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भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारियों (2016 बैच) से भेंट के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्‍द का संबोधन

राष्ट्रपति भवन : 27.07.2018

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1. मैं, भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2016 बैच के 176 अधिकारियों का राष्ट्रपति भवन में स्वागत करता हूं। मैं, भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में सहायक सचिव की श्रेणी में तेरह सप्ताह की आपकी सीमित नियुक्ति पर प्रशिक्षण पूरा करने पर आपको बधाई देता हूं। अब आप अपने-अपने राज्यों के लिए रवाना होने वाले हैं और हमारे देश की वास्तविकताओं को समाहित करने उन सैकड़ों जिलों में अपने-अपने नए कार्य-ग्रहण के लिए तैयार हैं जो हमारे देश की सच्‍ची तस्‍वीर पेश करते हैं। अपने प्रशिक्षण तथा अपने भविष्य और भारत के भविष्य की योजना पर विहंगम दृष्टि डालने का यह एक अच्छा अवसर है।

2. भारतीय प्रशासनिक सेवा हमारी उत्कृष्ट अखिल भारतीय सेवा है। यह उन संस्थाओं में से एक है जो हमारे देश को जनसेवा की एकरूप संस्कृति और मान्‍यताओं को प्रोत्साहित करके एकसमान प्रशासन ढांचे और साझे प्रशासनिक लोकाचार में सूत्रबद्ध करता है।जिलों और राज्यों की राजधानियों में भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारियों के रूप में आप राष्ट्रीय और संघ सरकार के कार्यक्रमों के कार्यान्वयन की जिम्मेदारी भी संभालेंगे। इन्हें यदा-कदा स्थानीय हालात के अनुकूल बनाना या ढालना पड़ सकता है। ऐसा करते हुए,आप भारत सरकार और राज्य सरकार के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में काम करते हैं। ऐसी स्थिति में, आपका दायित्व है कि हमारे अति विविधतापूर्ण देश में सरकार के प्रत्‍येक सोपान तक इस प्रतिष्ठित अखिल भारतीय सेवा की ज्ञान संपदा, विशेषज्ञता, अनुभव और निष्ठा के मानकों को पहुंचाएं।

3. इस दृष्टि से यह महत्वपूर्ण है कि काम पर अपने राज्यों के लिए रवाना होने से पहले आप यह जान लें कि केंद्र सरकार और इसके मंत्रालय और विभाग कैसे काम करते हैं। यही अनुभव कराने के लिए सहायक सचिवों के रूप में अल्‍पावधि की इस सेवा की अभिकल्‍पना तैयार की गई है।2015 में यह कार्यक्रम शुरू होने के बाद से आप इस नवाचार से लाभान्वित होने वाले भारतीय प्रशासनिक सेवा के चौथे बैच के अधिकारी हैं।

4. पिछले कुछ सप्‍ताह के दौरान, आपने उन मंत्रालयों के कामकाज और अन्‍य बारीकियों की जानकारी प्राप्‍त की होगी जिनमें काम के लिए आपको भेजा गया था। आपने एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्स-आकांक्षी जिलों और ‘ग्राम स्‍वराज अभियान’ जैसे मौलिक राष्‍ट्रीय कार्यक्रमों और ‘आयुष्‍मान भारत’ जैसी प्रमुख सामाजिक पहलों के बारे में जानकारी हासिल की होगी। आपने महसूस किया होगा कि चाहे आप इन कार्यक्रमों से सीधे न भी जुड़े हों तो भी आपके काम-काज पर इनका प्रभाव अवश्‍य पड़ेगा।

5. हमारी विकास यात्रा में अवसंरचना, सामाजिक सूचकांक या संभारतंत्रीय चुनौतियों के कारण पीछे रह गए जिलों के मुद्दों के समाधान में एक से अधिक विभाग और मंत्रालय शामिल होते हैं। इसी प्रकार से, सामाजिक और आर्थिक संसाधन के रूप में राष्ट्रीय स्वास्थ्यचर्या प्रसार योजना हमारी मानव पूंजी की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।

6.‘मेक इन इंडिया’, ‘डिजिटल इंडिया’, ‘स्मार्ट सिटीज़’ और ‘शहरीकरण कार्यक्रम’, ‘स्वच्छ भारत’, ‘नवीकरणीय ऊर्जा ’के लिए प्रयास, कृषि और खेतिहर उत्‍पादकता में प्रौद्योगिकी के वृहत्‍तर समेकन आदि के साथ ये कार्यक्रम महत्वाकांक्षी और चुनौतीपूर्ण हैं। इनसे हमारे समाज का तीव्र विकास होगा। ये ऐसे कार्यक्रम हैं जो आपके पेशेवर जीवन के साथ समानांतर रूप से आगे बढ़ेंगे। ये ही आपकी विरासत बनेंगे।

7. आपमें से अनेक अधिकारियों का सेवाकाल संभवत: भारत की स्वतंत्रता की 100 वीं वर्षगांठ के समय अर्थात् इक्‍कीसवीं शताब्‍दी के पांचवें दशक में सचिवों के रूप में पूरा होगा। आज हम 2.5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर वाली अर्थव्यवस्था बन चुके हैं।2040 से शुरू दशक तक हमारा सकल घरेलू उत्पाद आज से छह या सात गुना ज्यादा हो जाएगा। भारत के इतिहास में, कुछ पीढि़यों ने ही ऐसा आ‍कस्मिक परिवर्तन देखा होगा। आपकी पी‍ढ़ी बहुत भाग्‍यशाली पीढ़ी है।

8. अपनी पीढ़ी के भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारियों के तौर पर, आपका दायित्व उस आकार की अर्थव्यवस्था की चुनौतियों और अवसरों से निपटने में अपने लोगों को समर्थ बनाने, हमारी सरकार को सक्षम बनाने और हमारे देश को तैयार करने का होगा। इसके लिए आपको अपने कार्य और कामकाज के तौर-तरीके में प्रौद्योगिकी का प्रयोग बढ़ाना होगा। इसके लिए, कृत्रिम सीमाओं को तोड़ने और सरकार को सिलसिलेवार बंद खांचों के तौर पर नहीं बल्कि एक निर्बाध सेवा प्रदाता के रूप में देखने की जरूरत होगी। सबसे बढ़कर, इसके लिए प्रशासन के स्वरूप तथा नागरिकों और सरकार के बीच के संबंधों में आमूल-चूल बदलने की जरूरत होगी।

9. यह एक विराट कार्य है। सफल होने के अलावा, आपके पास कोई अन्‍य विकल्प नहीं है। जब आप अपने-अपने जिलों में जाएंगे और अपने-अपने राज्य संवर्ग में परिवर्तन-दूत बनेंगे तो हमारे देश का भविष्य आपके हाथों में होगा। मुझे विश्वास है कि आप इस दायित्व को अवश्य पूरा करेंगे और इसके लिए मैं आप सभी को शुभकामनाएं देता हूं।

धन्यवाद

जय हिंद!