भारतीय प्रशासनिक सेवा (2017 बैच) के अधिकारियों से भेंट के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द का संबोधन
राष्ट्रपति भवन : 23.09.2019
1. मैं राष्ट्रपति भवन में आप सबका हार्दिक स्वागत करता हूं और देश की प्रतिष्ठित भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल होने के लिए आप सबको शुभकामनाएं देता हूं। आप सब प्रतिभाशाली युवा हैं और अब एक विशेषाधिकार संपन्न समूह का हिस्सा बन गये हैं। इस विशेषाधिकार का आधार उच्चतर सेवा और कर्तव्यनिष्ठा की वह भावना है जिसकी आपसे अपेक्षा की जाती है। आपकी प्रतिष्ठित सेवा की यही विरासत है और आप सबको इसे अवश्य आगे बढ़ाना चाहिए।
2. भारत के विकास और प्रगति में आपकी सेवा की भूमिका अग्रिम पंक्ति के योद्धाओं की है। पिछले सात दशकों में एक राष्ट्र के रूप में हमने महत्वपूर्ण प्रगति की है परंतु अभी अनेक उपलब्धियां हासिल करनी हैं। हमें अभी अनेक सामाजिक चुनौतियों से निपटना है। हमारे समक्ष ऐसी आर्थिक बाधाएं हैं, जिनके कारण विकास में तेजी लाना हमारा दायित्व हो जाता है परंतु पर्यावरण का भी पूरा ध्यान रखना होगा। सामाजिक न्याय और समता के सिद्धांतों का पालन करने की आवश्यकता भी लगातार बनी हुई है। एक राष्ट्र के रूप में और नागरिक होने के नाते हम इन बाधाओं को पार करने और भारत में आमूल परिवर्तन लाने के संकल्प पर दृढ़ हैं। और आप सब अपनी परिवर्तनकारी भूमिका में इन सबके केन्द्र में होंगे। आपकी पीढ़ी, जीवंत लोकतंत्र के रूप में, वैश्विक अर्थव्यवस्था के संचालक के रूप में और निर्धनता का उन्मूलन करके जनता को उच्चतर जीवनस्तर प्रदान करने वाले राष्ट्र के रूप में भारत के अपूर्व परिवर्तन की साक्षी होगी।
3. हमने नये भारत के निर्माण का संकल्प लिया है। पिछले कई वर्षों में ग्रामीण आवास, शौचालय, बिजली, सड़क, स्वच्छ रसोई ईंधन और वित्तीय समावेशन जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने में सरकार ने उल्लेखनीय प्रगति की है। अब हमने पूरे भारत में करोड़ों लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने का कार्य हाथ में लिया है। एक अरब से अधिक लोगों को डिजिटल पहचान उपलब्ध करायी गयी है। अधिक से अधिक जन सेवाएं डिजिटल प्लेटफार्म पर उपलब्ध कराई जा रही हैं। इससे लोगों का जीवन आसान हो रहा है और इससे उनकी आकांक्षाएं बढ़ने लगी हैं, जिन्हें पूरा करना हमारा कर्तव्य है।
4. आप भारत सरकार के साथ 3 महीने के अटैचमेंट की अवधि पूरी करने वाले हैं। विभिन्न मंत्रालयों के काम-काज से जुड़कर आपको हमारी राष्ट्रीय प्राथमिकताओं, हमारी विविधता और हमारी चुनौतियों का व्यापक चित्र देखने को मिलाहोगा। ‘आयुष्मान भारत’, ‘जल शक्ति अभियान’, ‘स्वच्छ भारत’ और ‘बेटी बचाओ—बेटी पढ़ाओ’ जैसे हमारे कुछ प्रमुख अभियानों के विस्तार, समावेशन और उद्देश्यों को जानकर आपको इस बात का ज्ञान हो गया होगा कि हम कितने बड़े पैमाने पर बदलाव लाना चाहते हैं। जिलास्तरीय प्रशिक्षण और अटैचमेंट से आपको जमीनी वास्तविकताओं की जानकारी हो चुकी है। इस तरह आप परिकल्पना और क्रियान्वयन, दोनों प्रक्रियाओं में भाग ले चुके हैं। अब आप इन दोनों का समन्वय और संयोजन करने के लिए पूरी तरह सक्षम हो चुके हैं।
5. अपने प्रयासों द्वारा आपको ऐसे उपायों पर ध्यान देना होगा जिनसे सर्वोत्तम संभव परिणाम प्राप्त हों। आपको टीम भावना पर विशेष बल देना चाहिए, सबको साथ लेकर चलना चाहिए और प्रत्येक सदस्य के योगदान को मान्यता देनी चाहिए। ऐसा करते हुए आपको नेतृत्व प्रदान करना है और रोल मॉडल बनना है तथा सुशासन को बढ़ावा देने के लिए टेक्नॉलॉजी का सर्वोत्तम उपयोग भी करना है। आपको सामाजिक—आर्थिक कार्यक्रमों में जन-भागीदारी को अधिकाधिक प्रोत्साहन देना है, विशेष रूप से उन स्थितियों में, जब लोगों की मानसिकता और प्रवृत्तियों को प्रभावित करना हो। प्रशासन का संदर्भ आज ‘हम’ और ‘वे’ से जुड़ा नहीं रह गया है, अपितु अब यह ‘हम’ और ‘हम सब एक साथ’ से जुड़ गया है। सरकार और जनता के बीच की दूरी मिटनी ही चाहिए। आपका दृष्टिकोण जन—केन्द्रित और जनता के प्रति संवेदनशील होना चाहिए। अपने लोगों के लिए ‘जीवन की सुगमता’ बढ़ाना हमारा कर्तव्य है।
6. बदलाव भरे इस दौर में, परिणाम हासिल करने के लिए संपर्क व संवाद की भूमिका आधारभूत बन गयी है। आपको डिजिटल प्लेटफॉर्म, सोशल मीडिया, यूथ क्लब तथा अन्य साधनों का उपयोग करते हुए जनता और अन्य हितधारकों के साथ प्रभावी संचार संपर्क अवश्य विकसित करना चाहिए। ये आपके लिए फीडबैक के प्रभावी माध्यम बनेंगे।
7. भारत तेजी से बदल रहा है। युवा पीढ़ी की आकांक्षाएं बढ़ती जा रही हैं। महिलाएं आत्म-विश्वास से भरी हैं और राष्ट्र निर्माण में वृहत्तर भूमिका निभा रही हैं। हमारे देशवासी चुस्त-दुरुस्त जनसेवाएं, बेहतर सड़कें, बेहतर साफ-सफाई और बेहतर डिजिटल नेटवर्क चाहते हैं। हम यह भी देख रहे हैं कि सार्वजनिक जीवन में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ी है।
8. ये सब आपके समक्ष नयी चुनौतियां प्रस्तुत करते हैं। लेकिन आप सब इन्हें बाधाओं के रूप में न देखें। जनहित में निर्णय लेने में आपको तनिक भी हिचकिचाना नहीं है। आपको अधिकार सौंपे गये हैं और आपको इनका उपयोग निष्पक्षता के साथ करना चाहिए। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो, आप किसी को उसके हक से वंचित कर रहे हैं और इस बात की अधिक संभावना है कि वह व्यक्ति जरूरतमंद और गरीब हो। इसके साथ—साथ, आपको अपने कर्तव्य के निर्वहन में सत्यनिष्ठा और ईमानदारी के उच्चतम मानदंडों को बनाए रखना चाहिए। आपका मूल्यांकन आपके कार्यों और आपकी नीयत के आधार पर होगा। भारत के लोगों ने आप पर गहरा विश्वास किया है और उनके विश्वास की रक्षा के लिए आप सबको हर संभव प्रयास करना चाहिए।
9. आप ‘नए भारत’ का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह भारत आत्मविश्वास से परिपूर्ण, प्रगतिशील, विचारों का स्वागत करने वाला और जनता को शासन के केन्द्र में स्थित करने वाला है। आपने यह करियर आजीविका के लिए नहीं बल्कि सेवा के लिए चुना है। और आपके आचरण तथा व्यवहार में भी यह स्पष्ट रूप से दिखाई देना चाहिए। मैं आशा करता हूं कि आप आगे बढ़कर जिला प्रशासन से जुड़ी समूची शब्दावली बदल देंगे जिसमें अधिकार और शक्ति को सेवा तथा वृहत्तर उद्देश्य के प्रतिसमर्पण के रूप में देखा जाना चाहिए।
10. कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में आपकी अग्रणी भूमिका है और यदि भारत को पांच ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बनना है, कृषि आमदनी को दुगुना करना है, सामाजिक न्याय का लक्ष्य प्राप्त करना है और महिलाओं को प्रगति में बराबर का भागीदार बनाना है तो आपको सर्वोपरि भूमिका निभानी होगी। जीवन में यहां तक पहुंचने के लिए आपने पूरी निष्ठा के साथ कठिन परिश्रम किया है। अब आपको इसी उत्साह और समर्पण के साथ भारत के लोगों की सेवा करनी है।
11. और, जब आप अपने भावी करियर के लिए तैयारी कर रहे हैं, तो मैं आपको सचेत करने के लिए कुछ कहना चाहता हूं। हमारे यहां शासन की संसदीय प्रणाली है। हम अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करते हैं जिनकी निष्ठा राज्यों व केन्द्र में शासन कर रहे अपने-अपने राजनीतिक दलों के प्रति होती है। इन राजनीतिक प्रतिनिधियों को दोहरी भूमिका निभानी होती है—पहली, जनसेवक के रूप में और दूसरी अपने राजनैतिक कार्यक्षेत्र का विकास करने वाले की। लेकिन आपकी केवल एक ही भूमिका है, और वह है लोक सेवक के रूप में जनता की सेवा करने की। सरकारी नीतियों के क्रियान्वयन में, सरकारी दायित्व को पूरा करते हुए आपसे अपेक्षा की जाती है कि आप सदैव निष्पक्ष और तटस्थ रहेंगे। यदि आप ऐसा नहीं कर पाते हैं तो आप उस विश्वास को भंग करेंगे जो व्यवस्था द्वारा आप के प्रति व्यक्त किया गया है। निष्पक्षता ब्यूरोक्रेसी की कसौटी है और आपको इसका अक्षरशः पालन करना चाहिए।
12. आपकी सेवा भारत के प्रशासन की धुरी है जो राष्ट्र, राज्य और स्थानीय प्रशासन के विभिन्न स्तरों को समन्वित, एकीकृत और संयोजित करती है। देश के गरीबों और उपेक्षितों की आशाएं और आकांक्षाएं आप पर निर्भर हैं और हमारे एक अरब से अधिक देशवासियों की खुशहाली भी आप सब पर ही निर्भर है। मुझे विश्वास है कि आप सब उनकी अपेक्षाओं पर खरे उतरेंगे। मैं आप सबके लिए करियर में सर्वोत्कृष्ट उपलब्धियों की कामना करता हूं।