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कंप्यूटर विज्ञान, संचार और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हुई हालिया प्रगति पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन 'आईसीआरएसीसीआईटी 2019' के उद्घाटन के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द का संबोधन

कानपुर : 30.11.2019

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1. मुझे कानपुर आना पसंद है, केवल इसलिए नहीं कि यह मेरा अपना शहर है। मुझे यह इसलिए भी पसंद है क्योंकि इस शहर में परंपरा और आधुनिकता का सच्‍चा संगम है। इसी कारण, मुझे पीएसआईटी, कानपुर में आयोजित होने वाले कंप्यूटर विज्ञान,संचार और सूचना प्रौद्योगिकी में हालिया प्रगति पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन के लिए यहां आने पर गर्व की अनुभूति हो रही है। मुझे अति प्रसन्‍नता है कि मैं देश के सर्वाधिक प्रतिभाशाली युवाओं को संबोधित कर रहा हूं।

2. इस महान शहर की रगों में प्रौद्योगिकी रची बसी हुई है। बरसों से,प्रौद्योगिकी की प्रगति के साथ कानपुर का अनूठा जुड़ाव रहा है। किसी न किसी प्रकार की प्रौद्यगिकी के कारण बीसवीं सदी में इस शहर ने महान ऊंचाइयों को छुआ है। वस्‍त्र उद्योग में उत्‍कृष्‍टता के कारण "पूर्व के मैनचेस्टर" के रूप में विख्यात हुआ और इसकी मिलें दुनियां की सर्वोत्‍तम मिलों से स्‍पर्धा करती थीं। कपड़ा उद्योग में तीव्र विस्‍तार के कारण यहां अनेक उद्योगों की स्थापना हुई, जिससे यह शहर औद्योगिक केन्द्र बन गया। धीरे-धीरे यह शहर, प्रमुख व्यापारिक केन्द्र बन गया। और उसे उत्तर प्रदेश की "वाणिज्यिक राजधानी" कहा जाने लगा। कपड़ा उद्योग के तीव्र विस्‍तार के बाद, चर्म प्रौद्योगिकी ऐसा दूसरा क्षेत्र बना है जिसने इस शहर को नए सिरे से गढ़ा है। अब इसे "लेदर सिटी ऑफ़ द वर्ल्ड" कहा जाता है।

3. प्रौद्योगिकी और उद्योग के साथ इस जुड़ाव को देखते हुए, इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि शहर बेहतरीन इंजीनियरिंग शिक्षा का गढ़ रहा है। इस शहर की अनूठी विशेषता यह है कि भौतिक सम्पदा की खोज के साथ ही, उन्नत शिक्षा के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए प्रयास निरंतर जारी रहे। आईआईटी,कानपुर की प्रतिष्‍ठा से पूरी दुनिया में कोई भी अनभिज्ञ नहीं है।इस महान संस्थान के साथ-साथ शिक्षा का एक समान रूप से महत्वपूर्ण केन्द्र है -हरकोर्ट बटलर तकनीकी संस्थान (एचबीटीआई), जो अब पूर्ण विश्वविद्यालय बन गया है। ऐसे और भी अनेक संस्थान हैं जहाँ से उत्कृष्ट इंजीनियर और वैज्ञानिक तैयार होकर निकले हैं।

4. पीएसआईटी भी शहर की इस विरासत को और समृद्ध बनाता है। मैं इस सम्मेलन के आयोजन के लिए इस संस्थान को बधाई देता हूं। मुझे विश्वास है कि भारत और विदेशों के शोधकर्ताओं और पेशेवरों के लिए विभिन्न क्षेत्रों में नवीनतम घटनाओं पर चर्चा करने के लिए यह एक उत्कृष्ट मंच सिद्ध होगा।

देवियो और सज्जनो,

5. प्रौद्योगिकी जगत मुझे बहुत आकर्षित करता है क्योंकि प्रौद्योगिकी सामाजिक परिवर्तन का एक प्रमुख कारक रहा है। स्वतंत्रता के समय एक गरीब राष्ट्र के स्‍तर से ऊपर उठकर दुनिया की सर्वाधिक तेजी से बढ़ती हुई और बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो चुके भारत के सफ़र में कुछ योगदान प्रौद्योगिकी का भी है। जब हमारा लक्ष्य, 2024-25 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का है,तब हमारी उम्मीदें फिर से प्रौद्योगिकी की भूमिका पर टिकी हैं। हमें एक आर्थिक शक्ति बनाने के अलावा,ज्ञान के नए रूपों ने समाज में हाशिए पर मौजूद लोगों के जीवन कोबेहतर बनाया है। इसके अलावा,सूचना और संचार प्रौद्योगिकी में हुई प्रगति से जीवन के सभी क्षेत्रों में समता और बेहतरी आई है।

6. फिर भी, प्रौद्योगिकी केवल एक साधन भर है। चाहे आग हो या बिजली, ये दोनों शक्तियां उत्‍तम अनुचर तो हो सकती हैं लेकिन ये कभी भी उतनी अच्छी नियंता नहीं हो सकती।इस शहर ने प्रौद्योगिकी की शक्ति से सृजन और संहार दोनों को देखा है।जब हम नवीनतम प्रौद्योगिकीय प्रगति पर विचार करते हैं,तो हमें मानवता पर इस प्रगति के प्रभावों को ध्यान में रखना चाहिए। मानवता के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने का उत्कृष्ट उदाहरण हमारे समक्ष, कानपुर में मौजूद है। दशकों से, ‘आर्टिफिशियल लिम्ब्स मैन्युफैक्चरिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया’ (एएलआईएमसीओ) ने पुनर्वास उपकरणों का निर्माण करके दिव्यांग-जनों की सहायता की है, और प्रौद्योगिकी उन्नयन पर भी निरंतर ध्यान केन्द्रित रखा है।

7. हमें बताया गया है कि हम चौथी औद्योगिक क्रांति के युग में प्रवेश कर रहे हैं। भविष्य विज्ञानी हमारे दिन-प्रतिदिन के जीवन में एक बुनियादी बदलाव की कल्पना कर रहे हैं क्योंकि डिजिटल और इन्फोटेक क्रांति से आगे साइबर, भौतिक और जैविक क्षेत्रों में को परस्पर एकजुटता का मार्ग प्रशस्त हो रहा है। कल तक जो बातें विज्ञान-कथा के पन्नों में ही पढ़ी-सुनी जा रही थीं,उसे आज ‘इंटरनेट ऑफ थिंग्स’ और ‘3 डी प्रिंटिंग’ वास्तविकता में परिवर्तित कर रहे हैं। हम अपनी सोच में यह आशा पाल सकते हैं कि इससे मानव जीवन में सर्वांगीण सुधार आएगा। तथापि,प्रौद्योगिकी के बारे में कुछ भय का भाव भी है। दशकों से,आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) प्रौद्योगिकी केवल शिक्षाविदों का विषय रही है,लेकिन अब यह यथार्थ बन चुकी है। दीर्घकाल से मन में संजोए हुए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के सुफलों के बदले, इसकाप्रारंभिक प्रभाव रोजगार की हानि के रूप में सामने आया है क्योंकि मशीनें अब मानव का स्थान लेने लगी हैं।

8. अब तक की सभी प्रौद्योगिकीय क्रांतियों ने हमें सुधार के महान साधन उपलब्‍ध कराए हैं,लेकिन इसके लिए मानव को बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है। कानपुर में व्‍याप्‍त वायु प्रदूषण इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। लेकिन मैं आशावादी हूं। मुझे इस तथ्य से संतोष मिला है कि आधुनिक प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में काम करने वाले महान दूरदर्शी लोग हमेशा से मानवीय समस्याओं के प्रति संवेदनशील रहे हैं।

9. मुझे विश्वास है कि आप सभी प्रतिभागी,इन दो दिनों तक चलने वाले रोमांचक और लाभकारी विचार-मंथन के लिए उत्सुक हैं। विद्यार्थियों को भी इस क्षेत्र के दिग्गजों से कुछ सीखने का शानदार अवसर मिलेगा। मैं एक बार पुनः सम्मेलन के आयोजकों को बधाई देता हूं और आप सभी की सफलता की कामना करता हूं।

धन्यवाद,

जय हिन्द!