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चौथे बुनियादी प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने वाले केन्द्रीय स्वास्थ्य सेवाओं के सामान्य ड्यूटी चिकित्सा अधिकारियों (जीडीएमओ) से भेंट के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द का संबोधन

राष्ट्रपति भवन : 23.01.2020

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1. मैं राष्ट्रपति भवन में आपका स्वागत करता हूं। आप सभी से मिलकर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है।

2. मैं सभी सामान्य ड्यूटी चिकित्सा अधिकारियों को बधाई देता हूं। आपने अपने समर्पण और कड़ी मेहनत के बल पर अत्यंत कठिन प्रतियोगी परीक्षा में सफलता हासिल की है। इस सफलता में जितना योगदान आपकी मेहनत का है – यह भी याद रखें कि आपके शिक्षकों और प्रोफेसरों के प्रयासों तथा आपके परिवारों के त्याग का भी उतना ही योगदान है, जिसके कारण आपका यहाँ तक पहुंचना संभव हो सका।

3. डॉक्टरों और चिकित्सा-कर्मियों के रूप में, आपकी सफलता केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि आपकी सफलता आपको मूलत: देशवासियों की भलाई के साथ आपको जोड़ती है। सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा तंत्र में सेवारत डॉक्टरों के रूप में, आप ऐसे अनेक लोगों की आशा के केन्द्र हैं, जिन्हें आपकी सेवा और देखभाल की आवश्यकता है।

4. आज का भारत, हमारे युवाओं को अभूतपूर्व और विविधतापूर्ण कैरियर के अवसर उपलब्‍ध करा रहा है। अपनी शैक्षणिक उत्कृष्टता, अपने चिकित्सा कौशल और अपनी विशेषज्ञता के साथ, आप तेजी से बढ़ रहे निजी क्षेत्र में शामिल हो सकते थे या आकर्षक करियर के लिए विदेश जा सकते हैं, लेकिन आपने सरकारी सेवा में शामिल होने का निर्णय लिया है, जिसका अर्थ है कि आपने लोगों के जीवन में बदलाव लाने के उद्देश्य से देश की सेवा करने का विकल्प चुना है। मैं आपके निर्णय की सराहना करता हूं।

5. लोग डॉक्टरों को भगवान का दर्जा देते हैं क्योंकि आपके पास लोगों को रोगमुक्त करने और उनके जीवन की रक्षा करने की शक्ति है। कल्पना कीजिए कि आप किसी डॉक्टर से क्या उम्मीद करते यदि स्‍वयं आपको देखभाल की जरूरत होती। आपको सबसे ज्यादा सुकून किस बात से मिलेगा? मुझे लगता है कि यदि आपका डॉक्टर आपकी स्थिति के बारे में आपसे बात करे और आपकी बात सुने तो उसी से आपको सर्वाधिक आराम मिलेगा। केवल यह पहल ही रोगियों में सकारात्मकता और आशा की भावनाओं को संचारित कर सकती है, जिससे वे बेहतर महसूस कर सकते हैं। इस तरह की संवेदनशीलता के साथ आपके द्वारा बताए गए उपचार से रोगियों को चमत्‍कारिक लाभ प्राप्‍त हो सकता है।

6. मेरा यह आग्रह है कि आप हमेशा, अपनी विनम्रता और करुणा की भावना को बनाए रखें क्योंकि लोग आपके और आपके महान पेशे के प्रति जबरदस्त विश्वास रखते हैं। जब भी आप अपने आपको काम के बोझ से दबा हुआ महसूस करें या आप किसी पेशेवर चुनौती से जूझ रहे हों, तो अपने आप को एक स्वस्थ राष्ट्र की नींव के पत्‍थर के रूप में देखें। जब हमारे देशवासी स्वस्थ होंगे तभी हम आत्मविश्वास के साथ अपने विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने का प्रयास कर सकते हैं। इस कार्य में, आप लोगों की भूमिका महत्वपूर्ण है।

7. देशवासियों को स्वास्थ्य-चर्या उपलब्ध कराने में हमारे देश ने बहुत प्रगति की है। किसी समय में बड़ी संख्‍या में लोगों की मृत्यु का कारण बनने वाले पोलियो और चेचक जैसे रोग आज परास्त किए जा चुके हैं। हमारा टीकाकरण कार्यक्रम मजबूत होता जा रहा है। हमने मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर को कम करने में सफलता पाई है।

8. फिर भी, हमारे सामने अभी अनेक चुनौतियां हैं और एक ऐसी समग्रतापूर्ण स्वास्थ्य प्रणाली विकसित करने के लिए हमें एक लंबा रास्ता तय करना है, ऐसी प्रणाली,जो ग्रामीण और शहरी दोनों ही क्षेत्रों में हमारे नागरिकों के लिए किफ़ायती भी हो और सुलभ भी। इस संबंध में, यह देखकर संतोष होता है कि सरकार ने सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज को अपनी प्राथमिकता में शामिल किया है। ‘आयुष्मान भारत योजना’ का कार्यान्वयन और इसकी सफलता इस दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। हमें इस पहल को मजबूत बनाते रहना होगा और इस कार्य में आप सभी चिकित्सकों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

9. हमारे देश में बीमारियों के बोझ में बढ़ोतरी हो रही है। हमें टीबी, मलेरिया और डेंगू जैसी व्यापक बीमारियों से निपटना है, और इसके साथ ही साथ मधुमेह, मोटापा,उच्च रक्तचाप,अवसाद आदि जैसी जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों की बढ़ती हुई संख्या से भी निपटना है। मैं आपसे आग्रह करता हूं कि स्वास्थ्य-रक्षा के लिए - रोकथाम, आरोग्य, इलाज, सामुदायिक सशक्तीकरण की कार्य-नीति से लेकर अनुसंधान और नवाचार तक एक बहु-आयामी कार्यनीति की दिशा में काम करें। युवा और कुशाग्र बुद्धि के स्वामी के रूप में, आपको अनुसंधान और नवाचार के कार्य में संलग्न होना चाहिए और आम जनता को लाभ पहुंचाने के लिए किफायती स्वास्थ्य-चर्या के तरीके खोजने चाहिए।

10. चिकित्सक के रूप में आप लोग, स्वस्थ जीवन शैली को प्रोत्साहित करने में प्रमुख भूमिका निभा सकते हैं। हम नियमित व्यायाम और शारीरिक गतिविधि, योग-अभ्यास और ध्यान के माध्यम से अपने जीवन में बढ़ते तनाव की समस्‍या का समाधान कर सकते हैं। आप इस प्रकार की जीवन शैली को बढ़ावा देने और आरोग्य की संस्कृति को प्रचलन में लाने में प्रभावी भूमिका निभा सकते हैं।और, मुझे आशा है कि आप सभी अपने जीवन में भी ऐसी ही स्वस्थ जीवन शैली अपनाएंगे।

प्रिय युवा चिकित्‍सको,

11. अपने आगे के लंबे करियर के दौरान, आप स्वास्थ्य क्षेत्र में अनेक प्रकार की भूमिकाएँ निभा रहे होंगे। आप स्वास्थ्य-चर्या प्रदान करने तथा परियोजनाओं के प्रशासन एवं नेतृत्‍व में तथा कभी-कभी नीतिगत योगदान देने में भी शामिल होंगे। जैसा कि हर लंबी यात्रा में होता आया है, आपकी यात्रा में भी उतार-चढ़ाव के साथ-साथ चुनौतियां भी सामने आएंगी। लेकिन बात ये मायने रखती है कि आप मजबूती से अपने रास्ते पर निरंतर आगे बढ़ते रहें। अपनी इस संतोषप्रद यात्रा में, आपके पास अनेक देशवासियों के जीवन में बदलाव लाने का अवसर होगा। मुझे विश्वास है कि, इस प्रकार का अवसर प्राप्‍त होना ही आपकी सबसे बड़ी प्रेरणा होगी। जरूरतमंदों का अपने जादुई स्‍पर्श की सहायता से इलाज करते हुए हमेशा पूरी सत्यनिष्ठा और पेशेवर नैतिकता के उच्चतम मानकों को बनाए रखें।

12. इन्हीं शब्दों के साथ, मैं एक बार पुनः आप सभी को इस सफलता पर बधाई देता हूं। लंबे और सार्थक करियर के लिए आपको शुभकामनाएं। हम सभी को आपसे बहुत उम्मीदें हैं। मेरी कामना है कि आप उन सभी उम्‍मीदों को पूरा करने के साथ-साथ और भी बहुत कुछ संपन्‍न करें।

धन्यवाद

जय हिन्द!