गाम्बिया में भारतीय समुदाय के स्वागत समारोह में भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द का सम्बोधन
बंजुल : 31.07.2019
1. अपना संबोधन आरम्भ करने से पहले,मैं अपने शिष्टमंडल के विशिष्ट सदस्यों का परिचय आपसे करवाना चाहूंगा। ये हैं - श्री प्रताप चन्द्र सारंगी,सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री तथा मत्स्य पालन,पशुपालनऔरडेयरी राज्य मंत्री;वह ओडिशा के निवासी हैं;और श्री दिलीप घोष, लोकसभा में पश्चिम बंगाल से संसद सदस्य हैं। बहुत गर्मजोशी और स्नेह भरे रंगारंग स्वागत के लिए मैं आपका धन्यवाद करता हूं। वैसे तो भारतीय नृत्य और संगीत आज पूरी दुनिया में पहुँच गया है। लेकिन जो संक्षिप्त नज़ारा हमने अभी देखा, यहइतना विलक्षण इसलिए बन सका है क्योंकि गाम्बिया के हमारे मित्रों ने हमारी सांस्कृतिक लय को बहुत सहजता के साथ अपना लिया है। मैं वास्तव में उनके प्रयासों की सराहना करता हूं।
2. आप सभी से मिलकर मुझे बेहद प्रसन्नता हुई। आप लोग आज बड़ी संख्या में यहां आए हैं,यह मेरे लिए संतोष और गौरव का विषय है। मुझे बताया गया है कि केवल गाम्बिया से ही नहीं बल्कि पड़ोसी देश सेनेगल और गिनी बिसाउ से भी भारतीय समुदाय के लोग यहां आए हुए हैं। मैं आप सभी को यह बताना चाहता हूं कि मैंने जिस भी देश की यात्रा की है,उस देश में रह रहे भारतीय समुदाय से मिलने को मैंने हमेशा प्राथमिकता दी। विदेशों में रह रहे अपने लोगों से मिलने का आनंद अलग ही होता है और ये सुखद मुलाकातें मेरी स्मृति का हिस्सा बन जाती हैं।
3. गाम्बिया के साथ हमारे संबंध दशकों पुराने हैं। लेकिन गाम्बिया की मेरी यह यात्रा किसी भारतीय राष्ट्रपति द्वारा की गई पहली यात्रा है। यह वास्तव में,भारत और गाम्बिया के संबंधों के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है। और वर्षों से इन मैत्रीपूर्ण संबंधों की प्रगति और विकास में अपना योगदान देते आ रहे हमारे अपने भारतीय समुदाय के सदस्यों के साथ इसे मनाने से बेहतर तरीका दूसरा नहीं हो सकता है। आज,मैंने राष्ट्रपति अदमा बरो से मुलाक़ात की। मैंने गाम्बिया की ‘नेशनल असेंबली’के विशेष सत्र को भी संबोधित किया। यह एक विशिष्ट सम्मान था जो मुझे और मेरे माध्यम से भारत की जनता तथा यहां और अन्य देशों में रहने वाले भारतीयों को दिया गया।
देवियो और सज्जनो,
4. मुझे बताया गया है कि यहाँ गाम्बिया में,भारतीय समुदाय गाम्बियाई समाज में बहुत अच्छी तरह से घुलमिल गया है और उन्होंने अपने साथ-साथ भारत के लिए भी अच्छी प्रतिष्ठा अर्जित की है। इसलिए,मैं आपको भारत के सफल प्रतिनिधियों के रूप में और "वसुधैव कुटुम्बकम"अर्थात समूचा विश्व ही एक परिवार है,की भावना को आत्मसात करने के लिए बधाई देता हूं। आपने अपने परिश्रम,समर्पण और गाम्बियाई समाज में महत्वपूर्ण योगदान के माध्यम से अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई है। शिक्षकों और शिक्षा प्रसारकों के रूप में आपने इस देश के राष्ट्र निर्माण में योगदान दिया है। उद्यमियों के रूप में,आपने स्थानीय लोगों के लिए आर्थिक अवसर और कौशल उपलब्ध कराए हैं। और व्यापारियों के रूप में आपने दोनों देशों के बीच वाणिज्य और उद्योग को बढ़ावा देने में मदद की है। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है किआपने इस देश में अपनी सांस्कृतिक मान्यताओं और परंपराओं का संवर्धन किया है और इनकी छवि चमकाई है। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई कि आप अपने परिवारीजनों और मित्रों के साथ अपनी-अपनी मातृभाषा में बात करते हैं,चाहे वह हिन्दी, मलयालम,सिन्धी, गुजराती या पंजाबी हो,और अपनी आने वाली पीढ़ियों को भी पूरी उत्सुकता के साथ मातृभाषा की यह परंपरा आगे बढ़ा रहे हैं। आप न केवल स्वयं बल्कि स्थानीय समुदाय को भी शामिल करके होली,दिवाली, ईद से लेकर विशु जैसे अपने सभी पर्व और त्यौहार मनाते हैं। इस सांस्कृतिक अंतर्मिलन से स्थानीय लोगों के दिलों में भारतीय भाषाओं और मनोरंजन के साधनों के लिए जगह बनी है। मुझे बताया गया है कि बंजुल में रेडियो पर बॉलीवुड कार्यक्रम प्रसारित किए जाते हैं, जिनकी प्रस्तुति गाम्बिया के रेडियो जॉकी हिन्दी में करते हैं! संस्कृतियों का संगम है इसे ही कहते हैं।
5. मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई कि जब कभी भी आवश्यकता हुई, भारतीय समुदाय हमेशा ही स्थानीय सरकार की सहायता के लिए आगे आया है। इस क्षेत्र में इबोला संकट के दौरान, आपातकालीन सहायता के लिए गाम्बिया की सरकार के प्रयासों में समुदाय ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। यहां के राष्ट्रीय अस्पताल में जब कभी दवाओं या चिकित्सा सामग्री की कमी हुई है,भारतीयसमुदाय एकजुट होकर इन वस्तुओं की आपूर्ति के लिए सामने आया है। इस तरह के नेक कार्यों के माध्यम से, आपने गाम्बिया के लोगों के दिल में अपने लिए स्थान बना लिया है।
देवियो और सज्जनो,
6. इस वर्ष,हम अपने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहे हैं। बंजुल में महात्मा गांधी के जीवन और विरासत का उत्सव मनाने के लिए,मैं कल एबुन्जन थिएटर में उन पर आधारित एक प्रदर्शनी का उद्घाटन करने जा रहा हूं। आप सभी को प्रदर्शनी देखने के लिए वहां आना चाहिए और महात्मा गांधी के जीवन व शिक्षाओं से सीख लेनी चाहिए। उन्होंने जो भी कार्य किए उसके गहरे निहितार्थ हैं। उन्होंने खादी की वकालत की; वे स्वयं रोज़ाना सूत कातते थे और इसे वे आत्मनिर्भरता का प्रतीक समझते थे।मुझे आशा है कि आप अपने दैनिक जीवन में उनके जीवन-मूल्यों को आत्मसात करने का प्रयास करेंगे, क्योंकि ऐसा करके ही हम अपनीभावी पीढ़ियों के लिए बेहतर कल का निर्माण कर सकते हैं।
7. मैं इस देश में भारतीय संस्कृति,संगीत, नृत्य,आयुर्वेद, भोजन और आध्यात्मिक चेतना को लोकप्रिय बनाने में आपकी भूमिका की गहरी सराहना करता हूं। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई कि गाम्बिया में योग का व्यापक रूप से अभ्यास किया जाता है और प्रतिवर्ष ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
देवियो और सज्जनो,
8. विकास और प्रगति की हमारी खोज-यात्रा में,विदेश में रह रहा भारतीय समुदाय एक बहुमूल्य साझेदार हैं। हम आपके साथ गहराई और मजबूती से जुड़ने के लिए उत्सुक हैं। इसके लिए हमने ‘प्रवासी भारतीय दिवस’, ‘भारत को जानो कार्यक्रम’, ‘प्रवासी बच्चों के लिए छात्रवृत्ति’और ‘भारत को जानिए’प्रश्नमंच जैसी कई पहलें की हैं। हमने प्रवासी भारतीयों के लिए ‘वन-स्टॉप संसाधन केन्द्र’के रूप में दिल्ली में ‘प्रवासी भारतीय केन्द्र’की स्थापना की है।
9. विदेशों में अपने प्रवासी भाई-बहनों का समर्थन करने के लिए, अपनी सार्वजनिक सेवा वितरण को सुचारू,सुगम और कार्यक्षम बनाने की ओर हमारा विशेष ध्यान है। हमने पासपोर्ट, कांसुलर दस्तावेज और ओसीआई कार्ड आसानी से उपलब्ध कराने के लिए कई उपाय किए हैं। जरूरतमंद लोगों तक पहुंचने के लिए,हमने सोशल मीडिया, ऐप्स और डिजिटल प्लेटफॉर्म को अपनाया है ताकि उन तक त्वरित और लक्षित सहायता पहुंचाई जा सके। पिछले पांच वर्षों में,हमने विदेशों में मानवीय आपदाओं में फंसे हुए 90,000से अधिक भारतीयोंकेसाथ ही 50अन्य देशों के नागरिकों को भी बचाया है। हमारी पहल के परिणामस्वरूप,विदेशों में हमारे लोगों के बीच सरकार के प्रति एक नया विश्वास उत्पन्न हुआ है। वे आश्वस्त हैं कि जब कभी भी जरूरत होगी; हम उनके साथ और उनके लिए खड़े होंगे।
देवियो और सज्जनो,
10. भारत एक परिवर्तनकारी विकास पथ पर अग्रसर है। देश में नई ऊर्जा और उद्देश्य परकता दिखाई दे रही है। हमने अगले 7 वर्षों में अपने सकल घरेलू उत्पाद को दुगुना करके 5 ट्रिलियन डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य रखा है। एक सप्ताह पहले, हमने सफलतापूर्वक अपना दूसरा चन्द्र अभियान, ‘चंद्रयान II’ प्रक्षेपित किया है। यह हमारे लिए बहुत गर्व का क्षण था।2022में,हम अपनी स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मनाएंगे। हम21वीं सदी के समृद्ध भारत की यात्रा में लगातार आगे बढ़ रहे हैं। भारत सरकार ने ‘मेक इन इंडिया’, ‘डिजिटल इंडिया’, ‘माल और सेवा कर’, ‘स्वच्छ भारत’, ‘आयुष्मान भारत’, और ‘उज्ज्वला योजना’जैसी विभिन्न पहलों को कार्यान्वित किया है। इनके परिणामस्वरूप परिवर्तनकारी आर्थिक विकास और सामाजिक बदलाव हो रहे हैं,और यह सुनिश्चित हो रहा है कि विकास का लाभ देश के सभी कोनों और समाज के सभी वर्गों तक पहुंचे।
11. मैं आपको हम सभी की प्रगति और समृद्धि की इस यात्रा में शामिल होने के लिए आमंत्रित करता हूं। मैं आपको एक निमंत्रण और देता हूं कि जब कभी भी आप दिल्ली आएं तो राष्ट्रपति भवन अवश्य आएं। यह भले ही मेरा आधिकारिक निवास है, लेकिन यह भवन सभी भारतीयों का है। यह आपकी विरासत और गौरव का हिस्सा है। आज शाम यहां आने के लिए मैं आप सभी को पुनः धन्यवाद देता हूं। आपके बेहतर स्वास्थ्य,प्रगति और समृद्धि के लिए मैं आप सभी को अपनी शुभकामनाएं देता हूं।