात्रा है। भारत और बोलिविया के बीच संबंधों के लिए यह एक ऐतिहासिक अवसर है और इसे मनाने का इससे बेहतर और क्या तरीका हो सकता है कि भारतीय समुदाय के सदस्य और‘भारत मित्रों’ जैसे ये विशेष लोग आज यहां हमारे साथ हैं, जिन्होंने वर्षों से मैत्रीपूर्ण संबंधों की प्रगति और विकास में योगदान दिया है।

3. कल राष्ट्रपति मोरालेस के साथ मेरी एक बहुत ही सार्थक बैठक हुई। हमने अपने संबंधों को दिशा देने और आगे का मार्ग प्रशस्त करने के लिए कई महत्वपूर्ण सहमति-पत्रों पर हस्ताक्षर किए। बोलिविया सरकार ने मुझे अपने सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित किया है। हां, यह पुरस्कार मुझे प्रदान अवश्‍य किया गया है, लेकिन सही मायने में यह भारत और उसके 130 करोड़ लोगों को दिया गया सम्मान है, और उन करोड़ों लोगों में यहां उपस्थित आप जैसे लोग भी शामिल हैं। मैं एक बार पुन: बोलिविया सरकार को, उनके द्वारा दिए गए सर्वोच्च सम्मान के लिए धन्यवाद देता हूं।

4. हम बोलिविया और लैटिन अमेरिका तथा कैरेबियाई क्षेत्र के साथ अपने संबंधों को समग्र रूप से बहुत महत्व देते हैं। इस महाद्वीप में भारत के प्रति सद्भावना और सांस्कृतिक आत्मीयता की अथाह भावना है और इस मैत्री को साकार करने और बरकरार रखने में प्रवासी भारतीयों ने अहम भूमिका निभाई है।

देवियो और सज्जनो

5. मुझे मालूम है कि बोलिविया में भारतीय समुदाय का आकार बहुत छोटा है, फिर भी आपने कड़ी मेहनत, समर्पण और उद्यम के माध्यम से यहां अपनी एक अलग पहचान बनाई है। आपने इस विविधतापूर्ण भूमि में भारत की विविध सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत का प्रतिनिधित्व किया है। गौरव व सम्‍मान के साथ ऐसा करते हुए आपको अपने मेजबानों प्रेम और भाईचारे का व्‍यवहार प्राप्‍त हुआ। मुझे ज्ञात है कि आपमें से कई लोग पंजाब से हैं। कल मैंने राष्ट्रपति मोरालेस को फुलकारी कढ़ाई का एक रंग-बिरंगा वस्‍त्र भेंट किया। जैसा कि आप जानते हैं कि भारत की तरह बोलिविया में भी कई किस्मों की रंग-बिरंगी बुनाई की परंपराएं हैं। फुलकारी कढ़ाई की जीवंतता से इस देश के हमारे मित्र आश्चर्यचकित हो गए होंगे कि दो भिन्न-भिन्न देशों, दो भिन्न-भिन्न संस्कृतियों हजारों किलोमीटर की दूरी पर और दो अलग-अलग महाद्वीपों में अवस्थित होने के बावजूद हमारी दो परंपराओं में कितनी समानता है।

6. मुझे यह भी लगता है कि हमारे सिख भाइयों और बहनों ने कम संख्या में होते हुए भी अपनी आध्यामिक शांति और उत्थान के लिए तथा अपनी जड़ों से जुड़े रहने के लिए यहां एक गुरुद्वारे का निर्माण किया है। स्थानीय रीति-रिवाजों और परंपराओं को सम्मान देते हुए और उनमें घुल-मिल जाने के बावजूद अपनी संस्कृति और जीवन-मूल्यों को संरक्षित रखने के लिए हम आपकी सराहना करते हैं। इस वर्ष हम गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती मनाएंगे, जिन्होंने हमें मानवता की सेवा में निस्वार्थ जीवन जीने की शिक्षा दी थी। मुझे उम्मीद है कि इस वर्ष के अन्त में आप सांता क्रूज में उन्हें श्रद्धांजलि देने तथा उनसे आशीर्वाद ग्रहण करने के लिए हमारे साथ होंगे।

7. इस वर्ष 13 अप्रैल को, हम जलियावाला बाग त्रासदी की 100वीं जयंती मना रहे होंगे, जिसमें हम उन नायकों को और उनके बलिदान को याद करेंगे। जैसा कि आप जानते है, हमारी परंपरा में, संतों और गुरुओं को पूजनीय और सम्मानीय माना जाता है। गुरु गोविन्द सिंह जी के प्रकाश पर्व उत्सव के उपलक्ष्य में, सरकार ने एक विशेष सिक्‍का जारी किया है। इसके अलावा, सरकार ने करतारपुर कोरीडोर के निर्माण का और श्रद्धालुओं की इच्छा पूरी करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है।

8. इस वर्ष हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती भी मना रहे हैं। कल मैंने नव-निर्मित सभागार में महात्मा गांधी के जीवन पर‘गैब्रियल रेने मोरेनो स्वायत्त विश्वविद्यालय’ में विद्यार्थियों को संबोधित किया। मैंने महात्मा गांधी के नाम पर सभागार के नामकरण को दर्शाने वाली पट्टिका का अनावरण भी किया। मैं विश्वविद्यालय और बोलिविया सरकार को इस विशेष सद्भाव के लिए धन्यवाद देता हूं।

देवियो और सज्जनो,

9. मुझे प्रसन्नता है कि बोलिविया में भारतीय समुदाय ने बड़ी संख्या में स्थानीय मित्र बनाए हैं। उनमें से कुछ लोग यहां उपस्थित भी हैं। भारत और इसकी संस्कृति तथा लोकाचार के प्रति उनमें विशेष दिलचस्पी है। मैं इस देश में भारतीय संगीत, नृत्य, और आयुर्वेद तथा आध्यात्मिक चेतना को लोकप्रिय बनाने में उनकी भूमिका की सराहना करता हूं। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई कि बोलिविया में योग का व्यापक रूप से अभ्यास किया जाता है और प्रतिवर्ष‘अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस’ भी धूमधाम से मनाया जाता है। 2017 इस लिहाज से अनूठा वर्ष था। आप लोगों ने यहां की प्रतिष्ठित टिटिकाका झील के तट पर‘अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस’ समारोह का आयोजन किया था। योग से प्राप्‍त होने वाली आत्मिक शांति को प्रकृति की परम शांति से संपृक्‍त करने का इससे बेहतर तरीका दूसरा नहीं हो सकता था। हम लोग भी, बोलिविया से इसका संगीत और प्राचीन भोजन पद्धति के बारे में सीख रहे हैं। आप में से कुछ लोग जानते होंगे कि भारत में स्वास्थ्य और आहार के एक विकल्प के रूप में किनोआ कितना लोकप्रिय हो गया है और मैं आपके साथ यह साझा करना चाहता हूं कि मैं चावल के विकल्प के रूप में अपने भोजन में मैं भी किनोआ का उपयोग करता हूं। एंडीज का यह सुनहरा अनाज अब हिमालयी क्षेत्र में भी उगाया जाता है और हम इसकी तलहटी में इस जादुई भोज्य पदार्थ की पैदावार ले रहे हैं।

देवियो और सज्जनो,

10. हम अपने प्रवासी भारतीयों द्वारा राष्ट्र-निर्माण में अदा की जा रही भूमिका को महत्व देते हैं। हम चाहते हैं कि आप ऊंचे पर्वत शिखरों और गहरी नदी घाटियों वाली इस प्राचीन भूमि में हमारी मैत्री और सद्भावना का संदेश प्रसारित करें और हम चाहते हैं कि भारत और बोलिविया के बीच व्यापारिक संबंध बढ़ाने के लिए आप और अधिक प्रयास की उम्‍मीद करें। दोनों ही पक्षों की स्थानीय जानकारी से अवगत होने और अपने कौशल के साथ, आप खनन, सूचना-प्रौद्योगिकी, सौर-ऊर्जा, ऑटोमोबाइल, कृषि और फार्मा क्षेत्रों में नए व्यापारिक अवसरों का निर्माण करने के लिए सर्वाधिक अपयुक्‍त समुदाय हैं। बोलिविया के साथ अपने संबंधों को मजबूती प्रदान करते हुए हम अपने आर्थिक संबंधों में तेजी लाने के लिए भी उत्सुक हैं। आप में से कुछ लोग, हमारे साथ आए भारतीय व्यापार प्रतिनिधि मंडल से मिले होंगे। हमें बोलिविया में नए अवसरों और रोजगार के सृजन के लिए और अधिक भारतीय कंपनियों को यहां लाने में आपके समर्थन की आवश्यकता है।

11. और आपसे समर्थन मांगने के साथ ही हम आपके साथ भी अपने संबंधों को मजबूती प्रदान करने के सभी प्रयास कर रहे हैं। इस वर्ष प्रवासी भारतीयों का वैश्विक उत्सव,‘प्रवासी भारतीय सम्मेलन’ वाराणसी में आयोजित किया गया था। इसमें, विदेशों से हमारे परिवारों और मित्रों ने अभूतपूर्व समर्थन देते हुए बड़ी संख्‍या में भाग लिया और यह एक बहुत ही सफल आयोजन सिद्ध हुआ। उन सभी लोगों को कुंभ मेले में जाने और पवित्र संगम में डुबकी लगाने का भी अवसर प्राप्त हुआ। महीने भर चलने वाले कुंभ मेले के इस आध्‍यात्मिक समागम में दुनिया के कोने-कोने से 25 करोड़ से अधिक लोगों ने भाग लिया।

12. चूंकि प्रवासी युवा हमारे संबंधों का भविष्य हैं इसलिए हम उनके साथ जुड़ने के लिए भी उतने ही उत्सुक हैं। इसके लिए हमने‘युवा प्रवासी दिवस’ ‘भारत को जानो’ कार्यक्रम तथा ‘भारत को जानिए’ क्विज का आयोजन किया। लोक सेवाएं उपलब्‍ध कराने की दिशा में हमने पासपोर्ट, काउंसलर दस्तावेज और ओसीआई कार्ड प्राप्त करने की प्रक्रिया को आसान बनाने के अनेक उपाय किये हैं। भारत में हमने गांवों और छोटे कस्बों के लोगों की विदेश यात्रा को सुगम बनाने के लिए 300 नए पासपोर्ट सेवा केन्द्र खोले हैं। जरूरतमंदों तक पहुंचने के लिए हमने सोशल मीडिया, एप्स और डिजिटल प्लेटफार्म का उपयोग, शीघ्र और लक्षित सेवा प्रदान करने के लिए किया है। पिछले पांच वर्षों में, हमने, विदेशों में संघर्ष, हिंसा या प्राकृतिक आपदा में फंसे हुए 90 हजार से अधिक भारतीयों को बचाया है। हमारी पहल के परिणामस्वरूप विदेशों में रह रहे हमारे लोगों के बीच एक नया भरोसा उत्पन्न हुआ है। उन्‍हें अब यह विश्‍वास है कि जब कभी भी उन्‍हें जरूरत होगी, उनकी सरकार उनकी मदद के लिए उपलब्‍ध होगी।

देवियो और सज्जनो,

13. भारत में चल रहे परिवर्तनकारी कार्यों से आप सभी अवगत होंगे। हमारे लोगों के सपने बड़े हो रहे हैं, उनकी आकांक्षाएं बढ़ रही हैं और वे बड़े काम कर रहे हैं। 2022 में जब हम स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मना रहे होंगे, तब तक एक‘नया भारत’ बनाने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। ऐसा नया भारत, जो समृद्धि से भर-पूर होगा। मैं आप सभी को एक ऐसी यादगार यात्रा में शामिल होने के लिए आमंत्रित करता हूं जो सभी के लिए प्रगति व समृद्धि की यात्रा होगी। आज के दिन यहां पधारने के लिए एक बार फिर मैं आप सबको धन्यवाद देता हूं और आप सभी के सफल और समृद्ध भविष्य की कामना करता हूं। मैं आप सभी को आमंत्रण देता हूं कि आप जब कभी दिल्ली आएं तो राष्ट्रपति भवन अवश्‍य आएं। यह मेरा आधिकारिक निवास स्‍थान अवश्‍य है लेकिन वह भवन सभी भारतीयों का है। यह आपकी विरासत और गौरव का हिस्सा है तथा आपको इसके बारे में और अधिक जानने के लिए वहां अवश्य आना चाहिए।

धन्यवाद।