लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी, मसूरी के 120वें प्रवेश प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रतिभागियों के साथ भेंट के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द का संबोधन
राष्ट्रपति भवन : 03.08.2018
1. मैं राष्ट्रपति भवन में आपका स्वागत करता हूं और भारतीय प्रशासनिक सेवा में आपके प्रवेश पर आपको बधाई देता हूं। यह आप सभी के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और मैं आपको और आपके परिवारों को इसके लिए शुभकामनाएं देता हूं।
2. आप 18 अलग-अलग राज्य संवर्गों का प्रतिनिधित्व करते हैं और इस प्रवेश प्रशिक्षण के लिए एक साथ आए हैं। आप भारत की विविधता को प्रतिबिंबित करते हैं और मुझे विश्वास है कि इस प्रशिक्षण के दौरान आपने एक दूसरे से भारत के बारे में भरपूर जानकारी प्राप्त की होगी। मुझे बताया गया है कि आपमें से तीस प्रतिशत से ज्यादा संख्या महिला अधिकारियों की है। यह एक स्वागत योग्य संख्या है, जिससे उस आधुनिक भारत की झलक मिलती है जिसका लक्ष्य महिलाओं को अवसर की समानता प्रदान करने का है।
3. अब आप अपने-अपने राज्य की सिविल सेवाओं से निकलकर एक अखिल भारतीय सेवा अर्थात् भारतीय प्रशासनिक सेवा में प्रवेश कर रहे हैं। अखिल भारतीय सेवाएं देश के शासन में अति महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और वह भी सरकार के अलग-अलग स्तरों पर। हमारे प्रथम गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने यह समझ लिया था कि भारत तब तक एकीकृत और सुशासित नहीं हो सकता जब तक केन्द्रीय और राज्य दोनों स्तरों पर शासन प्रदान करने वाली कोई कुशल और पेशेवर अखिल भारतीय सिविल सेवा विद्यमान न हो।
4. अखिल भारतीय सेवाओं ने देश के विकास और हमारी अर्थव्यवस्था की प्रगति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राष्ट्र निर्माण में इन सेवाओं के योगदान पर कोई संदेह नहीं कर सकता। परंतु हमें यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी समीक्षा स्वयं करनी चाहिए कि हमारी सिविल सेवाओं में लगातार सुधार होता रहे।
5. यह जानना जरूरी है कि क्या हम अपने लोगों की उम्मीदों पर वास्तव में खरे उतरे हैं। क्या हम समतापूर्ण, न्यायसंगत और कुशल तरीके से विकास के फायदे पहुंचाने में कामयाब हो पाए हैं। हमें अपनी युवा आबादी और हमारे समाज के गरीब और पिछड़े हुए वर्गों की अपेक्षाओं का ध्यान रखना होगा। हम अपनी शासन प्रणाली की गुणवत्ता के बारे में पूछे जाने वाले प्राय: जायज सवालों को अनदेखा नहीं कर सकते।
6. आपके सामने सबसे महत्वपूर्ण चुनौती भारत के लोगों, जिनकी सेवा का आपको अधिदेश दिया गया है, को यह विश्वास दिलाना है कि सिविल सेवक अपने व्यवहार में निष्पक्ष, ईमानदार, पेशेवर और योग्य हैं।
7. जन सेवकों के रूप में सिविल सेवा अधिकारियों को अपने व्यक्तिगत आचरण से आदर्श उपस्थित करना चाहिए। अपने पेशेवर आचरण में ईमानदारी और निष्ठा, विनम्रता और भारत की तथा हमारे समाज की विविधता के प्रति संवेदनशीलता से कोई समझौता नहीं किया जा सकता।
8. सभी अधिकारी भारत की जनता के लिए कार्य करते हैं। फिर भी, कुछ लोगों को सरकारी सहयोग की आवश्यकता, दूसरों से अधिक होती है। सिविल सेवा अधिकारियों को हमारे उन नागरिकों की सेवा में अपनी ऊर्जा लगानी होगी जो आर्थिक रुप से कमजोर, सामाजिक रूप से पिछड़े और राजनीतिक रूप से निर्बल हैं। इन वर्गों पर सबसे अधिक ध्यान दिए जाने की जरूरत है।आपका लक्ष्य, ऐसे लोगों के जीवन में सार्थक सुधार लाने का होना चाहिए।
9. सिविल सेवाओं को राजनीतिक शासन की व्यापक व्यवस्था के अंतर्गत काम-काज करना होता है।लोकतंत्र में राजनेताओं कोलोगों की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करने और सरकार से अपेक्षित काम-काज की कार्यसूची की रूपरेखा बनाने के लिए निर्वाचित किया जाता है। सिविल सेवकोंका कार्य, नीतियों के निर्माण और कार्यान्वयन में राजनीतिक कार्यपालिका की मदद करने का है।
10. उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सरकारी नीतियां कानून और संविधान की भावना के अनुरूप तैयार की जाएं। सिविल सेवकों को उस राजनीतिक कार्यपालिका को, स्वतंत्र और निष्पक्ष तथा पूर्वाग्रह से मुक्त सलाह देनी चाहिए, जिनकी मदद के लिए वे तैनात हैं।
11. इसके लिए अधिकारियों को न केवल अपने कामकाज में बल्कि उन संगठनों में भी कार्य कुशलता को प्रोत्साहित करना चाहिए जिनका वे नेतृत्व कर रहे हैं। उन्हें अपने ज्ञान और कौशल को अद्यतन बनाने तथा अपने अधीनस्थ लोगों की क्षमता निर्माण के लिए दृढ़ता के साथ प्रतिबद्ध होना चाहिए।
12. अब आप अपने कार्य क्षेत्रों के एक नए दौर में कदम रख रहे हैं और इस स्थिति में प्रवेश प्रशिक्षण कार्यक्रम एक अहम पड़ाव है। आपको भारत के शासन और प्रशासन में अब एक वृहद भूमिका निभानी होगी। और इसके लिए आपको अपनी-अपनी अभिवृत्तियों का पुनः समंजन करने कौशल परिष्करण करने और परिप्रेक्ष्य विस्तार करने की जरूरत होगी। मुझे विश्वास है कि राज्य सिविल सेवाओं में आपके अनुभव से आपको एक ऐसा आधार हासिल है जिससे अपनी भावी भूमिका में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने में आपको मदद मिलेगी।
13. भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी के तौर पर आपको जाति, समुदाय और क्षेत्रीय पहचान की सोच से ऊपर उठने के प्रति पहले से कहीं अधिक गहरी प्रतिबद्धता सृजित और प्रदर्शित करनी चाहिए। आप चाहे जहां भी काम करें, किसी जिले या राज्य में, मंत्रालय या विभाग में – कहीं भी काम करें, आपको राष्ट्र निर्माण के कार्य में अपना सर्वोत्तम योगदान करना चाहिए। मुझे विश्वास है कि लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी के प्रवेश पाठ्यक्रम से आप अपनी भावी जीवनवृत्ति में वृहत्तर दायित्व ग्रहण करने के लिए जरूरी कौशल से लैस हो गए हैं।
14. मैं आपको भारतीय प्रशासनिक सेवा और हमारे राष्ट्र वहमारी जनता की सेवा में एक दीर्घ कालिक और संतुष्टिपूर्ण जीवनवृत्ति के लिए शुभकामनाएं देता हूं।